रविवार, 4 अप्रैल 2010

बैटन रिले में नाम न होने से नाराजगी

कामनवेल्थ की मशाल यानी बैटन को लेकर दौडऩे वालों के नामों को लेकर शिकायतों का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। जो नाम सामने आए हैं, उनमें कई नाम छोड़ दिए गए हैं। जो नाम छूट गए हैं उन नामों को जोडऩे में कोई परेशानी न होने की बात जहां राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे कह रहे हैं, वहीं उनका कहना है कि अंतिम नाम तो राज्य स्तर पर बनी समिति को तय करने हैं, हम तो केवल संभावित नाम लिखकर भेजेंगे।
्दिल्ली में इस साल होने वाले कामनवेल्थ खेलों की बैटन भारत भ्रमण के दौरान ८ अगस्त को रायपुर आएगी। इस बैटन को लेकर दौडऩे वालों की जो सूची खेल विभाग ने तैयार की है, उस सूची को लेकर शिकायतों को सिलसिला प्रारंभ हो गया है। खेल विभाग ने प्रारंभिक तौर पर जो नाम तय किए हैं, उनमें कुछ अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाडिय़ों के साथ कुछ पुराने खिलाडिय़ों के नाम भी छोड़ दिए गए हैं। सूची में अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलक रूस्तम सारंग और उनके भाई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अजय दीप सारंग का नाम तो है पर इनके कोच और विक्रम पुरस्कार प्राप्त बुधराम सारंग का नाम छोड़ दिया गया है। इसी तरह से नेटबॉल की दो अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों प्रीति बंछोर और नेहा बजाज का तो नाम लिखा गया है, पर एक और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और राजीव पांडे पुरस्कार प्राप्त भावना खंडारे का नाम भी छोड़ दिया गया है। पहली बार मप्र और छत्तीसगढ़ के इतिहास में श्रीलंका में सब जूनियर फुटबॉल में खेलने वाली निकिता स्विसपन्ना और सुप्रिया कुकरेती का नाम भी नहीं है। राज्य के मैराथन विजेता और सैफ खेलों की मैराथन में शामिल अरविंद कुमार, कैनोइंग कयाकिंग के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नवीन साहू, ओलंपियन विल्सेंट लकड़ा, ओलंपियन मुक्केबाज दिवाकर नेताम के साथ बिलासपुर और बस्तर संभाग के कई खिलाडिय़ों के नाम भी सूची में नहीं हैं। इसके अलावा और कई राष्ट्रीय खिलाडिय़ों के नाम सूची में न होने की बात सामने आ रही है। अब बैटन को भिलाई, दुर्ग और राजनांदगांव भी जाना है, ऐसे में वहां के खिलाडिय़ों को राजधानी की बैटन रिले में शामिल नहीं किया गया है। यहां तक तो ठीक है लेकिन बिलासपुर और बस्तर संभाग के खिलाडिय़ों को शामिल किए जाने की बात खेल संघों के पदाधिकारी कर रहे हैं।
खिलाडिय़ों के नाम सूची में छूटने के संबंध में जानकारी लेने जब राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि जो नाम सूची में हैं, वे नाम अंतिम नहीं है। सूची में और नाम जोडऩे पर कोई पाबंदी नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन खेल संघों को लगता है कि उनके खिलाडिय़ों के नाम छूट गए हैं तो वे नाम जुड़वा सकते हैं। वैसे भी अंतिम नाम तय करना हमारे हाथ में नहीं है। हम संभावित नामों की सूची राज्य स्तरीय समिति के सामने रखेंगे, यही समिति कार्यक्रम को देखकर अंतिम नाम तय करेगी।

इधर बैटन के बारे में बताया जा रहा है यह बैटन भुवनेश्वर से ८ अगस्त को रायपुर पहुंचेगी। यहां पर ८ और ९ अगस्त को रहेगी। इन दो दिनों में बैटन को राजधानी का भ्रमण करवा जाएगा। पूर्व में जब बैटन को सड़क मार्ग से आना था तो ऐसे में भिलाई, दुर्ग और राजनांदगांव को इस बैटन से वंचित होना पड़ा था। लेकिन अब चूंकि बैटन को विमान से लाया जा रहा है तो ८ और ९ अगस्त को रायपुर में रहने के बाद इसे १० अगस्त को भिलाई, दुर्ग और राजनांदगांव भेजा जाएगा। राजनांदगांव से बैटन भिलाई आएगी और वहां पर रात्रि में कार्यक्रम होंगे। ११ अगस्त को बैटन भिलाई से सीधे माना विमानतल जाएगी जहां से उसे हैदराबाद के लिए रवाना किया जाएगा।

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