सोमवार, 2 मार्च 2009
अब ओलंपिक में पदक जीतकर आएं
छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से प्रदेश के खेल सितारों से आव्हान किया कि अब वे ओलंपिक में पदक जीतकर आएं। उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियॊं में ओलंपिक में पदक जीतने की क्षमता है। पदक तक जाने की राह दिखाने के लिए सरकार हर तरह की सुविधा देने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही। मुख्यमंत्री निवास में प्रदेश के उन खेलों के सितारे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलने आए थे जिन खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर पदक मिले हैं। इन खिलाड़ियों की सफलता पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जब प्रदेश के कई खेलों के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर एक साल में 135 पदक जीत सकते हैं तो वे ओलंपिक में भी पदक जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे जानते हैं कि हमारे खिलाड़ियों में ओलंपिक में कमाल दिखाने की क्षमता है तभी तो मैंने यह घोषणा की है कि ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाले को दो करोड़ और रजत पदक जीतने वाले को एक करोड़ और कांस्य पदक जीतने वाले को 50 लाख दिए जाएंगे। श्री सिंह ने कहा कि वे चाहते थे कि प्रदेश के पदकवीर खिलाड़ियों से एक बार जरूर मिले। उन्हॊने कहा कि उनका ऐसा मानना है कि जब तक अपने प्रदेश के ये खेल सितारे मुख्यमंत्री निवास में नहीं आते मुख्यमंत्री निवास अधूरा रहता। उन्होंने कहा कि मैं आज अपने निवास में खेल जगत के इस सितारों को पाकर गर्व महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरा एलबम इन सितारॊं के साथ फोटो के बिना हमेशा अधूरा रहता। उन्हॊंने कहा कि खिलाड़ियों को खेलों में आगे बढाने के लिए एक लंबी योजना पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को हर वह सुविधा दी जाएगी जिसकी ओलंपक में पदक जीतने के लिए जरूरत होगी। श्री सिंह ने एआर रहमान द्वारा छत्तीसगढ़ गाने को दिल्ली -6 में फिल्माए जाने पर कहा कि छत्तीसगढ़ी गाने की धुन आज देश-विदेश में गूंज रही है। उन्होंने कहा कि इंसान धुन यानी इरादे का पक्का हो तो उसको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। पदकों की बरसात कर दें:- कार्यक्रम में खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि यहां के खिलाड़ियों ने एक साल में 135 पदक जीते हैं। उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम में करीब एक दर्जन खेलों के खिलाड़ी आए हैं जिन्होंने पदक जीते हैं, हमारा ऐसा मानना है कि जब अगली बार यहां पर ऐसा कार्यक्रम हो तो इतने ज्यादा पदक जीतने वाले खिलाड़ी हों कि यह स्थान छोटा पड़ जाए और किसी बड़े स्थान में कार्यक्रम करना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश में खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधा देने का काम किया जा रहा है। इसी के साथ खिलाड़ियों को नौकरी देने के लिए उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सूची भी बना ली गई है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी तो बस पदक जीतने पर ध्यान दें उनको क्या सुविधाएं मिलनी चाहिए यह सोचना सरकार का काम है। एक साल में 135 पदक :- इसके पहले कार्यक्रम में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि एक साल में ही छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर 135 पदक जीते हैं जिनमें 47 स्वर्ण, 46 रजत और 42 कांस्य पदक शामिल हैं। खेल सचिव सुब्रत साहू ने कहा कि उनका विभाग चाहता है कि खिलाड़ी प्रदेश का नाम देश-विदेश में करें और ज्यादा से ज्यादा पदक जीते। एक दर्जन खेलों में मिले पदक:- मुख्यमंत्री से जो पदकवीर खिलाड़ी मिलने आएं उनमें करीब एक दर्जन खेलों के 200 से ज्यादा खिलाड़ी थे। जिन खेलों में पदक मिले हैं उनमें सायकल पोलो, बास्केटबॉल, हैंडबॉल, नेटबॉल, कबड्डी, मुक्केबाजी, एथलेटिक्स, तीरंदाजी, पावरलिफ्टिंग, वेटलिफ्टिंग, कराते, म्यू-थाई और ग्रामीण खेल शामिल हैं। इन सभी खेलों के खिलाड़यों के साथ मुख्यमंत्री ने अलग-अलग फोटो खिंचवाए साथ ही सभी खिलाड़ियों को स्मृति के रूप मे तोहफे भी दिए गए।
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1 टिप्पणी:
प्रिय राजकुमार जी,
प्रतिभा शहरों की मोहताज नहीं होतीं। वो फिर चाहे, अभिनव, विजेंद्र या कोई और हो। छत्तीसगढ़ में असीम संभावनाएं हैं। क्यों नहीं, बहुत संभव है अगली बार ओलंपिक पदक विजेता सरगुजा या राजनंद गांव का ही अपना कोई छोड़ा हो...।
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