राजधानी रायपुर का साई का सेंटर लटक गया है और इसके लटकने से कई खेलों के खिलाडिय़ों को ङाटका लग गया है। इस सेंटर के लिए एमओयू की पूरी तैयारी होने के बाद अचानक एमओयू नहीं हो सका। एमओयू न होने के लिए तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। अब लगता है कि इस एमओयू का हो पाना लंबे समय तक संभव नहीं है। खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है कि निगम आयुक्त अमित कटारिया के वापस आते ही एमओयू हो जाएगा, लेकिन एमओयू की राह में कई परेशानियां हैं जिनका दूर हो पाना इतना आसान नहीं लग रहा है।
रायपुर के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में साई सेंटर के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण और नगर निगम के बीच एमओयू करने की पूरी तैयारी यहां पर १७ सितंबर को कर ली गई थी, इस दिन साई के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु रायपुर आए थे। उनके आने का फायदा उठाते हुए खेल विभाग ने एमओयू को अंतिम रूप देने के लिए पूरी तैयारी की और निगम के आयुक्त अमित कटारिया के बाहर होने की वजह से एमओयू में हस्ताक्षर करने के लिए अतिरिक्त आयुक्त अमृता चोपड़ा को सहमत कर लिया गया था। लेकिन जिस दिन एमओयू होना था उसी दिन अचानक अतिरिक्त आयुक्त ने एमओयू करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इस मामले में उनको पूरी जानकारी नहीं है, साथ ही उन्होंने कहा कि शासन से इसके लिए अनुमति नहीं ली गई है। ऐसे में एमओयू को स्थगित कर दिया गया। इस बारे में तब आरके नायडु से स्पष्टीकरण दिया था कि निगम को कुछ बातों को लेकर संदेह है उनका संदेह दूर कर दिया जाएगा और एमओयू जल्द हो जाएगा।
लेकिन इधर जिस तरह की खबरें आ रही है उससे लगता नहीं है कि यह एमओयू अब जल्द हो पाएगा। अगर यह एमओयू और ज्यादा लटका तो यह बात तय है कि निगम के इस सत्र में यह नहीं हो पाएगा, क्योंकि नवंबर में निगम के चुनाव होने हैं और संभवत: अक्टूबर के अंत तक आचार सहिता लग जाएगी। एमओयू के लटकने का एक सबसे बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि एमओयू के दिन नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत को इसकी जानकारी न देने के कारण वे बहुत ज्यादा खफा हुए थे। ऐसे में निगम के अतिरिक्त आयुक्त ने एमओयू के लिए इंकार कर दिया। खेल बिरादरी से जुड़े कई खेल संघों के पदाधिकारी लगातार इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि एमओयू के न होने के पीछे यही कारण सबसे बड़ा है। वरना एमओयू के लिए निगम आयुक्त अमित कटारिया जब तैयार थे और जब एमओयू के एक दिन पहले अतिरिक्त आयुक्त को सारी बातें बताकर उनको एमओयू के लिए सहमत कर लिया गया था तो अचानक उन्होंने ऐन एमओयू के समय इंकार क्यों कर दिया?
इंडोर स्टेडियम भी एक कारण
एमओयू के स्थगित होने के पीछे इंडोर स्टेडियम को भी एक कारण माना जा रहा है। साई ने यहां पर ११ खेलों के प्रशिक्षण केन्द्र की योजना बनाई है, इसमें ५ खेल इंडोर हैं। पूर्व में आउटडोर स्टेडियम में ६ खेलों के लिए केन्द्र खोलने की बात थी। एमओयू में इंडोर स्टेडियम को भी शामिल करने के कारण निगम आपति कर रहा है। ऐसे में साई से इंडोर स्टेडियम के लिए आए पत्र को खेल विभाग ने निगम आयुक्त को भेजकर इंडोर स्टेडियम को भी एमओयू में शामिल करने का आग्रह किया है। अगर इंडोर स्टेडियम को एमओयू में शामिल करने के लिए एमआईसी की मंजूरी की जरूरत पड़ी तो समझे कि मामला लटक जाएगा और अगले साल निगम की नई परिषद तक इंतजार करना पड़ेगा।
आयुक्त के आने पर हो जाएगा एमओयू
खेल संचालक जीपी सिंह को इस बात का पूरा भरोसा है कि निगम आयुक्त अमित कटारिया के वापस आते ही एमओयू हो जाएगा। वे एक अक्टूबर को आ रहे हैं। बकौल श्री सिंह अमित कटारिया को पूरी योजना के बारे में बारिकी से मालूम है ऐसे में उनके आने पर एमओयू संभव है। उन्होंने पूछने पर कहा कि अब इस बारे में मैं क्या बता सकता हूं कि इंडोर स्टेडियम को लेकर निगम सहमत होगा या नहीं। उन्होंने कहा कि हमने तो साई से आए पत्र को निगम के पास भेज दिया है। उनका कहना है कि वैसे इंडोर को लेकर आपति नहीं होनी चाहिए।
खेल बिरादरी में मायूसी
एमओयू के लटकने के बाद राजधानी की खेल बिरादरी में मायूसी है। राजधानी के खिलाड़ी और खेल संघ चाहते थे कि यह एमओयू जल्द हो जाए ताकि यहां की प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिल सके। साई के सेंटर से ११ खेलों की प्रतिभाओं को मौका मिलता। साई में जैसाी सुविधाएं हैं वैसी सुविधाएं खिलाडिय़ों को नहीं मिल पा रही हैं। खेल बिरादरी इस उम्मीद में है कि यह एमओयू निगम के इसी सत्र में हो जाए, अगर मामला लटका तो अगली परिषद के आने के बाद उसको सहमत करने में समय लग जाएगा और जरूरी नहीं है कि अगली परिषद के लोग इस योजना को समङों और तैयार हो जाएं।
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