शुक्रवार, 6 मार्च 2009

मेजबान एथलेटिक क्लब की ऐतिहासिक जीत

दर्शकों से खचा-खचे भरे नेताजी स्टेडियम में एक तरफ गोलों की बारिश हो रही थी तो दूसरी तरफ हर गोल पर ढोल बज रहे थे। ये ढोल और किसी के लिए नहीं बल्कि मेजबान एथलेटिक क्लब की उस टीम के लिए थे जो टीम मौजूदा चैंपियन पाम्पोस हास्टल सुंदरगढ़ से लोहा ले रही थी। चैंपियन टीम को मेजबान टीम ने तो मजाक बनाकर रख दिया और उसको 4-1 से मात देकर पहली बार सेमीफाइनल में स्थान बनाने का ऐतिहासिक कारनामा कर दिया। मेजबान टीम की इस जीत से सारे दर्शकों के साथ क्लब के बुजुर्ग सदस्य भी झुम उठे। स्टेडियम में हर तरफ बस और बस अपनी टीम की जीत की चर्चा में सब लगे रहे।
नेताजी स्टेडियम में जब मेजबान एथलेटिक क्लब की टीम पिछले साल की चैंपियन पाम्पोस हास्टल सुंदरगढ़ के साथ मैच खेलने उतरी तो इस टीम से एक ऐतिहासिक जीत की उम्मीद के साथ मैदान में ढोल मंगा लिए गए थे। अपनी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए मंगाए गए ढोल वास्तव में टीम को एक नई जान देने में सफल रहे। वैसे इस मैच के बारे में किसी ने नहीं सोचा था कि मैच मेजबान टीम जीत जाएगी और वो भी इतने बड़े अंतर से। मैच का पहला गोल पहले हॉफ के 17वें मिनट में मेजबान टीम के आमिर ने किया। यही एक गोल पहले हॉफ में हुआ। दूसरे हॉफ के प्रारंभ होने पर चैंपियन पाम्पोस हास्टल के खिलाड़ियों ने मैच में बराबरी पाने के लिए अपनी पूरी ताकत झॊक दी। अपने खिलाड़यों के खेल से पाम्पोस हास्टल के कोच भारी खफा नजर आ रहे थे और लगातार खिलाड़ियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। मैच के 45वें मिनट में अंतत: पाम्पोस हास्टल को बराबरी दिलाने का काम विक्टर मिंज ने किया। अभी पाम्पोस की टीम बराबरी पाने का जश्न भी नहीं मना पाई थी कि अगले ही मिनट में इरशाद ने एक शानदार गोल करके मेजबान टीम को फिर से आगे कर दिया। इधर गोल हुआ इधर दर्शक मैदान में घुस गए। दर्शकॊं को बाहर करके मैच प्रारंभ किया गया। रायपुर की टीम के 2-1 से आगे होने के बाद टीम ने हमलों में तेजी लाई और मैच समाप्त होने के तीन मिनट पहले एक और गोल आमिर ने कर दिया। इस गोल के होते ही चैंपियन टीम के कोच ने बाकी का मैच खेलने से मना दिया।
खेल भावना दिखाए कोच साहब :- पाम्पोस हास्टल के कोच द्वारा टीम को बाहर कर लिए जाने के बाद जहां टीम के कोच को आयोजकों ने समझ‌ाने का प्रयास किया, वहीं दर्शकों ने भी उनसे कहा कि कोच साहब खेल भावना दिखाएं और मैच में बिना वजह विवाद पैदा न करें। कोच का कहना था कि अंपायर सही फैसला नहीं कर रहे हैं। उनको मैच में एक बार फाउल न दिए जाने की शिकायत थी। अंत में कोच ने सबका आग्रह माना और मैच प्रारंभ किया गया। मैच प्रारंभ होने पर मैच के अंतिम मिनट में इरशाद ने एक गोल और कर दिया। मैच में रायपुर के गोलकीपर ओएस बारी का खेल लाजवाब रहा। उन्होंने कई गोल बचाए।
