सोमवार, 2 मार्च 2009
छत्तीसगढ़ में मैदानों की कमी नहीं
केन्द्र सरकार की पाइका योजना के लिए प्रदेश में मैदानों की कमी नहीं है। खेल विभाग में एक दर्जन जिलों ने जो जानकारी भेजी है उसके मुताबिक हर जिले में जरूरत से ज्यादा मैदान हैं। प्रदेश का खेल विभाग इस समय पाइका योजना को प्रदेश में लागू करने पर गंभीरता से काम कर रहा है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों से उन गांवों को चिंहित करके सूची मंगाई गई है जिन गांवों में मैदान हैं। खेल विभाग के पास इस समय 18 में से 12 जिलॊ की जानकारी आ गई है। इस जानकारी के मुताबिक रायपुर जिले में 15 विकासखंड़ों में 12 सौ गांव हैं उनमें पहले चरण में 120 मैदानों की जरूरत हैं लेकिन 158 मैदान चिंहित किए जा चुके हैं। इसी तरह से राजनांदगांव में 9 विकासखंड़ों के 671 गांवों में 73 मैदान, कांकेर के सात विकासखंड़ों के 389 गांवों में 39 मैदान, कबीरधाम के चार विकासखंड़ों के 371 गांवों में 41 मैदान, बिलासपुर के 10 विकासखंड़ों के 864 गांवों में 79 मैदान, दंतेवाड़ा के सात विकासखंडॊ के 249 गांवों में 25 मैदान, बीजापुर के चार विकासखंड़ों के 160 गांवों में 15 मैदान, नारायणपुर के दो विकासखंड़ों के 69 गांवों में 07 मैदान, जगदलपुर के 12 विकासखंड़ों के 586 गांवों में 59 मैदान, दुर्ग के 12 विकासखंड़ों के 998 गांवों में 99 मैदान, कोरबा के पांच विकासखंडॊ के 354 गांवों में 31 मैदान और जशपुर के आठ विकासखंड़ों के 417 गांवों में 55 मैदानों को चिंहित किया गया है। मैदानों के नक्शे के साथ जानकारी दी गई खेल विभाग को जितने भी जिलों के मैदानों की जानकारी दी गई है वो पुख्ता दी गई है। सभी चिंहित मैदानों का नक्शा भी साथ में जमा किया गया है। सभी खेल अधिकारियों को ये निर्देश पहले ही दिए गए थे कि बिना नक्शे के जानकारी न दें। चूंकि सारे चिंहित मैदानों की जानकारी योजना बनाकर केन्द्र को भेजनी है ऐसे में यह जरूरी है कि किसी भी मैदान की जानकारी में कोई कमी न रहे। मैदानों की जानकारी जुटाने में खेल अधिकारियों को कुछ परेशानी जरूर उठानी पड़ी है, लेकिन सबने सही जानकारी के साथ अपनी सूची जमा की है। अब जिलों से आई जानकारी को खेल विभाग में व्यवस्थित करने का काम किया जा रहा है ताकि प्रदेश के चिंहित 10 प्रतिशत मैदानों की जानकारी केन्द्र को भेजी जा सके।
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