शुक्रवार, 13 मार्च 2009
पाइका के लिए १७ करोड़
प्रदेश में पाइका योजना को प्रारंभ करने के लिए १७ करोड़ का बजट पहले चरण में रखा गया है। इस बजट में दो करोड़ ६६ लाख की राशि प्रदेश सरकार खर्च करेगी बाकी राशि केन्द्र सरकार से मिलेगी। योजना के पहले चरण की तैयारी खेल विभाग में जोरदार चल रही है। इस पहले चरण में प्रदेश के १८ जिलों के करीब एक हजार गांवों में इस योजना का प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए मैदानों को चिंहित कर लिया गया है और इसकी एक योजना बनाकर केन्द्र सरकार को भेजना की तैयारी चल रही है। केन्द्र सरकरर ने पूर देश के गांवों को खेलों से जोडऩे के लिए पंचायत स्तर से खेलों के विकास के लिए पाइका योजना प्रारंभ की है। इस योजना के पहले चरण में हर राज्य के सभी जिलों के १० प्रतिशत गांवों को शामिल किया गया है। इन सभी गांवों में खेल मैदान विकसित करने के साथ खेलों का आगाज किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में इस योजना को लागू करने के लिए खेल विभाग ने काफी गंभीरता से पहल की है और विभाग की पहल पर प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए बजट भी पास कर दिया गया है। राज्य सरकार ने अपने बजट में दो करोड़ ६६ लाख रुपए रखे हैं। इसके अलावा केन्द्र सरकार से इसके लिए १४ करोड़ से ज्यादा की राशि मिलेगी। इस योजना के लिए खेल विभाग ने प्रदेश के हर जिले में खेल मैदानों का चिंहित करने का काम पूरा कर लिया है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों से उन गांवों को चिंहित करके सूची मंगाई गई जिन गांवों में मैदान हैं। खेल विभाग को जितने भी जिलों के मैदानों की जानकारी दी गई है वो पुख्ता दी गई है। सभी चिंहित मैदानों का नक्शा भी साथ में जमा किया गया है। सभी खेल अधिकारियों को ये निर्देश पहले ही दिए गए थे बिना नक्शे के जानकारी न दें। सारे चिंहित मैदानों की जानकारी योजना बनाकर केन्द्र को भेजनी है ऐसे में यह जरूरी है कि किसी भी मैदान की जानकारी में कोई कमी न रहे। मैदानों की जानकारी जुटाने में खेल अधिकारियों को कुछ परेशानी जरूर उठानी पड़ी है, लेकिन सबने सही जानकारी के साथ अपनी सूची जमा की है। हर जिले से जो जानकारी खेल विभाग के पास आई है उस पर नजरें डालने से मालूम होता है इस योजना के लिए जिन मैदानों को चिंहित किया गया है, उनमें ज्यादातर मैदान पहले से विकसित हैं। इन मैदानों का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि मैदानों के लिए केन्द्र सरकार एक लाख की ही राशि दे रही है। इतनी कम राशि में मैदान बनने से रहे।
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