शनिवार, 21 मार्च 2009

रायपुर का स्टेडियम एशिया में नंबर दो

राजधानी के नए स्टेडियम की चर्चा अब देश के साथ विदेशों में भी होने लगी है। आईपीएल के मैचों की मेजबानी मांगकर छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने इस स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के नक्शे में ला दिया है। इस स्टेडियम की तारीफ यहां आए बीसीसीआई की उस कमेटी के सदस्यों ने भी की जो स्टेडियम निरीक्षण आईपीएल के मैचों की मेजबानी देने के लिए करने आए थे। इन सदस्यों ने भी माना है कि बस थोड़ी सी सुविधाएं और हो जाएं तो यह स्टेडियम एशिया में कोलकाता के ईडन गार्डन के बाद एशिया में नंबर दो हो सकता है। वैसे छमता के हिसाब के तो यह एशिया के नंबर दो मोहाली के स्टेडियम से आगे है। अब जहां तक सुंदरता का सवाल है तो यह किसी मायने में मोहाली से कम नहीं है। राजधानी रायपुर में बने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर जब बीसीसीआई की कमेटी के सदस्यों धीरज मल्होत्रा, दलजीत सिंह के साथ दिल्ली क्रिकेट संघ के सचिव सुनील देव के कदम पड़े तो उनको भी नहीं मालूम था कि वे एक ऐसे स्टेडियम का निरीक्षण करने के लिए आए हैं जो वास्तव में एशिया में नंबर दो है। इस स्टेडियम का निरीक्षण करते हुए सभी सदस्य काफी खुश हुए कि छत्तीसगढ ज़ैसे छोटे राज्य में इतना बड़ा स्टेडियम बना है। प्रदेश संघ से जुड़े कुछ पदाधिकारियों ने बताया कि उनको खुद धीरज मल्होत्रा ने यह कहा कि वास्तव में ऐसे स्टेडियम की कल्पना तो उन्होंने नहीं की थी कि ऐसा स्टेडियम रायपुर में हो सकता है। उन्होंने जब यहां का ड्रेसिंग रूम देखा तो आश्चर्य में पड़ गए कि यहां के ड्रेसिंग रूम में सोना बाथ के साथ स्टीम बाथ की सुविधा तो है ही साथ ही यहां पर आईस टप भी है। इसके लावा मसाज बैड और किट बैड स्टैंड भी है। देश में ऐसे काफी कम स्टेडियम हैं जहां पर ड्रेसिंग रूम में ऐसी सुविधा हैं। वैसे अभी ड्रेसिंग रूम को तैयार करने का काम चल रहा है। इसको इस तिरह से निखारा जाएगा कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी यहां आकर इसकी तारीफ किए बिना न रहें। मैदान काफी बड़ा है:- स्टेडियम के मैदान के बारे में प्रदेश संघ के विशेषज्ञों ने बीसीसीआई के सदस्यों को जो जानकारी दी उसके मुताबिक मैदान इतना बड़ा है कि मैच के लिए बाऊंड्री की रेखा खींचने के बाद भी 25 से 30 फीट की जगह बच जाती है। ज्यादातर मैदानों में तो बाऊंड्री को मैदान के अंतिम छोर पर बनाना पड़ता है। लेकिन रायपुर का मैदान 90 यार्ड में बना है। ज्यादातर वनडे मैचों में ज्यादा से ज्यादा 80 यार्ड के अंदर बाऊंड्री बनती है। इसी तरह से 20-20 मैचों में बाऊंड्री की सीमा 65 से 70 यार्ड के अंदर रहती है। इस लिहाज से रायपुर का स्टेडियम काफी बड़ा है। इसके 90 यार्ड में होने की जानकारी होने पर बीसीसीआई के मैदान समिति के प्रमुख दलजीत सिंह भी काफी खुश हुए। उन्होंने मैदान का पूरा चक्कर लगाकर आऊटफील्ड को भी देखा था और इसकी आऊटफील्ड की खुले दिले से तारीफ भी की थी। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि रायपुर स्टेडियम की आऊटफील्ड किसी भी मायने में मोहाली के स्टेडियम से कम नहीं है। सुंदरता के मामले में भी मोहाली से स्टेडियम कम नहीं है। बस इसकी सुंदरता को थोड़ा सा और निखारने की जरूरत है। जहां तक विकेट का सवाल है तो यहां भी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियमों की तरह 9 विकेट हैं जो खेलने के लिए हैं। क्षमता में नंबर दो ही है:- स्टेडियम की जहां तक क्षमता का सवाल है तो यह एशिया में क्षमता के हिसाब से नंबर दो पर है। पहले नंबर के स्टेडियम कोलकाता के ईडन गार्डन की क्षमता जहां एक लाख है, वहीं एशिया में दूसरे नंबर पर माने जाने वाले स्टेडियम मोहाली की क्षमता 60 हजार है। रायपुर के स्टेडियम की क्षमता इस समय 65 हजार है। वैसे विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि इस क्षमता को और बढ़ाया जा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो अगर स्टेडियम में प्रथम तल के बाद की गैलरी में अगर कुर्सियां न लगाई जाएं तो इसकी क्षमता 80 हजार से ज्यादा हो सकती है। और अगर किसी भी गैलरी में कुर्सियां न लगाई जाएं तो क्षमता एक लाख से ज्यादा हो सकती है। उल्लेखनीय है कि जब सितंबर में यहां पर स्टेडियम का उद्धाटन हुआ था और एक मैत्री मैच का आयोजन किया गया था तो गैलरियों में कुर्सियां न लगाने के कारण ही स्टेडियम में करीब एक लाख दर्शक आ गए थे। यह इस बात का सबूत है कि वास्तव में गैलरियों को अगर कुर्सियों से मुक्त रखा जाए तो स्टेडियम की क्षमता ईडन गार्डन जितनी हो सकती है। इंतजार है अब अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के जलवे का:- स्टेडियम के साथ प्रदेश के खेल प्रेमियों को अब बस यहां पर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के बल्लें और गेंदों के जलवे का इंतजार है। सबका ऐसा मानना है कि यहां पर मैच जरूर होगा। वैसे तो स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के कदम पड़ चुके हैं, लेकिन तब मैच मैत्री मैच था, लेकिन अब होने वाला मैच एक पेशेवर मैच होगा और इस मैच में रनों की बारिश देखने से कोई वंचित नहीं चाहता है। क्रिकेट का दीवान हर दर्शक बस इस इंतजार में है कि कब यह खबर आए कि रायपुर को आईपीएल के मैच मिल गए हैं और वो तैयारी करें कि उनको मैच देखने जाना है।

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