शनिवार, 3 अप्रैल 2010

क्रीड़ाश्री का तीसरा चरण आज से

पायका के लिए क्रीड़ाश्री को दिए जा रहे प्रशिक्षण शिविर के दूसरे चरण का समापन आज यहां हो गया। इस चरण में १०० क्रीड़ाश्री को निखार कर तैयार किया गया है। सभी क्रीड़ाश्री यहां से इस संकल्प के साथ लौटे हैं कि उनको अपने-अपने गांवों जाकर खिलाड़ी तैयार करने हैं। खिलाडिय़ों को तैयार करने की कला सिखकर ही ये यहां से लौटे हैं।
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने पायका योजना से जुड़े प्रदेश के ९८२ गांवों के क्रीड़ाश्री को यहां पर प्रशिक्षण देने का काम प्रारंभ किया है। दूसरे चरण में १०० क्रीड़ाश्री को निखारने में खेल के जानकार एक सप्ताह तक पसीना बहाया। इन दिनों में इन क्रीड़ाश्री को इतना तराश दिया गया है कि वे अब अपने-अपने गांव जाकर खिलाडिय़ों की नई पौध तैयार करने के काम में आसानी से जुट सकते हैं। क्रीड़ाश्री को छह दिनों में जो भी बताया गया उसको आजमाने के लिए एक क्वीज स्पर्धा का भी आयोजन किया गया, इनसे स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में कबड्डी, वालीबॉल, फुटबॉल के मैदान बनवाए गए। हर मैदान में एक ९०अंश का कोण बनता है जो महत्वपूर्ण होता है। मैदान बनाने के बाद क्रीड़ाश्री को समूहों में बांटकर इनके बीच कबड्डी, फुटबॉल और वालीबॉल के मैच भी करवाए गए यह जानने के लिए कि इन्होंने इन खेलों के बारे में क्या सीखा है। खेलों से जुड़कर क्रीड़ाश्री खुश हैं कि चलो उनको भी अब खिलाड़ी तैयार करने के गुर मालूम हो गए हैं। सभी अब अपने-अपने गांव पहुंच कर खिलाडिय़ों को वो सब बताने के लिए बेकरार हैं जो इन्होंने यहां सीखा है।
प्रशिक्षण शिविर का तीसरा चरण तीन अपै्रल को पंजीयन से प्रांरभ होगा। चार अप्रैल से क्रीड़ाश्री को फिर से निखारने का काम किया जाएगा। इस चरण में २५० से ज्यादा क्रीड़ाश्री के शामिल होने की संभावना है। दूसरे चरण में महज १०० क्रीड़ाश्री आए थे। दो चरणो में ३५० क्रीड़ाश्री ही शामिल हो सके हैं, ऐेसे में बचे हुए दो चरणों में ६३२ क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण देना है।

2 टिप्‍पणियां:

Ashok Pandey ने कहा…

जानकारी के लिए धन्‍यवाद।

Udan Tashtari ने कहा…

आभार जानकारी का!!

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