गुरुवार, 11 नवंबर 2010

जांजगीर की जीत में संगीता की हैट्रिक

राज्य महिला खेलों की हॉकी के पहले मैच में जांजगीर चांपा ने संगीता चौरसिया की हैट्रिक की मदद से कोरबा को परास्त कर सेमीफाइनल में स्थान बना लिया। जांजगीर चांपा की हैंडबॉल टीम ने भी पहले मैच में शानदार खेल दिखाते हुए कोरबा को मात दी। मेजबान रायपुर ने हॉकी के पहले मैच में बिलासपुर को ३-० से हराया।
राज्य महिला खेलों का प्रारंभ बुधवार को डंगनिया के विद्युत मंडल के मैदान में हुआ। हॉकी का पहला मैच जांजगीर-चांपा का कोरबा के साथ खेला गया। यह मैच एकतरफा रहा। मैच में पहला तीन गोल हुए और तीनों गोल जांजगीर की संगीता चौरसिया ने किए। पहला गोल १९वें मिनट में और बाकी दो गोल खेल के दूसरे हॉफ में ३१वें और ३३वें मिनट में हुए। दूसरा मैच रायपुर का बिलासपुर से हुआ। इस मैच में रायपुर ने दीपिका वैरागढ़े के दो गोलों के साथ किरण के एक गोल की मदद से जीत प्राप्त की। तीसरे मैच में दुर्ग ने बस्तर को ३-० से हराया। दो गोल रंजनी सेंगर और एक गोल हीरा ने किया।
हैंडबॉल के पहले मैच में जांजगीर चांपा ने कोरबा को ३-१ से हराया। इस मैच में रमा मिर्जा ने दो और नम्रता ने एक गोल किया। अन्य मैचों में रायपुर ने बीजापुर को ४-० से हराया। मैच के चारों गोल पूनम यादव ने किए। महासमुन्द ने सोनिया और दामिनी को दो-दो गोलों की मदद से दंतेवाड़ा को ४-१ से और जगदलपुर ने राजनांदगांव को ८-५ से मात दी।

कोई नहीं मिला तो मुङो बुला लिया
स्पर्धा का उद्घाटन करते हुए रायपुर के पुलिस अधीक्षक दीपांशु काबरा ने कहा कि आज स्पर्धा का उद्घाटन करवाने के लिए खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे को कोई नहीं मिला तो मुजे बुला लिया। वे इस बात को लेकर परेशान रहे कि उद् घाटन किससे करवाया जाए क्योंकि कोई मिल नहीं रहा था। श्री डेकाटे के अनुरोध पर मुङो आना पड़ा। वैसे मैं मेजबान भी हूं और मुख्यअतिथि भी। इतना जलवा तो चलता है। एसपी के साथ रायपुर के जिला खेल प्रभारी श्री काबरा ने खिलाडिय़ों से कहा कि वे मेहनत करके प्रदेश की टीम में स्थान बनाए और राष्ट्रीय स्पर्धाओं में राज्य का नाम रौशन करें। उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि जब वे नागपुर के सरस्वती विद्यालय में पढ़ते थे, तो उनके मित्र हॉकी और हैंडबॉल खेलते थे, लेकिन मैं पढ़ाई की तरफ ध्यान देता था इसलिए स्कूल के बाद घर चला जाता था। बाद में अकाकमी में हॉकी और हैंडबॉल खेलने का मौका मिला। खेल से जुड़े अपने मित्रों की रफ्तार और फिटनेस देखकर मैं दंग रह जाता था।

उद्घाटन से पहले तक मैदान ठीक करने की होती रही मशक्कत
स्पर्धा में उद्घाटन के पहले तक हॉकी के मैदान को ठीक करने के लिए मशक्कत होती रही। यह नौबत इसलिए आई क्योंकि एक दिन पहले ही यह मालूम हुआ कि पुलिस लाइन के मैदान को दूसरे कार्यक्रम के लिए दे दिया गया है। इसके पहले वहां पर मैदान तैयार कर लिया गया था। हॉकी के एक मात्र स्टेडियम में नेताजी स्टेडियम में इस समय एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा है जिसकी वजह से उसका मिलना संभव नहीं था। वैसे भी राजधानी के ज्यादातर मैदानों का हाल बुरा है। इनका उपयोग खेल के आयोजनों के लिए कम और दूसरे आयोजनों के लिए ज्यादा होता है। डंगनिया के मैदान के बारे में जहां एक तरफ खुद उद्घाटन समारोह में पुलिस अधीक्षक दीपांशुं काबरा ने कहा कि अचानक इस मैदान में मैच करवाने का फैसला करने की वजह से मैदान ठीक ने नहीं बन पाया है, वहीं वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने भी खिलाडिय़ों ने मैदान पर ध्यान न देते हुए खेल पर ध्यान देने की बात कही। पहले मैच के बाद मैदान को पूरी तरह से ठीक कर दिया गया था।

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