बुधवार, 11 मार्च 2009

हर खेल का होगा खेल

प्रदेश का खेल विभाग नए सत्र के लिए खेल कैलेंडर बनाने में जुटा है। इस कैलेंडर में जिन भी खेल संघों को अपने खेल का नाम जुड़वाना है उनको विभाग ने खुला निमंत्रण दिया है कि वे आकर अपने खेल को शामिल करवा सकते हैं। खेल विभाग सब जूनियर के साथ जूनियर वर्ग की चैंपियनशिप का भी आयोजन करता है। वैसे अब विभाग के सामने यूथ के साथ सीनियर वर्ग की चैंपियनशिप करवाने की बात खेल संघों ने रखी है। प्रदेश के खेल विभाग में इन दिनों जहां एक तरफ पाइका की तैयारी जोरों पर चल रही है, वहीं परीक्षाऒं के बाद खेलों के आयोजनॊं को लेकर भी खेल कैलेंडर बनाया जा रहा है। विभाग पिछले तीन सालों से कई खेलों की राज्य चैंपियनशिप का आयोजन दो स्तर सब जूनियर और जूनियर वर्ग पर कर रहा है। पहले पहल 2006-7 में सब जूनियर वर्ग की चैंपियनशिप से ही आगाज किया गया था। इस आयोजन को मिली सफलता के बाद विभाग ने खेल संघॊ की मांग पर ही जूनियर वर्ग की चैंपियनशिप का भी आयोजन पिछले साल से प्रारंभ किया है। पिछले साल आयोजन के समय यह बात सामने आई थी कि कुछ खेल संघ वाले यह कहते रहे कि हमारे खेलों की चैंपियनशिप का आयोजन नहीं किया गया। ऐसे में इस बार अब खेल विभाग ने उन सभी खेल संघों से आव्हान किया है जो अपने खेलों की चैंपियनशिप करवाना चाहते हैं कि वे अपने खेलों के नाम जरूर आकर विभाग में जुड़वा लें। खेल विभाग के उप संचालक ओपी शर्मा ने इस बारे में पूछने पर बताया कि उनके विभाग से जो खेल संघ मान्यता प्राप्त हैं उनके अलावा ऐसे खेल जो कि राष्ट्रीय के साथ एशियाड और ओलंपिक में खेल जाते हैं और उन खेल संघों के पदाधिकारी किसी कारणवश मान्यता नहीं ले पाएं हैं उन खेलों की भी चैंपियनशिप का आयोजन करवाया जाएगा। यूथ और सीनियर चैंपियनशिप के आयोजन की भी मांग खेल विभाग द्वारा जब से राज्य चैंपियनशिप का आयोजन दो वर्गों में किया जा रहा है, प्रदेश के ज्यादातर खेल संघ काफी खुश हैं। सबका एक स्वर में मानना है कि इन आयोजन के कारण उनकी परेशानियां कम हो गई हैं। संघ को आयोजन करने में सबसे ज्यादा परेशानी आर्थिक आती है। चैंपियनशिप के आयोजन के लिए खेल विभाग से 50 हजार का ही अनुदान मिलता है, जबकि चैंपियनशिप में दो से तीन लाख का खर्च आ जाता है। ऐसे में खर्च के लिए भटकना पड़ता है। खेल संघों के पदाधिकारी कहते हैं कि अब जबकि सारा खर्च खेल विभाग कर रहा है तो हमें कोई परेशानी नहीं हो रही है। सभी खेल संघ अब चाहते हैं यूथ और सीनियर वर्ग की भी चैंपियनशिप का आयोजन खेल विभाग करे ताकि उनको राष्ट्रीय चैंपियनशिप में टीमें भेजने से पहले आयोजन करवाना न पड़े। इधर इस बारे में ओपी शर्मा का कहना है कि विभाग के पास ऐसे प्रस्ताव आने पर नियमानुसार इस दिशा में सोचा जाएगा। विभाग के पास फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव लिखित में तो नहीं आया है। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि जब खेल विभाग से खेल संघों की एक बैठक का आयोजन पिछले माह किया था तो वहां पर जरूर कुछ खेल संघों के पदाधिकारियों से ऐसे प्रस्ताव रखे थे कि यूथ और सीनियर वर्ग की चैंपियनशिप का भी आयोजन खेल विभाग को करना चाहिए।

2 टिप्‍पणियां:

manvinder bhimber ने कहा…

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बेनामी ने कहा…

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