मंगलवार, 3 मार्च 2009

लो ब्रेक- हॉकी हो जाएगी सेफ

हॉकी को क्रिकेट की तरह बेचे बिना इसका भविष्य संवर नहीं सकता। आज इस बात की जरूरत है कि हॉकी में भी उसी तरह से ब्रेक लिया जाए जिस तरह से क्रिकेट में ब्रेक मिलते हैं। भले क्रिकेट की तरह हॉकी में इतने ब्रेक संभव नहीं हैं लेकिन एक घंटे 10 मिनट के खेल में प्रीमियर लीग की तरह चार ब्रेक भी ले लिए जाएं तो हॉकी पूरी तरह से सेफ हो जाएगी और इसको आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं पाएगा।
अंतरराष्ट्रीय अंपायर चेन्नई के मो. मुनीर ने कहीं। उन्होंने कहा कि आज वास्तव में यह दुखद है कि राष्ट्रीय खेल हॉकी की र्दुदशा हो गई है। इसके पीछे कारण वे क्रिकेट को नहीं मानते। उनका कहना है कि क्रिकेट आज अगर इतना लोकप्रियता है तो उससे पीछे उसकी मार्केटिंग है। अगर हॉकी में भी सही मार्केटिंग की जाए तो क्यों नहीं इसको आगे किया जा सकता। उनका कहना है कि हॉकी के लिए आज यह जरूरी हो गया है कम से कम चार बार ब्रेक लिया जाए ताकि जब किसी मैच का सीधा प्रसारण हो तो बीच में विज्ञापन दिखाने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि देश में प्रीमियर लीग में इसका प्रयोग भी किया जा चुका है। लीग में 35 मिनट के पहले हॉफ में खेल को एक बार रोका जाता है। 17.5 मिनट के खेल के बाद एक ब्रेक होता है। यानी दो हॉफ के खेल को चार हिस्सों में बांटकर मैच कराया जाता है। हॉकी लीग को इसके कारण लोकप्रियता मिली है, लेकिन अभी इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं दी जा रही है। लेकिन जब तक ब्रेक के लिए हॉकी को मान्यता नहीं मिलेगी इसका भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा। रायपुर में लगना चाहिए एस्ट्रो टर्फ :- अखिल भारतीय स्वर्ण कप नेहरू हॉकी में चैंपियनशिप के निर्देशक के रूप में काम कर रहे मो. मुनीर ने पूछने पर कहा कि यह जरूरी है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एस्ट्रो टर्फ लगे। उन्होंने नेताजी स्टेडियम के बारे में कहा कि यहां पर आसानी से एस्ट्रो टर्फ लगाया जा सकता है। बकौल मुनीर इस मैदान में दिशा गलत है तो क्या हुआ एस्ट्रो टर्फ लगाने के बाद यहां पर फ्लड लाइट में मैच करवाने से कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने नेताजी स्टेडियम के मैदान की तारीफ करते हुए कहा ऐसा चट मैदान तो देश में और कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मैदान को तैयार करने के लिए आयोजक काफी मेहनत करते हैं। श्री मुनीर ने बताया कि वे जब यहां 2003 में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप के समय आए थे तो प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी से मुलाकात हुई थी, तो उनके सामने यह बात रखी गई थी कि छत्तीसगढ में एस्ट्रो टर्फ जरूरी है। तब उन्होंने कहा था कि जशपुर में एस्ट्रो-टर्फ लगाया जा रहा है। श्री मुनीर ने पूछने पर बताया कि वे जरूर अपने अंयापर साथियों के साथ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलेंगे और उनको रायपुर में एस्ट्रो-टर्फ लगाने के लिए कहेंगे। मई से नए नियम आएंगे :- श्री मुनीर ने बताया कि हॉकी में और तेजी लाने के साथ इसको सुरक्षित करने के लिए नियमॊ में बदलाव किए गए हैं। ये नए नियम मई से लागू होंगे। इन नियमॊं के बारे में उन्होंने बताया कि अब फ्री हिट मिलने पर खिलाड़ी जहां गेंद को खुद ही लुढ़काकर खेल सकते हैं, वहीं फ्री हिट को 23 मीटर की दूरी से सीधे डी के अंदर नहीं मारा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सीधे डी के अंदर फ्री हिट मारने से किसी खिलाड़ी के साथ अंपायर को भी चोट लगने की संभावना रहती है क्योंकि फ्री हिट के समय 9 खिलाड़ी डी के अंदर रहते हैं, लेकिन इस नए नियम से अब यह खतरा समाप्त हो जाएगा। स्कूल स्तर से ध्यान देना होगा :- नौ साल से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंपायरिंग करने वाले श्री मुनीर का कहना है कि हॉकी को आगे बढ़ाने के लिए स्कूल स्तर से ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर पर हॉकी खेली तो जाती है लेकिन वैसा प्रशिक्षण नहीं मिल पाता जैसा मिलना चाहिए। अपने देश में अच्छे प्रशिक्षकों की कमी नहीं है। इसको अगर स्कूली खिलाड़ियों का तैयार करने में लगाया जाए तो खेल आगे बढ़ सकता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के बारे में कहा कि यहां पर आदिवासी क्षेत्र में काफी प्रतिभाएं हैं इन पर ध्यान दिया जाए तो छत्तीसगढ़ हॉकी में बहुत आगे बढ़ सकता है।

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