शनिवार, 17 अप्रैल 2010

राष्ट्रीय खेलों में असम की मदद लेंगे

छत्तीसगढ़ में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों को ऐतिहासिक बनाने के लिए खेल विभाग ने असम की मदद लेने का फैसला किया है। असम में हुए राष्ट्रीय खेलों में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व खेल सचिव प्रदीप हजारिका कल यहां आ रहे हैं, वे यहां पर मैदानों की स्थिति का अवलोकन करने के बाद अपने सुझाव देंगे।
छत्तीसगढ़ को ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है। इन खेलों को ऐतिहासिक बनाने की बात मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने की है। ऐसे में अब खेल विभाग भी इन खेलों को ऐतिहासिक बनाने की दिशा में अभी से पहल कर रहा है। खेल विभाग यह देखने में लगा है कि खेलों को ऐतिहासिक बनाने की दिशा में क्या-क्या किया जा सकता है। खेल संचलाक जीपी सिंह कहते हैं कि हमारा विभाग इस प्रयास में है कि जहां से जिस तरह की मदद और सुझाव मिल सकते हैं, लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि असम के राष्ट्रीय खेलों का अपना अलग ही नाम है। वहां के राष्ट्रीय खेलों को यादगार बनाने में सबसे अहम भूमिका निभाने का काम उस समय के खेल सचिव प्रदीप हजारिका ने किया था। इनसे जब छत्तीसगढ़ आने का आग्रह किया गया तो उन्होंने हमारे आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और वे यहां पर कल आ रहे हैं। यहां आने के बाद श्री हजारिका को प्रदेश के सारे मैदान दिखाए जाएंगे और उनसे सुङााव लिए जाएंगे कि कौन से खेल कहां करवाने उपयुक्त होंगे। वैसे विभाग के साथ खेल संघों ने एक तरह से यह तय कर रखा है कि रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और बिलासपुर में मुख्यत खेलों का आयोजन किया जाएगा। राजधानी में २०० एकड़ में एक खेल गांव भी बनेगा। उद्घाटन और समापन का कार्यक्रम भी राजधानी में करवाने की मंशा है। श्री हजारिका से सलाह ली जाएगी कि कहां पर कैसे मैदान बनाए जा सकते हैं और जो मैदान पहले से उपलब्ध हैं उनका किस तरह से उपयोग किया जा सकता है।

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