प्रदेश के उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को नौकरी के लिए अभी और लंबा इंतजार करना पड़ेगा। सामान्य प्रशासन विभाग इसके लिए नियम बनाने में लगा हुआ है। नियम बनने के बाद है जिन विभागों में पद खाली होंगे उन विभागों में इनकी भर्ती की जाएगी। खेल विभाग ने अपने विभाग में भी उत्कृष्ट खिलाडिय़ों की भर्ती करने की मांग शासन के सामने रखी है। इस समय खेल विभाग में कई पद खाली हैं।
प्रदेश सरकार ने राज्य के ७० खिलाडिय़ों को करीब पांच माह पहले उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया है। उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित होने के बाद खिलाडिय़ों को उम्मीद थी कि अब उनको नौकरी मिल जाएगी और उनका लंबा इंतजार समाप्त हो जाएगा। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है और खिलाड़ी लगातार खेल विभाग में फोन करके यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि आखिर उनको नौकरी कब मिलेगी। खिलाड़ी मीडिया से भी लगातार पूछ रहे हैं कि उनकी नौकरी का क्या हुआ। कई खिलाड़ी निरंतर जानने का प्रयास कर रहे हैं कि उनको नौकरी कब मिलेगी। ऐसे में जब इस बारे में खेल संचालक जीपी सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारा विभाग तो लगातार इस प्रयास में है कि खिलाडिय़ों को जल्द से जल्द नौकरी मिल जाए। इसके लिए विभाग सामान्य प्रशासन के साथ मिलकर नौकरी के नियम बनाने में लगा है। विभाग चाहता है कि एक बार ऐसे नियम बन जाए जिससे खिलाडिय़ों को परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि सामान्य प्रशासन में नियम बनाने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि नियम बनते ही सारे जिलों के जिलाधीशों को इसकी जानकारी भेजी जाएगी और उनके पूछा जाएगा कि कौन से विभाग में पद खाली हैं। खेल संचालक ने बताया कि सभी उत्कृष्ट खिलाड़ी की पहली प्र्राथमिकता अपने जिले में नौकरी करना है। ऐसे में जिलों के बारे में जानकारी देने का जिम्मा जिलाधीशों को दिया जाएगा।
खेल विभाग में भर्ती हो
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि एक तो खिलाड़ी भी चाहते हैं कि उनकी भर्ती खेल विभाग में हो विभाग भी चाहता है कि खिलाडिय़ों की भर्ती इस विभाग में हो। इस समय खेल विभाग ही ऐसा विभाग है जिसमें सबसे कम स्टाप है। ऐसे में विभाग ने शासन को इस विभाग में भी उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को भी भर्ती करने की मांग रखी है। इसके अलावा शिक्षा विभाग और आदिम जाति और कल्याण विभाग में भी खिलाडिय़ों को भर्ती करने की मांग रखी गई है। उन्होंने बताया कि तृतीय वर्ग के लिए हर विभाग में भर्ती होगी, लेकिन द्वितीय वर्ग के लिए कुछ चुने गए विभाग ही रखे गए हैं। इसी के साथ इसके लिए पीएससी से भी अनुमति लेनी पड़ेगी।
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