प्रदेश की बास्केटबॉल टीमों ने राष्ट्र्रीय स्तर पर कमाल करते हुए एक साल में ही सात स्वर्ण पदक जीत लिए। प्रदेश की बालिका टीमों का दबदबा काफी समय से राष्ट्रीय स्तर पर कायम है। प्रदेश की बालिकाओं ने जहां स्वर्ण पदक बरसाए, वहीं बालकों की टीमों ने तीन रजत पदक जीते। इसी के साथ प्रदेश के ८ खिलाड़ी भारतीय टीम से खेले।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश बास्केटबॉल संघ के सचिव राजेश पटेल ने बताया कि प्रदेश की बालिका टीमों ने २००९-१० के सत्र में ८ राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लिया और सात स्वर्ण के साथ एक कांस्य पदक जीता। प्रदेश की टीम को पहला स्वर्ण मुंबई में खेली गई राष्ट्रीय यूथ स्पर्धा में मिला। ९ से १६ मई तक खेली गई इस स्पर्धा में बालकों की टीम ने रजत पदक जीता। छत्तीसगढ़ की बालिका टीम को दूसरा स्वर्ण २० से २२ अगस्त तक दिल्ली में खेली गई अखिल भारतीय राजीव गांधी स्वर्ण कप स्पर्धा में मिला। छत्तीसगढ़ ने तीसरा स्वर्ण भोपाल में अक्टूबर में राष्ट्रीय महिला खेलों में जीता। चौथा स्वर्ण नवंबर में मुंबई में खेली गई अखिल भारतीय रामु मेमोरियल स्पर्धा में पांचवां स्वर्ण राजनांदगांव में २ दिसंबर से ५ दिसंबर तक खेली गई राष्ट्रीय स्कूली स्पर्धा में स्वर्ण जीता। यहां पर बालकों की टीम ने रजक पदक जीता। छठा स्वर्ण चित्तोडग़ढ़ में १७ से २३ जनवरी २०१० में खेली गई राष्ट्रीय सब जूनियर स्पर्धा में मिला। सातवां और अंतिम स्वर्ण इंदौर में १७ से २४ जनवरी २०१० तक खेली गई राष्ट्रीय जूनियर स्पर्धा में मिला। इसी स्पर्धा में बालकों की टीम ने रजत पदक जीता।
श्री पटेल ने बताया कि प्रदेश की टीमों को मिली इस सफलता का फायदा यह मिला कि प्रदेश के ८ खिलाड़ी किरण पाल सिंह, अंजू लकड़ा, रंजीता कौर, ए. कविता, पुष्पा निषाद, श्याम सुंदर, अजय प्रताप सिंह और अंकित पाणिग्रही को भारतीय टीम ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेलने का मौका मिला।
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