बुधवार, 10 नवंबर 2010

कन्फ्यूजन की कार्यशाला

राज्य प्रतिभा खोज और पायका की जानकारी देने के लिए आयोजित किया गया सेमिनार छत्तीसगढ़ ओलंपिक के मिनी ओलंपिक में फैले भ्रम के कारण पूरी तरह से कन्फ्यूजन की कार्यशाला बन कर रह गया। खेल सचिव सुब्रत साहू के एक सवाल ने ही राज्य भर के जिलों से आए बीओ के बीच एक ऐसी भ्रम की स्थिति निर्मित कर दी जिसको लेकर लंबी बहस छिड़ गई और सेमिनार छत्तीसगढ़ ओलंपिक का अखाड़ा बन गया। इस भ्रम की स्थिति को कुछ हद तक संभालने का काम खेल संचालक जीपी सिंह ने किया।
नए विश्राम गृह में आयोजित सेमिनार में खेल सचिव सुब्रत साहू ने सेमिनार का प्रारंभ करने से पहले सभी से छत्तीसगढ़ ओलंपिक में स्कूली खेलों पर चर्चा करने के लिए कहा ताकि आगे भ्रम की स्थिति न रहे। खेल सचिव ने कहा कि उनको शिक्षा संचालक केआर पिस्दा ने मालूम हुआ है कि जिलों में भ्रम की स्थिति है ऐसे में समय है तो उन सभी भ्रमों को आज दूर कर दिया जाए। खेल सचिव ने जब सभी से पूछा कि वे स्कूली शिक्षा में जिला स्तर से टीमें भेजने के पक्ष में है या जोन स्तर से तो। उनके इस एक सवाल ने ही भ्रम की स्थिति को और बढ़ा दिया। उनके इस सवाल पर ज्यादातर बीओ जिलों से टीमें भेजने के पक्ष में खड़े हो गए। खेल सचिव जिलों की टीमों की बात करने लगे तो बीओ के बीच में बात होने लगी कि ये क्या हो रहा है। स्कूली खेलों में जो जिलों की टीमें जोन में जाती हैं जोन की टीमें राज्य स्तर पर जाती हैं। खेल सचिव को स्कूली शिक्षा के खेलों के सेटअप के बारे में जानकारी ही नहीं थी। जब जिला और जोन की टीमों को लेकर लंबी बहस होने लगी तो अंत में खेल संचालक जीपी सिंह ने साहस दिखाते हुए खेल सचिव को कान में समङााया कि सर स्कूलों में जोन स्तर का सेटअप है। इसके बाद भी खेल सचिव लगातार यही कहते रहे कि फैसला आप लोगों को करना है कि जिलों की टीमों को राज्य स्तर पर खेलने भेजना है या जोन की टीमों को। अब भला खेल सचिव के सामने कौन बोलता। लेकिन अंत में फैसला किया गया कि स्कूली शिक्षा का जो सेटअप है उसी के आधार पर टीमें राज्य स्तर पर खेलने आएंगी।
खेल सचिव ने एक तरफ जहां जिलों और जोन को लेकर भ्रम की स्थिति बना दी। वहीं उन्होंने सभी बीओ से यह भी कह दिया कि उनके विभाग ने १४ खेल तय किए हैं अगर आप जिलों में औैर ज्यादा खेल भी करवाना चाहते हैं तो करवा सकते हैं। खेल सचिव को खुद इस बात की जानकारी नहीं थी कि जिलों को तय खेलों से ज्यादा खेल करवाने की छूट १९ साल से ऊपर के ओपन वर्ग में दी गई है। खेल सचिव ने ब्लाक स्तर के आयोजन की भी बात बीओ के सामने रख दी, जबकि ब्लाक स्तर के आयोजन भी ओपन वर्ग में होने हैं।
ग्रामीण खिलाड़ी सामने आएंगे
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर खेल विभाग ने एक अच्छी योजना बनाई है। इस योजना से ग्रामीण खिलाड़ी सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि आज बच्चे घरों में कैद हो गए हैं और वे मैदान में नजर नहीं आते हैं। हम लोग तो अपने जमाने में सड़क पर ही कबड्डी खेल लिया करते थे। श्री अग्रवाल ने कहा कि हमने तय किया है कि हर बड़े गांव में खेल मैदान के लिए एक लाख की राशि देंगे। इधर पायका योजना में भी हर गांव के लिए एक-एक लाख की राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार गारंटी योजना का लाभ उठाकर भी गांवों में मैदानों के लिए सुरक्षित जमीन को समतल करके खेलने के लायक बनाया जा सकता है।
राष्ट्रीय खेलों की तैयारी है मिनी ओलंपिक
खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मेजबानी में होने वाले ३७वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के रूप में मिनी ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। राज्य में खेलों का वातारण बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो नवंबर को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने खुद सभी जिलों के जिलाधीशों, पुलिस अधीक्षकों और जिला पंचायतों के सीओ ने सीधे बात करके इस आयोजन की तैयारी करने कहा है। खेलमंत्री ने कहा कि एकजुट होकर काम करके हमें इस आयोजन को सफल बनाना है। इस आयोजन के लिए हमें निजी मदद भी लेनी पड़ेगी।
पायका-प्रतिभाखोज की दी जानकारी
कार्यक्रम में खेल संचालक जीपी सिंह ने राज्य के सभी जिलों से आए बीओ को पायका के साथ प्रतिभाखोज योजना की जानकारी दी और बताया कि इन योजनाओं पर कैसे काम करके इन योजनाओं को सफल बनाना है। इन योजनाओं के बारे में बाद में सभी को विस्तार से उपसंचालक ओपी शर्मा ने जानकारी दी।
अब राज्य खेल महोत्सव होगा नाम
छत्तीसगढ़ ओलंपिक का नाम बदल कर राज्य खेल महोत्सव करने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। छत्तीसगढ़ ओलंपिक के नाम से आयोजन करवाने में कुछ परेशानी होगी ऐसा खेलमंत्री लता उसेंडी का कहना है। नए नाम के लिए बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य खेल महोत्सव नाम सुङााया है जिसका एक प्रस्ताव बनाकर अनुमति के लिए भेजा जा रहा है। छत्तीसगढ़ ओलंपिक के नाम से आयोजन करने की बात मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ही कही थी।

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