शनिवार, 28 मार्च 2009

रोहन के बल्ले से निकली जीत

मेट्रो कोलकाता ने रणजी खिलाड़ी रोहन बनर्जी के नाबाद शतक की मदद से बेंगलूर को सात विकेट से मात देकर तीसरी जीत दर्ज की। अखिल भारतीय अंतर जोन रेलवे क्रिकेट में टॉस जीतकर पहले खेलते हुए बेंगलूर ने सलामी बल्लेबाज वी. चेलूराज के नाबाद ९४ रनों की मदद से ८ विकेट पर २२३ रन बनाए। इस चुनौती को कोलकाता ने रोहन के नाबाद शतक की मदद से तीन विकेट खोकर ही प्राप्त कर लिया। चैंपियनशिप में पहला शतक बनाने वाले रोहन मैन ऑफ द मैच रहे। बेंगलूर की टीम से खेल रहे भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी के. येरेगोड़ा अपना जादू नहीं दिखा पाए और महज दो रनों पर ही आउट हो गए। डब्ल्यूआरएस के मैदान में चल रही चैंपियनशिप में बेंगलूर के कप्तान के. येरेगौड़ा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। सलामी बल्लेबाज एम. मुकेश तो खाता खोले बिना ही आउट हो गए, लेकिन इसके बाद वी. चेलुराज और सौहेल मैनेजर की जोड़ी ने दूसरे विकेट के लिए ११५ रनों की साङोदारी की। इस साङोदारी को सौहेल का विकेट लेकर केएच मंडल ने तोड़ा। सौहेल ने ७० गेंदों पर ४६ रन बनाए। इस जोड़ी के टूटने के बाद चेलुराज को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं पाया। चेलुराज ने नाबाद रहते हुए १४७ गेंदों का सामना करते हुए सात चौकों की मदद से जो ९४ रन बनाए उसी की बदौलत बेंगलूर की टीम ने ८ विकेट पर २२३ रनों का स्कोर खड़ा किया। २२४ रनों की चुनौती के सामने लगातार दो मैच जीत चुकी कोलकाता की पारी का आगाज ए. चक्रवर्ती और एस. सिल की जोड़ी ने किया। यह जोड़ी अपनी टीम के लिए महज २९ रन ही जोड़ सकी। इसके बाद मैदान में आए रोहन बनर्जी ने ए. चक्रवर्ती के साथ मिलकर दूसरे विकेट के १३० रनों की साङोदारी की। इस साङोदारी ने जीत की नींव रखी। दूसरे विकेट के रूप में चक्रवर्ती ७३ बन बनाकर आउट हुए। उन्होंने ९५ गेंदों का सामना करते हुए ८ चौके जड़े। बनर्जी को अपना शतक पूरा करने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। जब वे ९८ के स्कोर पर थे और टीम को जीतने के लिए महज सात रनों की जरूरत थी तो विपक्षी टीम ने अपने क्षेत्ररक्षकों को पास बुला लिया था और उनकी रणनीति रोहन को शतक बनाने से रोकने की थी। लेकिन रोहन के साथी ए. नंदी ने सुङाबूङा का परिचय देते हुए उनको मौका दिया और जब मैच जीतने के लिए एक रन बाकी था तो रोहन ने शाट लगाकर जहां अपना शतक पूरा किया, वहीं अपनी टीम को जीत दिला दी। रोहन ने जो शाट लगाया था वह कैच था पर उनको लपकने में बेंगलूर के क्षेत्ररक्षक असफल रहे जिसके कारण रोहन का शतक भी पूरा हुआ और कोलकाता ने मैच भी जीत लिया। रोहन ने १२३ गेंदों का सामना किया और पांच चौके जड़े। मैदान और मेजबानी की तारीफ:- मैच के बाद बेंगलूर के कप्तान अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के. येरेगौड़ा ने जहां यह माना कि उनकी टीम को कम से कम २५० रन बनाने थे, वहीं उन्होंने मैदन के साथ रायपुर की मेजबानी की तारीफ करते हुए कहा कि लग रहा है कि असली मेजबान तो रायपुर ही है। वैसे मैच बिलासपुर में भी हो रहे हैं लेकिन वहां की मेजबानी में दम नहीं है। ऐसी ही बात कोलकाता टीम के कप्तान संजीब सान्याल ने कही। उन्होंने जहां अपनी टीम की लगातार तीसरी जीत पर अपने खिलाडिय़ों के खासकर रोहन बनर्जी की बल्लेबाजी की तारीफ की, वहीं यह भी कहा कि मैच खेलने का मजा तो रायपुर में आ रहा है।
बेंगलूर:- एम. मुकेश का. नंदी बो सान्याल ०० (०७), वी. चेलुराज नाबाद ९४ (१४७), सौहेल मैनेजर का रोहन बो केएच मंडल ४६ (७०), सीके अक्षय का एस. अहमद बो मंडल ०१ (०२), एसपी मंजूनाथ पगबाधा बो सान्याल १० (११), एसके जैन पगबाधा बो मंडल ०५ (०५), पीपी कुलकर्णी बो एस पाकरे ०१ (०९), नागराज का ए. चक्रवर्ती बो ए. नंदी १० (२९), संदीप एच नाबाद २३ (१५), अतिरिक्त ३१। कुल- ८ विकेट पर २२३ रन। विकेट पतन- १-०, २-११५, ३-११७, ४-१३१, ५-१४३, ६-१४८, ७-१५३, ८-१७५। गेंदबाजी- संजीब सान्याल १०-२-३९-२, एनके दास ९-१-४०-०, एस. सिल ३-०-१७-०, एस. पाकरे १०-०-३२-१, केएच मंडल १०-१-४०-४, ए. नंदी ८-१-४३-१। कोलकाता:- ए. चक्रवर्ती पगबाधा बो एसके जैन ७३ (९५), एस. सिल का. चेलुराज बो एम. नागराज १३ (२५), रोहन बनर्जी नाबाद १०० (१२३), केएच मंडल का. चेलुराज बो सौहेल २८ (३५), ए. नंदी नाबाद ०७ (१०), अतिरिक्त ०३। कुल- ४८ ओवरों में तीन विकेट पर २२४ रन। विकेट पतन- १-२९, २-१५९, ३-२१४। गेंदबाजी- मनोज ७-१-३२-१, नागराज ६-०-३३-१, संदीप ५-०-२१-०, सौहेल ७-१-३०-१, सीके अक्षय ८-०-४३-०, पी. कुलकर्णी १०-०-४३-०, एसके जैन ५-०-२२-१।

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