बुधवार, 18 मार्च 2009

कमियां होने लगीं दूर- मैच मिलेगा जरूर

राजधानी के नए स्टेडियम में दो दिन पहले जिस विकेट पर घास ही घास थी, वह विकेट आज ऐसा नजर आ रहा है, मानो वहां पर कभी घास थी ही नहीं। यही हाल आउटफील्ड का है। आउटफील्ड की चमक देखते ही बन रही है। जिस तरह से छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ की तकनीकी कमेटी के साथ पदाधिकारी मैदान की कमियों को दूर करने में जुटे हुए हैं, उस मेहनत ने रंग भी दिखा दिया है। बीसीसीआई की कमेटी ने स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय मैच के लायक मान लिया है। कमेटी ने स्टेडियम की थोड़ी-बहुत कमियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए कहा है। कमेटी के सदस्यों ने प्रदेश संघ के जोश की खुले दिल से तारीफ करते हुए कहा कि इतना जोश उन्होंने किसी राज्य के संघ में नहीं देखा है। इनका जोश इनको सफलता जरूर दिलाएगा। छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ द्वारा आईपीएल का मैच मांगे जाने के बाद जैसे ही संघ के पास इस बात का संदेश आया कि स्टेडियम को देखने के लिए बीसीसीआई की एक कमेटी आएगी, तो संघ ने उसके पहले अपनी तकनीकी कमेटी के साथ मैदान का निरीक्षण किया और सोमवार से ही मैदान को ठीक करने की कवायद प्रारंभ कर दी। आज उसका परिणाम यह रहा कि जो मैदान सोमवार को घास से भरा हुआ नजर आ रहा था और उस घास में विकेट दिखा ही नहीं रहा था, वह मैदान दो दिन बाद बुधवार को ऐसा लग रहा था मानो वहां पर कभी घास थी ही नहीं। मैदान में घास हटते ही जहां विकेट दिखने लगा है, वहीं आउटफील्ड की चमक भी बढ़ गई है। आज जब बीसीसीआई की कमेटी आई तो कमेटी के साथ आए मैदान समिति के प्रमुख दलजीत सिंह ने जहां विकेट को काफी गंभीरता से देखा वहीं पूरे मैदान में घुम-घुम कर आउटफील्ड को भी देखा। ऐेसा ही कुछ आईपीएल के टूर्नामेंट निर्देशक धीरेन्द्र मल्होत्रा ने भी किया। उन्होंने भी मैदान का चक्कर लगाया और मैदान को देखकर वे संतुष्ट नजर आएं। दलजीत सिंह, धीरेन्द्र मल्होत्रा के साथ दिल्ली क्रिकेट संघ के सचिव सुनील देव भी मैदान को काफी गंभीरता से देखा। वैसे भी सुनील देव को बीसीसीआई ने भेजा ही इसलिए है कि वे देख सकें कि मैदान में दिल्ली जैसी सुविधाएं हैं या नहीं। चूंकि दिल्ली के मैच ही रायपुर में होने हैं ऐसे में सुनील देव ने मैदान को बड़ी गंभीरता से देखा। उनको मैदान काफी भाया। उन्होंने कहा भी कि ऐसे हर-भरे मैदान देश में काफी कम हैं। जोश पे कमेटी फिदा- कमेटी के सदस्य प्रदेश क्रिकेट संघ का जोश देखकर फिदा हो गए। कमेटी के तीनों सदस्यों ने एक स्वर में इस बात को माना उन्होंने ऐसा जोश और किसी राज्य संघ में नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य के संघ में ऐसा जोश हो उसको सफलता मिलनी ही है। वास्तव में प्रदेश संघ के पदाधिकारियों ने मैदान की दो दिन में काया ही बदल ही है और उन्होंने दिया है कि संघ चाहता है कि प्रदेश के खेल प्रेमी यहां पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच का आनंद लें। मैत्री मैच की सीडी देखी कमेटी ने - स्टेडियम के निरीक्षण के दौरान कमेटी को वहां पर सितंबर में स्टेडियम के उद्घाटन के अवसर पर हुए उस मैत्री मैच की सीडी दिखाई गई जिस मैच में कई अंतरराष्ट्रीय सितारे खेले थे। इस मैच की सीडी देखकर कमेटी के सदस्य वाह-वाह किए बिना नहीं रह सके। इनको मैच की फोटो भी दिखाई गई। सदस्यों को उद्घाटन मैच की सारी जानकारी दी गई और उनको बताया कि जब पांच माह पहले यहां पर ऐसा एक मैच हो सकता है तो अब अंतरराष्ट्रीय मैच क्यों नहीं हो सकता। सदस्यों ने भी माना कि वास्तव में यहां पर पांच माह पहले भी काफी मेहनत हुई थी और आज भी मैच लेने के लिए काफी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। कमेटी ने इंजीनियरों से भी की चर्चा - कमेटी के सदस्यों ने स्टेडियम का निर्माण करने वाली नागार्जुन कंपनी के इंजीनियरों से भी चर्चा की और उनसे पूछा कि मैदान में जो कमियां है उनको कब तक दूर किया जा सकता है। इंजीनियरों से कमेटी को भरोसा दिलाया कि सारी कमियां जल्द से जल्द दबर कर दी जाएंगी। कमेटी को इनकी बातों पर इसलिए भरोसा है क्योंकि कमेटी के सदस्य जानते हैं कि स्टेडियम का निर्माण करने वाली कंपनी नई नहीं है और पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम बना चुकी है। कमेटी के सदस्यों ने खुद इस बात को पत्रकारों के सामने रखा है कि कंपनी पर उनको भरोसा है। कमेटी को इंजीनियरों के साथ प्रदेश संघ ने भी भरोसा दिलाया है कि कमेटी ने जिन कमियों को दूर करने की बात कही है उनको जल्द से जल्द दूर कर लिया जाएगा। ज्यादा मैच भी लेने तैयार हैं- प्रदेश संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया कमेटी द्वारा स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय मैच के लायक माने जाने की बात से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि इससे अच्छी बात हमारे संघ के लिए क्या हो सकती है। श्री इस बात से और ज्यादा प्रसन्न हैं कि कमेटी के सदस्यों ने कहा है कि एक से ज्यादा मैच मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें जितने भी मैच दिए जाएंगे हम करवाने के लिए तैयार हैं। स्टेडियम को संवारने मिलेगा काफी समय -यह बात तय है कि यहां पर आईपीएल के जो मैच होंगे वो मई में ही होंगे। ऐसा इसलिए कि दिल्ली के मैच मई में होने थे और दिल्ली के ही मैच रायपुर में करवाए जाने की बाच चल रही है। ऐसे में मई में मैच हुए थे तो स्टेडियम को संवारने के लिए करीब डेढ़ माह का वक्त मिल जाएगा और यह वक्त सारी कमियों को दूर करने के लिए पर्याप्त होगा। वैसे तो यहां पर १० अपै्रल को मैच मानकर तैयारियां की जा रही थीं।

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