गुरुवार, 5 मई 2011

कराते ट्रायल में आए चंद खिलाड़ी

राज्य कराते स्पर्धा के लिए चुनी जाने वाली जिले की टीम के चयन ट्रायल में महज चंद खिलाड़ी ही जुटे। खिलाड़ियों की कमी का कारण कराते संघ में विवाद बताया जा रहा है। इसके पूर्व जिले के ट्रायल में 200 से ज्यादा खिलाड़ी आते हैं। इस समय जिस संघ के पास मान्यता है, उसके पास खिलाड़ियों का टोटा है, और जिस संघ को मान्यता नहीं है उसके पास खिलाड़ियों की भरमार है।
जिला कराते संघ द्वारा सप्रे स्कूल में सुबह दस बजे से जिले की टीम का चयन करने ट्रायल का आयोजन किया गया था। दोपहर 12 बजे तक एक भी खिलाड़ी नहीं आया। बाद में ट्रायल में सिर्फ चंद खिलाड़ी ही शामिल हुए। इसके बारे में संघ से सचिव डीएसएन राव ने पूछने पर बताया कि जूनियर चैंपियनशिप में ब्लेक ब्लेट खिलाड़ी ही पात्र होते हैं, इसलिए कम खिलाड़ी आए हैं। लेकिन दूसरे संघ के सचिव अजय साहू ने खुलासा करते हुए बताया कि ऐसा नहीं है कि रायपुर जिले में खिलाड़ियों की कमी है। हमारे संघ को जब मान्यता थी तो जिले के ट्रायल में 200 से ज्यादा खिलाड़ी आते थे। एक साल तो रिकॉर्ड 383 खिलाड़ी आए थे। उन्होंने बताया कि वैसे भी राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन अभी कोई भी संघ नहीं करवा सकता है। जिस संघ को भारत सरकार से मान्यता है, उस संघ के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 जुलाई तक स्टे दे रखा है। ऐसे में किसी भी तरह की स्पर्धा का आयोजन अवैध होगा। इस बारे में श्री राव का कहना है कि उनको कोई के स्टे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
पात्रता की जानकारी ही नहीं दी
ट्रायल में शामिल होने के लिए खरोरा से आई दो बालिका खिलाड़ियों मनीषा सोनी और रितांभरा साहू ने कहा कि उनके कोच को चयन की पात्रता के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी कि ब्लेक ब्लैट खिलाड़ी ही चयन में शामिल हो सकती हैं, ऐसे में वे यहां आ गई। यहां पर जानकारी होने पर हमें निराशा हुई कि हम नहीं खेल सकती हैं। इन खिलाड़ियों के कोच टिकेश्वर पटेल ने कहा कि संघ को चयन की पात्रता के बारे में पहले बताना था।


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