मंगलवार, 20 अप्रैल 2010

अभी से करनी होगी राष्ट्रीय खेलों की तैयारी

छत्तीसगढ़ में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों में अगर मेजबान छत्तीसगढ़ को पदक तालिका में अहम स्थान प्राप्त करना है तो उसे अभी से तैयारी प्रारंभ कर देनी चाहिए। हमारे राज्य में हुए राष्ट्रीय खेलों के लिए हमने चार साल पहले तैयारी प्रारंभ की थी तो असम को पदक तालिका में तीसरा स्थान मिला था। हमारी राज्य सरकार ने जहां विदेशी कोच बुलाए थे, वहीं खेल संघों को भी तैयारी के लिए दो-दो लाख की मदद की थी। छत्तीसगढ़ में खेल मैदानों के बारे में उन्होंने कहा कि यहां पर काफी अच्छे मैदान हैं बाकी बनाए जाने हैं। यहां की सरकार खेलों के प्रति गंभीर नजर आती है, ऐसे में कोई काम मुश्किल होगा ऐसा लगता नहीं है।
प्रदेश के खेल विभाग और प्रदेश ओलंपिक संघ के खास बुलावे पर यहां आए श्री हजारिका ने चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलना किसी भी राज्य के लिए सौभाग्य की बात होती है। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलने से राज्य में खेलों का विकास हो जाता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में २०१३-१४ के राष्ट्रीय खेल होने हैं। अगर समय को देखा जाए तो आपके पास समय बहुत कम है और काम बहुत ज्यादा करने हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि मुङो मालूम हुआ है कि यहां के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पहले ही कह दिया है कि राष्ट्रीय खेल ऐतिहासिक होंगे और समय पर होंगे। ऐसे में यह बात तय है कि अगर वास्तव में छत्तीसगढ़ में ३७वें राष्ट्रीय खेल समय पर होते हैं तो आपके पास तीन से चार साल का ही समय है। इतने कम समय में आपको पदक तालिका में अहम स्थान पाने की तैयारी अभी से करनी होगी।
विदेशी कोच बुलाने होंगे
असम के खेल सचिव रहे श्री हजारिका से साफ शब्दों में कहा कि अगर मेजबान छत्तीसगढ़ को पदक तालिका में नंबर वन बनने के बारे में सोचना है तो उसे तो पहले ज्यादा से ज्यादा खेलों के लिए विदेशी कोच बुलाने की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि हमारे राज्य असम ने आस्ट्रेलिया के कोच बुलाए थे जिसका फायदा यह मिला कि हमारे राज्य को पदक तालिका में तीसरा स्थान मिला। हमारे राज्य में २००७ के राष्ट्रीय खेलों के लिए २००३ से तैयारी प्रारंभ की गई थी। छत्तीसगढ़ के पास भी इतना ही समय है। उन्होंने कहा कि इसी के साथ हमारी सरकार ने राज्य से हर खेल संघ को तैयारी के लिए दो-दो लाख की मदद की थी।
भिलाई, राजनांदगांव, रायपुर के मैदान देखे
श्री हजारिका ने बताया कि वे यहां पर शनिवार की रात को आए और रविवार को सुबह से भिलाई, दुर्ग और राजनांदगांव के मैदान देखने गए। उन्होंने बताया कि भिलाई के मैदानों में उनको एक मैदान पंत स्टेडियम का ठीक लगा जहां पर महिला फुटबॉल हो सकता है। इसी के साथ जयंती स्टेडियम में पुरुष फुटबॉल करवाया जा सकता है। अन्य मैदानों में भिलाई में भिलाई होटल के पास वाले मैदान में घुड़सवारी हो सकती है। भिलाई में हैंडबॉल, बास्केटबॉल और वालीबॉल के जो मैदान हैं उन मैदानों में अस्थाई तौर पर शेड डालकर इनको अभ्यास के लिए इंडोर का रूप दिया जा सकता है। बकौल श्री हजारिका राजनांदगांव के दिग्विजय सिंह स्टेडियम में अगर एस्ट्रो टर्फ लगा दिया जो तो वहां पर हॉकी के मैच हो सकते हैं।
स्पोट्र्स काम्पलेक्स पर हुए फिदा
श्री हजारिका ने पूछने पर बताया कि उनको छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा पसंद राजधानी रायपुर का स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स आया। ऐसा स्टेडियम तो असम में भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यहां पर पार्किंग की व्यवस्था होती तो यहां पर उद्घाटन और समापन का कार्यक्रम हो जाता। उन्होंने कहा कि इसके लिए वैसे भी सरकार जो खेल गांव बनाने वाली है, वहीं पर उद्घाटन और समापन होगा। उन्होंने स्पोट्र्स काम्पलेेक्स के आउटडोर स्टेडियम को भी पसंद किया और कहा कि यहां पर कुछ खेलों का अभ्यास हो सकता है। उन्होंने राजधानी के नेताजी स्टेडियम को भी देखा, लेकिन यह किसी खेल के लायक उपयुक्त नहीं लगा। श्री हजारिका परसदा के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को भी देखने गए थे, उन्होंने इस स्टेडियम की भी तारीफ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने क्रिकेट के लिए एक अच्छा और बड़ा स्टेडियम बनाया है। उन्होंने सरकार को सुङााव दिया कि खेलगांव में बनने वाले एथलेटिक्स के मैदान में ८ ट्रैक होने चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि राजधानी के साथ भिलाई में दो और राजनांदगांव में एक इंडोर स्टेडियम बनाना चाहिए। उन्होंने साइंस कॉलेज के बारे में कहा कि यहां पर एक इंडोर स्टेडियम स्टेडियम बनाया जा सकता है। श्री हजारिका ने धमतरी के गंगरेल को वाटर स्पोट्र्स के लिए उपयुक्त बताया है।
१० हजार खिलाड़ी आएंगे
श्री हजारिका ने कहा कि यह बात तय है कि राष्ट्रीय खेलों में कम से कम १० हजार खिलाड़ी और चार हजार अधिकारी आएंगे। इनके रहने और खाने की समुचित व्यवस्था सरकार को करनी पड़ेगी। खिलाडिय़ों के रहने के लिए जहां खेल गांव जरूरी है, वहीं सरकार को यह भी देखना होगा कि खेलों के जो भी आयोजन हों वो आयोजन ५० से ६० किलो मीटर के दायरे में हों। ज्यादा दूरी होने से खिलाडिय़ों का खेल प्रभावित होता है। श्री हजारिका को खेल मैदानों का भ्रमण करवाते समय उनके साथ प्रदेश ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहमद खान, विष्णु श्रीवास्तव के साथ कई खेल संघों के पदाधिकारी और खेल विभाग के अधिकारी साथ थे। वे आज शाम को असम के लिए इस वादे के लौट गए कि उनको मदद के लिए जब भी छत्तीसगढ़ बुलाया जाएगा वे जरूर आएंगे।

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