कोच से नहीं हो रही थी हार बर्दाश्त :- मेजबान टीम ने जिस तरह से लगातार गोल करने का काम किया उससे पाम्पोस हास्टल के कोच लगातार उतेजित होते रहे। उनको अपनी उस चैंपियन टीम की हार मंजूर नहीं हो रही थी जिस टीम ने पिछले साल यहां खिताब जीता था। कोच लगातार अपने खिलाड़ियों पर बरसते रहे और बीच-बीच में अंपायरों के बारे में कहते रहे कि वे गलत कर रहे हैं। मैच के 12 मिनट पहले कोच ने गोलकीपर को भी बदला। जब पहला गोलकीपर वापस आया तो उस पर कोच बरस पड़े और उसको यहां तक कहा कि वह अपनी टीम के लिए खेल रहे थे या विपक्षी टीम के लिए।
एथलेटिक क्लब से अब खिताब की उम्मीद :- मेजबान टीम की आज की जीत के बाद इस टीम से खिताब जीतने की उम्मीद की जा रही है। टीम के कोच अजीज यजदानी के साथ मैनेजर मो. अमीनुद्दीन काफी खुश है। इन्होंने कहा यह तो सोचा ही नहीं थी कि टीम इतना बड़ा कमाल कर सकती है। इन्होंने कहा कि जब टीम ने पिछले मैच में धनराज पिल्ले और आशीष बल्लाल अकादमी की टीम को मात दी थी तब जरूर लगा था कि अब टीम और अच्छा प्रदर्शन करेगी लेकिन टीम सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच देगी इसकी संभावना कम थी। टीम की जीत से क्लब सारे पुराने सदस्य खुश हैं। सबका मानना है कि टीम में चैंपियन बनने की क्षमता है। सबका ऐसा सोचना है कि टीम को अब खिताब उड़ाने का कमाल करना ही चाहिए। आज मेजबान टीम का मैच देखने के लिए जहां दर्शकॊं की भारी भीड़ रही, वहीं पार्षद लाल बादशाह के आग्रह पर नगर निगम के आयुक्त अमित कटारिया भी मैच देखने आए। क्लब के पुराने सदस्य कुतबुद्दीन के साथ कई सदस्यों ने पूछने पर बताया कि इससे पहले कभी एथलेटिक क्ल ब की टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंची है।
नागपुर-भोपाल भी अंतिम चार में :- चैंपियनशप में गुरुवार को पहला मैच सेंट्रल रेलवे नागपुर और ईस्ट-पोस्ट रेलवे भुवनेश्वर के बीच खेला गया। यह मैच काफी रोमांचक रहा। मैच में निर्धारित समय तक मुकाबला 2-2 से बराबर रहने पर मैच का फैसला सडनडेथ से किया गया। मैच का पहला गोल खेल के दूसरे ही मिनट में नागपुर के रासिद अली ने किया। इसके बाद दूसरा गोल नागपुर के राजीव भटकर ने दागा। इसके तीन मिनट बाद ही भुवनेश्वर के संदीप कुलू ने गोल करके स्कोर 1-2 कर दिया। भुवनेश्वर को बराबरी पाने का मौका तब मिला जब 31वें मिनट में उसे पेनाल्टी शूट का मौका मिला। इसे गोल में बदलने में बरनू लूगुन ने कोई गलती नहीं की। मैच के दूसरे हॉफ में कोई गोल न होने पर फैसले के लिए टाईब्रेकर का सहारा लिया गया। यहां पर नागपुर के लिए राजीव भटकर, एजाज कुरैशी, धीरज वॉग और अजहर हुसैन ने गोल किए। भुवनेश्वर के लिए संदीप कुलू, आनंद तिर्की, ए. तिर्की और एस. बारला ने गोल किए। ऐसे में सडनडेथ में धीरज वॉग ने गोल करके अपनी टीम को जीत दिला दी। दूसरे मैच का फैसला भी टाईब्रकेर में हुआ। यह मैच साई भोपाल और बीआरसी दानापुर के बीच खेला गया। इस मैच में निर्धारित समय तक कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी। टाईब्रेकर में साई के लिए अफाजुद्दीन, सतीश लामा, शेख शाहिद और आजम बेग ने गोल किए। दानापुर के लिए एक मात्र गोल देवा आइंड ही कर सके।

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

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