प्रदेश १८ जिलों से आए १६८ से ज्यादा क्रीड़ाश्री को यहां पर फिटनेस के गुर सिखाते हुए इनको खिलाडिय़ों को हिट करने की कला सिखाई जा रही है। इनको तराशकर ठीक उसी तरह से इनके गांव भेजा जाएगा जिस तरह से पहले तीन चरणों के क्रीड़ाश्री को भेजा गया है। क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश सरकार की प्रतिभा खोज के साथ आयोजन कैसे करवाए जाए इसके बारे में जानकारी दी जा रही है।
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने पायका योजना से जुड़े प्रदेश के ९८२ क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम यहां पर आयोजित किया है। इस कार्यक्रम का चौथा औैर अंतिम चरण चल रहा है। चौथे चरण में शामिल क्रीड़ाश्री को सुबह के सत्र में स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में फिटनेस के गुर सिखाने का काम किया जा रहा है। यहां पर फिटनेस के गुर सिखाने का काम निंगराज रेड्डी, सरिता कुजूर, ईश्वर प्रसाद, प्रसाद सिंग, दीपक खाका, अरविंद खाका, सालिकराम और सुरेश हंस कर रहे हैं। सुबह के सत्र में आज योग के साथ क्रीड़ाश्री को बताया गया कि खेल के दौरान खिलाडिय़ों के थकने पर उनको शरीर को किस तरह से आराम देना चाहिए।
मास्टर टे्रनर निंग राज रेड्डी कहते हैं कि क्रीड़ाश्री को इसलिए फिटनेस में मास्टर बनाने की तैयारी है क्योंकि इनको ही आगे अपने-अपने गांव में जाकर प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को निखारने का काम करना है। अगर इसको ही यह मालूम नहीं होगा कि खिलाडिय़ों को प्रारंभिक तौर पर कैसे तैयार करना है तो खिलाड़ी कैसे तैयार होंगे। सुबह के सत्र में जहां फिटनेस के गुर बताए गए, वहीं इनको कबड्डी के बारे में प्रदेश कबड्डी संघ के रामबिसाल साहू ने जानकारी दी। भारोत्तोलन के बारे में एनआईएस कोच गजेन्द्र पांडे से जानकारी देते हुए वजन के महत्व के बारे में बताया कि कैसे ५० से ५५ किलो वजन समूह में कम वजन और ज्यादा होने का फायदा होता है। नियमित अभ्यास के बारे में जूडो की एनआईएस कोच नरेन्द्र कम्बोज ने जानकारी दी।
1 टिप्पणी:
अच्छा लगा जानकर!
हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है. आपको साधुवाद!!
लेखन के साथ साथ प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु टिप्पणी करना आपका कर्तव्य है एवं भाषा के प्रचार प्रसार हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. यह एक निवेदन मात्र है.
अनेक शुभकामनाएँ.
एक टिप्पणी भेजें