शुक्रवार, 13 मार्च 2009
छुटकी वंदना करेगी बड़ा कमाल
भारतीय सब जूनियर बालिका फुटबॉल टीम की संभावित सदस्यों में शामिल छत्तीसगढ़ की एक मात्र आदिवासी खिलाड़ी वंदना ध्रुव के बारे में उसकी कोच सरिता कुजूर को भरोसा है कि यह खिलाड़ी जरूर भारतीय टीम में स्थान बनाने में सफल होगी। महज १० साल की यह खिलाड़ी हरफनमौला है और हर पोजीशन में खेलने की क्षमता रखती है। वैसे वंदना की सबसे पंसदीदा पोजीशन स्ट्राइकर है। गोल करने में यह छुटकी काफी माहिर है। वंदना ध्रुव भोपाल में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में शामिल है। यह शिविर वहां पर २० अप्रैल तक चलेगा इसके बाद भारतीय टीम की घोषणा की जाएगी जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने जाएगी। वंदना को भोपाल के शिविर में छोड़कर लौटी उसकी कोच सरिता कुजूर ने बताया कि जब वह वंदना को शिविर में छोडऩे गई तो इसकी कम उम्र को देखकर टीम की कोच बंगाल की अनिता सरकार भी आश्चर्य में पड़ गई। उनके मुंह से अनायस ही निकला बाप रे कितनी छोटी है यह। सरिता ने बताया कि वंदना में खेल के प्रति जैसी लगन है उससे यह आसानी से कहा जा सकता है कि उसको भारतीय टीम में स्थान बनाने से कोई नहीं रोक सकता। बकौल सरिता वंदना सात साल की उम्र से फुटबॉल खेल रही है और उसमें हर पोजीशन में खेलने की क्षमता है। वैसे उसको सबसे ज्यादा मजा गोल मारने में आता है। वंदना स्ट्राइकर पोजीशन में ज्यादा अच्छे से खेलती है। उसी के गोलों की मदद से छत्तीसगढ़ की टीम ने दिसंबर में चेन्नई में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जोरदार प्रदर्शन किया था और वंदना को इसी प्रदर्शन ने भारत की संभावित टीम में स्थान दिलाने में मदद की थी। सरिता के मुताबिक वंदना ने कभी भी अभ्यास करने के लिए आने में लापरवाही नहीं की । वह अकेले ही होलीक्रास कांपा के मैदान में अभ्यास करने में जुटी जाती है। सरिता ने बताया कि वंदना का पासपोर्ट भी बनवा लिया गया है। पिछली बार छत्तीसगढ़ की तीन खिलाड़ी भारतीय टीम में स्थान बनाने से पासपोस्ट न होने के कारण ही वंचित रह गई थी।
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1 टिप्पणी:
छत्तीसगढ़ की आदिवासी खिलाड़ी वंदना ध्रुव और उसकी कोच सरिता कुजूर को उज्जवल भविष्य के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं।
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