राजधानी रायपुर के स्थान पर खेल अकादमी भी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मंशा के कारण बिलासपुर में बनेगी। बिलासपुर में एक प्रशिक्षण केन्द्र बनाया जा रहा है, ऐसे में मुख्यमंत्री ने इस केन्द्र के साथ ही अकादमी को भी बनाने की सलाह दी थी, जिस पर अमल करते हुए अब खेल विभाग ने इस अकादमी के निर्माण में आने वाले खर्च का एक अनुमानित बजट बनाकर देने के लिए लोक निर्माण विभाग को कहा है। पूरी योजना तैयार होने पर विभाग इसको मंजूरी के लिए भेजेगा।
प्रदेश के खेल विभाग ने एक खेल अकादमी बनाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के सामने रखा था। इस प्रस्ताव के साथ ही बिलासपुर के प्रशिक्षण केन्द्र के बारे में भी मुख्यमंत्री को बताया गया था। इन दोनों योजनाओं की जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने जानकारों से चर्चा की और सलाह दी कि क्यों न जहां पर प्रशिक्षण केन्द्र बनाया जा रहा है, वहीं पर खेल अकादमी भी बना दी जाए। जब उनको बताया गया कि प्रशिक्षण केन्द्र और अकादमी दोनों अलग-अलग मसकद के लिए हैं। प्रशिक्षण केन्द्र में जहां जूनियर खिलाड़ी रहेंगे, वहीं अकादमी में सीनियर खिलाडिय़ों को रखा जाएगा। इस पर मुख्यमत्री ने कहा कि मकसद तो खेलों को बढ़ाना है। प्रशिक्षण केन्द्र में जूनियर खिलाड़ी रहेंगे और अकादमी में सीनियर खिलाड़ी ऐसे में दोनों एक-दूसरे के साथ रहेंगे और खेलेंगे तो दोनों का खेल निखरेगा। उनकी इस बात पर सहमत होते हुए अंतत: खेल अकादमी को भी बिलासपुर में बनाने का फैसला किया गया है।
अकादमी के लिए मांगी ६२ एकड़ जमीन
खेल संचालक जीपी सिंह ने इस संबंध में पूछने पर बताया कि खेल प्रशिक्षण केन्द्र से लगी ६२ एकड़ जमीन खेल अकादमी के लिए मांगी गई है। इस अकादमी में कम से कम पांच खेल रखे जाएंगे। इस पर करीब ३८ करोड़ का खर्च आएगा। दोनों में १००-१०० खिलाडिय़ों के रहने के लिए छात्रावास भी बनाया जाएगा। अकादमी में जहां स्वीमिंग पूल बनेगा, वहीं एक बड़ा हॉल बनेगा जिसमें कई खेल हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के लोक निर्माण विभाग को एक पत्र लिखकर बिलासपुर में स्थान का निरीक्षण करके एक योजना बना कर देने के लिए कहा गया है। पूर्व में राजधानी में साइंस कॉलेज के पास ही इस योजना के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारी स्थल निरीक्षण करने आए थे, तभी उनको यह जानकारी दी गई कि अब यह अकादमी रायपुर में नहीं बल्कि बिलासपुर में बनेगी।
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