शनिवार, 14 मार्च 2009
फुटबॉल- हॉकी की अकादमी बनायेगी शेरा क्रीड़ा समिति
छत्तीसगढ़ के फुटबॉल खिलाड़ियों को 34 सालों से तैयार करने का काम करने के साथ ही फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन करने वाली शेरा क्रीड़ा समिति अब फुटबॉल के साथ हॉकी की अकादमी भी बनाने की योजना पर काम कर रही है। शेरा क्लब के नाम से जानी जाने वाली इस संस्था की फुटबॉल टीम जहां आज भी बाहर खेलने जाती है, वहीं समिति ने दो दशक तक अपनी हॉकी टीम को भी बाहर खेलने के लिए भेजा है। इस संस्था से जुड़े 300 से ज्यादा खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। शेरा क्रीड़ा समिति की 1975 में स्थापना करने वाले फुटबॉल खिलाड़ी मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि रायपुर में पिछले 34 सालों से फुटबॉल के साथ हॉकी को जिंदा रखने वाली इस संस्था ने अब दोनों खेलों की अकादमी बनाने का फैसला किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मुलाकात करके उनसे रायपुर के आस-पास 10 एकड़ जमीन मांगी जाएगी जिस पर अकादमी बनाई जा सके। उन्हॊंने बताया कि प्रदेश में बनने वाली यह पहली निजी अकादमी होगी जिसकी पूरी योजना बना ली गई है। अकादमी की स्थापना के लिए इसमें भारतीय खेल प्राधिकरण से भी मदद ली जाएगी। शेरा क्रीड़ा समिति के बारे में उन्होंने बताया कि रायपुर में जिस समय इस संस्था की स्थापना की गई थी उस समय फुटबॉल के प्रति दीवानगी कम नहीं थी। तब संस्था ने फुटबॉल के आयोजन का जिम्मा उठाया। इसी के साथ संस्था की फुटबॉल के साथ हॉकी की टीम भी बनाई गई जो अखिल भारतीय स्तर पर खेलने जाती थी। हॉकी की टीम 1996 तक बाहर खेलने जाती थी। इधर शुरुआती दौर में संस्था ने 1976 से गास मेमोरियल में जूनियर वर्ग की सेवन-ए-साइड फुटबॉल की अखिल भारतीय चैंपियनशिप का आयोजन प्रारंभ किया। यह क्रम 1984 तक चला। फुटबॉल की चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ की टीमों के साथ मप्र, महाराष्ट्र, उड़ीसा और कई राज्यों की 32 टीमों को शामिल किया जाता था। संस्था का कार्यालय जब 1985 में सप्रे स्कूल में खोला गया तो यहां से संस्था ने आर्थिक परेशानी के कारण अखिल भारतीय चैंपियनशिप को बंद कर दिया, वहीं 1980 में प्रांरभ की गई राज्य चैंपियनशिप को नियमित रखने का फैसला किया गया। संस्था ने छत्तीसगढ़ के स्कूली और कॉलेज के खिलाड़ियों को एक मंच देने के लिए अंतर स्कूल और अंतर कॉलेज चैंपियनशिप का आयोजन प्रारंभ किया था। जब यह चैंपियनशिप प्रारंभ की गई तो मप्र राज्य के रहते इस चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ की टीमों को ही शामिल किए जाने का फैसला किया गया ताकि यहां के खिलाड़ियों को मौके मिल सके। इसके बाद 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य अलग बना तो भी छत्तीसगढ़ की टीमें भी खेल रही हैं। हर साल दो दर्जन राष्ट्रीय खिलाड़ी निकलते हैं:- मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि संस्था का जब से गठन हुआ है तक से लेकर अब तक 300 से ज्यादा खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। मप्र के रहते तो यहां के खिलाड़ियों को उतना मौका नहीं मिलता था लेकिन छत्तीसगढ़ बनने के बाद से हर साल औसत दो दर्जन खिलाड़ी विभिन्न वर्गों स्कूल, कॉलेज, ओपन, ग्रामीण स्तर पर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेलने जाते हैं। उन्होंने बताया कि संस्था के बनने के बाद से ही 34 सालों ेसे लगातार संस्था ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर चल रही है। यह शिविर हमेशा 82 दिनों का होता है। यह शिविर एक अप्रैल से प्रारंभ होता है जो 30 जून तक चलता है। शिविर में खिलाड़ियों को वरिष्ठ खिलाड़ियों द्वारा ही प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने बताया कि संस्था अब महिला खिलाड़ियों को भी प्रशिक्षण देने का काम कर रही है। टीमें कई चैंपियनशिप में खेली हैं:- एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि शेरा क्लब की फुटबॉल के साथ हॉकी की टीमें भी कई अखिल भारतीय चैंपियनशिप में खेली हैं। हॉकी की टीम को तो 1996 के बाद बाहर भेजना बंद कर दिया गया, लेकिन फुटबॉल की टीमें लगातार खेलने जा रही हैं। श्री प्रधान बताते हैं कि संसाधनों की कमी के कारण हमारी टीम राष्ट्रीय स्तर पर कोई खिताब तो नहीं जीत सकी, लेकिन कई बड़ी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल तक जरूर हमारी टीम खेली है। राज्य में होने वाली चैंपियनशिप में दुर्ग की जलाराम ट्रॉफी के साथ बिलासपुर की राम बाबू ट्रॉफी भी जीती है। क्लब के खिलाड़ी बड़े पदों पर:- क्लब से खेलने वाली कई खिलाड़ी इस समय बड़े-बड़े पदॊ पर काम कर रहे हैं। श्री प्रधान ने बताया कि यहां के एक खिलाड़ी नितीन तिवारी बेंगलूर में वैज्ञानिक हैं। इसी के साथ सतीश प्रेमचंदानी इंजीनियर हैं तो सुमीत तिवारी और विमल साहू कॉलेज में प्रोफेसर हैं। इनके अलावा दिवाकर थिटे, सुनील जैन, अलताफ खान और श्रीकांत मिश्रा वकील हैं। और कई खिलाड़ी बाहर कई पदों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि क्लब के अध्यक्ष पद पर अब्दुल हई कुरैशी के बाद इनायत अली, गजराज पगारिया, इंदरचंद धाड़ीवाल रहे हैं। वर्तमान में चन्द्रशेखर तिवारी अध्यक्ष हैं। सचिवों में पहले सचिव मुश्ताक अली प्रधान थे। इसके बाद दिवाकर थिटे, कल्याण सिंह ठाकुर, शफीक अमन, सतीश प्रेमचंदानी सुमीत तिवारी रहे हैं। श्री प्रधान ने बताया कि उनके क्लब के आयोजन में पूर्व राज्यपाल केएम सेठ के साथ पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी आ चुके हैं। सभी ने क्लब की गतिविधियों की तारीफ की है।
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