शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

मंत्री से गुहार के बाद भी नहीं मिला पानी

राजधानी के साई सेंटर के खिलाड़ी पिछले एक माह से पानी के लिए तरस रहे हैं। साई सेंटर के प्रभारी द्वारा नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत के सामने गुहार लगाने के बाद भी निगम ने अब तक सेंटर के हास्टल में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की है। सेंटर में सीवर लाइन की समस्या भी अभी यथावत है।
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के आउटडोर स्टेडियम में खुले साई सेंटर की समस्याओं का अंत होता नजर नहीं आ रहा है। सेंटर के खिलाड़ी पिछले एक माह से पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। यह समस्या निगम के अधिकारियों को बोलने के बाद भी जब नहीं सुलझी तो सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान ने नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत के दरबार में 16 जून को जाकर लिखित में पीने के पानी की व्यवस्था कराने का आग्रह किया। इस फरियाद के 20 दिन बाद भी सेंटर के हास्टल के खिलाड़ियों को पानी नसीब नहीं हो रहा है। खिलाड़ी बाहर से पानी लाकर किसी तरह से काम चल रहा है। सेंटर के प्रभारी ने बताया कि पूर्व में स्टेडियम के प्रभारी इंजीनियर राजेश शर्मा ने कहा था कि पीने के पानी की व्यवस्था जल्द कर दी जाएगी, लेकिन उन्होंने हाथ खड़े कर दिया और कहा कि हम कोई व्यवस्था नहीं कर सकते हैं। इस बारे में राजेश शर्मा का कहना है कि स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में पीने का पानी बोर से आता है और टंकी में स्टोर होता है। हम टंकी से एक कंनेक्शन देने तैयार हैं। बाकी पानी के फिल्टर करने आदि की व्यवस्था साई को करनी पड़ेगी।
सीवर साइन भी अब तक चोक
साई सेंटर में सीवर लाइन का काम भी अब तक नहीं हो सका है जिसके कारण से खिलाड़ियों को लेट-बाथ के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को जल्द सुलझाने की बात राजेश शर्मा ने कही थी। वे इस बारे में कहते हैं कि काम चल रहा है जितनी जल्दी हो सकेगा हम साई सेंटर की सारी समस्याओं का निदान करके स्टेडियम साई के हवाले कर देंगे।
मुझे जानकारी नहीं है: मूणत
साई सेंटर में पीने के पानी की समस्या के बारे में नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत का कहना है कि इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, मेरे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। वैसे भी यह निगम का मामला है मैं क्या कर सकता हूं। इधर सेंटर के प्रभारी शाहनवाज खान कहते हैं कि हमने भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडु ने इजाजत लेने के बाद ही श्री मूणत से 16 जून को मुलाकात करके उनको लिखित में अपनी समस्या बताते हुए निदान का आग्रह किया था, हमने उनको दिए गए पत्र की प्रति क्षेत्रीय कार्यालय भी भेजी है।

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