सोमवार, 9 मार्च 2009

भोपाल की पंजाब पर खिताबी जीत

नए नियमों के तहत पेनाल्टी स्ट्रोके रोमांचक मुकाबले के बाद साई भोपाल की टीम ने अपने बीमार गोलकीपर के दम पर कोर ऑफ सिग्नल पंजाब को ४-३ से मात दे·र नेहरू स्वर्ण कप हॉकी का खिताब जीत लिया। इस जीत के साथ विजेता टीम को ५० हजार और उपविजेता टीम को ३१ हजार का नगद इनाम भी मिला। विजेता टीमों को पुरस्कार मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बांटे।
नेताजी स्टेडियम में खिताबी मुकाबला कोर ऑफ सिग्नल पंजाब और साई भोपाल के बीच खेला गया। मैच प्रांरभ होते ही पहले ही मिनट में पंजाब के जनरेल सिंह ने गोल करके अपनी टीम को १-० से आगे कर दिया। इस गोल के बाद पहले हॉफ में दोनों टीमों ने गोल करने के प्रयास किए और उनको मौके भी मिले, लेकिन किसी भी मौके को भुनाया नहीं जा सका । पहला हॉफ पंजाब के पक्ष में १-० से रहा।
दूसरे हॉफ के खेल में फिर से कांटे का मुकाबला प्रारंभ हुआ। इस हॉफ में भोपाल की टीम ने लगातार हमले करते हुए बराबरी पाने का प्रयास किया। भोपाल को अपने प्रयास में तब सफलता मिली जब अजय गौतम ने ४३वें मिनट में गोल कर दिया। इसके बाद भोपाल को कई ऐसे मौके मिले जिसमें गोल हो सकता था, लेकिन पंजाब की रक्षापंक्ति ने गोल होने नहीं दिया। मैच में निर्धारित समय तक मुका बला १-१ से बराबर रहने पर मैच का फैसला करने के लिए टाईब्रेकर का सहारा लिया गया।
टाईब्रेकर में नए नियम ने बढ़ाया रोमांच
चैंपियनशिप में पहली बार फाइनल में टाईब्रेकर में नए नियम के तहत पेनाल्टी स्ट्रोक करवाए गए। इस नए नियम में खिलाड़ी को २५ गज की दूरी से गेंद को लेकर ८ सेंकेड के अंदर गोलकीपर को चकमा देते हुए गोल करना था। ऐसे में भोपाल की टीम ने रणनीति के तहत अपने नंबर वन उस गोलकीपर को उतारा जो यहां आने के बाद से ही बीमार पड़ गए थे। इस गोलकीपर अमान खान को मैदान में उतारने का भोपाल को फायदा भी हुआ उसे मैच में जीत मिल गई। टाईब्रेकर में पहले भोपाल के लिए जहां शाहिद शेख और सतीश लामा ने गोल किए, वहीं पंजाब के लिए डीएन कुशवाहा और पीयूष कुजूर ही गोल करने में सफल रहे। दोनों टीमों के तीन-तीन खिलाड़ी गोल नहीं कर पाए। ऐसे में जब सडनडेथ की बारी आई तो भोपाल के खिलाड़ी शाहिद शेख ने तो गोल कर दिया, लेकिन पंजाब के खिलाड़ी को गोल करने से भोपाल के गोलकीपर ने रोक दिया और इसी के साथ मैच और खिताब भोपाल ने जीत लिया।
अगले साल चैंपिनशिप एस्ट्रो टर्फ पर होगी
फाइनल मैच के बाद हुए पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्यअतिथि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नेताजी स्टेडियम में जब अगले साल चैंपियनशिप का आयोजन होगा तो यहां पर एस्ट्रो टर्फ लग चुका होगा। नए मैदान पर देश की नामी टीमों को बुलाने का भी प्रयास किया जाएगा। विजेता टीम को ट्राफी के साथ ५० हजार नगद, उपविजेता टीम को ट्रॉफी और ३१ हजार रुपए दिए गए।

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