मंगलवार, 27 अप्रैल 2010

ओलंपिक कार्यालय के लिए खींचतान

प्रदेश ओलंपिक संघ के कार्यालय को लेकर रायपुर और भिलाई के खेल संघों के बीच में खींचतान प्रारंभ हो गई है। ओलंपिक संघ की बैठक में एक माह पहले कार्यालय को रायपुर लाने का फैसला होने के बाद अब तक कार्यालय रायपुर नहीं ला जा सका है। भिलाई के खेल संघ कार्यालय रायपुर लाने के पक्ष में नहीं है।
प्रदेश ओलंपिक संघ का कार्यालय राजधानी में रखने की मांग काफी समय से की जा रही थी। ऐसे में जबकि छत्तीसगढ़ को ३७वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है तो और जरूरी हो गया है कि अब कार्यालय रायपुर में ही रहे। ऐसे में पिछले माह जब यहां पर ओलंपिक संघ की बैठक हुई तो इस बैठक में तय किया गया कि १५ दिनों के अंदर ही कार्यालय रायपुर में खोल दिया जाएगा। इसके लिए यह भी तय कर दिया गया कि यहां पर कार्यालय का काम कौन देखेगा। इसी के साथ प्रदेश संघ के सचिव बशीर अहमद खान से सप्ताह में तीन दिन यहां रहने के लिए कहा गया। बैठक में कार्यालय को रायपुर लाने का फैसला तो कर लिया गया, लेकिन बैठक होने के बाद एक बार फिर से रायपुर और भिलाई के खेल संघों में ठन गई है। जानकारों की मानें तो संघ के सचिव सहित भिलाई के खेल संघों के पदाधिकारी चाहते ही नहीं हैं कि कार्यालय रायपुर लाया जाए। यही वजह है कि अब तक इस दिशा में कुछ नहीं हो सका है।
प्रदेश संघ के एक बड़े पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर यहां तक कहा है कि भारतीय ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष विद्याचरण शुक्ल ने तो भिलाई के खेल संघों के तेवर देखते हुए बैठक के मिनट बुक में फेरबदल करके मुख्य कार्यालय रायपुर में और इसकी एक शाखा संघ के सचिव बशीर अहमद खान के घर में रखने की बात कही है। अब तक संघ का कार्यालय भिलाई में सचिव बशीर अहमद खान के घर से संचालित हो रहा है। इसी के साथ इस पदाधिकारी का कहना है कि श्री शुक्ल ने संघ के खातों को भी भिलाई में रखने की बात कही है। लेकिन श्री शुक्ल के इश फैसले से कम से कम रायपुर के खेल संघ सहमत नहीं है। कहा तो यह भी जा रहा है कि भिलाई के खेल संघ कार्यालय की शाखा नहीं बल्कि मुख्य कार्यालय को भिलाई में ही बनाए रखना चाहते हैं।
भिलाई-रायपुर का ङागड़ा पुराना है
प्रदेश ओलंपिक संघ के करीब एक दशक पुराने इतिहास पर नजरें डाले ता मालूम होता है कि संघ में भिलाई और रायपुर का ङागड़ा पुराना है। जब पहली बार प्रदेश संघ बना था और इसका अध्यक्ष अजीत जोगी को बनाने का प्रस्ताव सामने आया था, उसी समय एक महत्वपूर्ण पद के लिए रायपुर और भिलाई में ठन गई थी। बशीर अहमद खान को संघ का सचिव बनाने के बाद ही भिलाई के खेल संघ माने थे। प्रदेश संघ को लेकर उस समय काफी विवाद हुआ था और अजीत जोगी को संघ का अध्यक्ष बनने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी थी। अब तक संघ के अध्यक्ष तो लगातार बदलते रहे हैं, लेकिन महासचिव बशीर अहमद खान ही हैं। यही वजह है कि संघ का कार्यालय शुरू से भिलाई में है। एक तरह से देखा जाए तो ओलंपिक संघ में भिलाई के खेल संघों की दादगिरी चल रही है। रायपुर के खेल संघों को महत्व ही नहीं दिया जाता है। यही वजह रही कि राष्ट्रीय खेलों के लिए जब भिलाई में बैठक रायपुर के खेल संघों को बताए बिना पिछले माह की गई थी तो इस बैठक की बात को लेकर ही ओलंपिक संघ की बैठक में बवाल मच गया था। इस बवाल के चलते ही सचिव बशीर अहमद खान ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। इस बवाल के कारण ही भिलाई ही खेल संघ एक हो गए हैं और चाहते हैं कि ओलंपिक संघ का कार्यालय भिलाई में ही बना रहे। इसको लेकर राजनीति चल रही है जिसके कारण कार्यालय रायपुर नहीं लाया जा रहा है।

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