सोमवार, 16 मार्च 2009

खेल संघों को सक्रिय करे ओलंपिक संघ


प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने जिलों के खेल संघों को सक्रिय करने के लिए प्रदेश ओलंपिक संघ को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि ओलंपिक संघ यह देखे कि जिले के खेल संघ महज कागजों में ही न चलें। जिला संघों को सक्रिय करके खेलों को पंचायत स्तर तक ले जाने की बात कही गई है। खेल विभाग वर्तमान में सब जूनियर और जूनियर वर्ग की राज्य चैंपियनशिप का आयोजन कर रहा है। आगे विभाग की सीनियर वर्ग में भी चैंपियनशिप करवाने की योजना है। प्रदेश के खेल विभाग ने पहली बार जिला संघों को गंभीरता से लेते हुए इनको सक्रिय करने की पहल की है। यह पहल तब हुई है जब विभाग में नए संचातक जीपी सिंह आए हैं। नए संचालक ने खेल संघों तो पूरी तरह से सक्रिय करने की योजना बनाई है ताकि खेलों को पंचायत स्तर तक ले जाया जा सके। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि जहां प्रदेश की खेल नीति में खेलों को पंचायत स्तर से ही सक्रिय करने की बात है, वहीं हाल ही में केन्द्र सरकार की एक नई योजना पाइका में भी खेलों को पंचायत स्तर से प्रारंभ करने की योजना है। इस योजना में देश के हर राज्य के 10 प्रतिशत गांवों को खेलों से जोड़ने की योजना है। ऐसे में खेल विभाग ने अब इस दिशा में काफी गंभीरता से ध्यान देने का मन बनाया है। खेल विभाग वर्तमान में मान्यता प्राप्त दो दर्जन से ज्यादा खेलों की राज्य चैंपियनशिप का आयोजन दो वर्गों में सब जूनियर और जूनियर वर्ग में कर रहा है। ऐसे में जिन खेलों की चैंपियनशिप होती है उन खेलों में पूरे 18 जिलों की टीमें नहीं आ पाती हैं। खेल संचालक श्री सिंह का ऐसा मानना है कि किसी भी चैंपियनशिप में हर जिले की भागदारी होनी चाहिए। इसी के साथ जिन जिलॊ की टीम खेलने आती हैं उन टीमों उन जिलॊ के एक स्थान के नबीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा विकासखंड़ों के खिलाड़ी शामिल होने चाहिए। ऐसे में उन्होंने एक योजना के तहत ही प्रदेश के खेल संघों के मुखिया प्रदेश ओलंपिक संघ को ही अपने सभी खेलों के जिला खेल संघों को सक्रिय करने के लिए पत्र लिखा है। अब यह जिम्मेदारी ओलंपिक संघ की है कि वह किस तरह से खेल संघों को सक्रिय करता है। जिलों में भी होनी चाहिए चैंपियनशिप:- खेल विभाग से जुड़े अधिकारी कहते हैं कि जब विभाग हर जिले के खेल संघों को अनुदान दे रहा है तो यह जिला संघों का दायित्व है कि वे जिला स्तर पर उन सभी खेलों की जिला चैंपियनशिप का आयोजन करें जिन खेलों की राज्य चैंपियनशिप खेल विभाग करता है, अभी होता यह है कि ज्यादातर खेलों में जिला खेल संघ अपनी मर्जी से टीम बनाकर ले आते हैं। ऐसे में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को खेलने का मौका ही नहीं मिल पाता है। खेल अधिकारी कहते हैं कि कम से कम जिला संघों को चैंपियनशिप नहीं तो चयन ट्रायल का आयोजन तो करना ही चाहिए। चयन ट्रायल में ही विकासखंड़ों के खिलाड़ियों को बुलाया जाए तो उनको खेलने का मौका मिलेगा। पहले कदम पर अगर यह पहल हो गई तो आगे जरूर जिला चैंपियनशिप का आयोजन हो जाएगा। एक बार शुरुआत हो गई तो ग्रामीण खिलाड़ियों को आगे आने का मौका मिलने लगेगा और प्रदेश की खेल नीति पर अमल भी हो जाएगा। खेल अधिकारी कहते हैं कि किसी भी जिला संघ को अपने जेब से खर्च करने की जरूरत ही नहीं है, सारा खर्च जब खेल विभाग कर रहा है तो फिर आयोजन करने में क्या परेशानी है। अच्छी पहल है, मदद करेंगे: बशीर:- प्रदेश ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहमद खान ने इस बारे में संपर्क करने पर कहा कि खेल विभाग की यह अच्छी पहल है। खेल विभाग ने ओलंपिक संघ को जो जिम्मा सौंपा है उस पर हमारा संघ खरा उतरेगा और जो भी मदद होगी हम करेंगे। हम भी चाहते हैं कि हर खेल में जिला संघ सक्रिय हों ताकि खेलों को पंचायत स्तर से प्रारंभ किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि ग्रामीण अंचल में बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। उन्हॊने कहा कि ओलंपिक संघ प्रदेश के सभी खेलों के जिला संघों को खेल विभाग की भावना से अवगत करवाते हुए उनसे सक्रिय होने के लिए उनको पत्र लिखने का काम करेगा।

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