भिलाई २२ साल बाद राष्ट्रीय चैंपियनशिप करवाने बेताब
भिलाई स्टील प्लांट २२ साल बाद राष्ट्रीय वालीबॉल चैंपियनशिप कराने के लिए बेताब हो गया है। ऐसे में उसने सारी सुविधाओं के साथ चैंपियनशिप के लिए २५ लाख खर्च करने का भी वादा करते हुए मेजबानी लेने के लिए प्रदेश संघ को कहा है। अब प्रदेश संघ के प्रयास से राष्ट्रीय फेडरेशन से दो पर्यवेक्षक यहां आ रहे हैं जो भिलाई का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट देंगे इसके बाद मेजबानी तय होगी। वैसे छत्तीसगढ़ को मेजबानी मिलने का पूरा भरोसा है क्योंकि राज्य बनने के बाद प्रदेश संघ यहां पर दो राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन कर चुका है।
बीएसपी ने एक बार फिर से राष्ट्रीय वालीबॉल चैंपियनशिप करवाने के लिए कमर कस ली है। भिलाई में इसके पहले राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन १९८७ में हुआ था। इसके बाद से वहां पर वालीबॉल की राष्ट्रीय चैंपियनशिप नहीं हुई है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद दो बार राष्ट्रीय सीनियर चैंपियनशिप का आयोजन किया गया है। पहली बार २००१ में हुई चैंपियनशिप राजधानी रायपुर के नेताजी स्टेडियम में हुई थी। उस समय छत्तीसगढ़ के अलग होने का पहला ही साल था। इस चैंपियनशिप में जिस तरह से दर्शक आए और जैसा माहौल यहां पर खिलाडिय़ों के साथ अधिकारियों को मिला उससे सभी खुश होकर लौटे। इसके पांच साल बाद फिर से २००६ में राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन राजधानी रायपुर में ही किया गया। इस बार भी यह आयोजन जोरदार रहा। राजधानी में इन दो सफल आयोजनों के बाद अचानक भिलाई ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप करवाने का दावा किया है। उसके प्रबंधन ने बकायदा छत्तीसगढ़ वालीबॉल संघ को एक पत्र लिखा कर सूचित किया है कि वह मेजबानी लेने का इच्छुक है और इसके लिए सारी सुविधाएं भी देने तैयार हैं।
इस बारे में भिलाई के खेल एवं सांस्कृति विभाग के एजीएम पूर्व रणजी खिलाड़ी महमूद हसन ने पूछने पर बताया कि बीएसपी मेजबानी लेने के लिए तैयार है और इसके लिए करीब २५ लाख रुपए का बजट भी तय किया गया है। इसी के साथ खिलाडिय़ों के रहने और खाने की भी पूरी व्यवस्था की जा रही है। यहां पर मैच दो स्टेडियमों पंत स्टेडियम के साथ बॉल बैडमिंटन के स्टेडियम में मैच करवाने की योजना है। उन्होंने बताया कि उनको प्रदेश संघ से जानकारी मिली है कि १० जुलाई को राष्ट्रीय फेडरेशन के दो सदस्य आरआर पटेल (अहमदाबाद) जो कि फेडरेशन में संयुक्त सचिव हैं, इसी के साथ फेडरेशन के तकनीकी अधिकारी डी. मुखर्जी जो कि कोलकाता के हैं, वे यहां पर्यवेक्षक बनकर आ रहे हैं। ये दोनों अधिकारी यहां पर मैदानों के साथ रहने की व्यवस्था का जायजा लेंगे और बीएसपी प्रबंधन से बात करेंगे। इनकी रिपोर्ट के बाद ही मेजबानी तय होगी।
मेजबानी मिलने का भरोसा
प्रदेश संघ से जुड़े अधिकारियों को मेजबानी मिलने का भरोसा है। इनका कहना है कि जिस तरह से संघ ने यहां पर दो सफल आयोजन किए हैं उसके बाद लगता नहीं है कि मेजबानी नहीं मिलेगी। मेजबानी में सीनियर चैंपियनशिप को प्राथमिकता में रखा गया है। अगर सीनियर चैंपियनशिप नहीं मिलती है तो यूथ या फिर जूनियर चैंपियनशिप भी करवाने के लिए भिलाई तैयार है। मेजबानी के अन्य दावेदारों में मदुराई और ग्वालियर का भी नाम है। ऐसे में थोड़ा सा मुकाबला कड़ा है। इसलिए कोई भी चैंपियनशिप कराने के लिए भिलाई तैयार है।
रविवि को राष्ट्रीय महिला वालीबॉल चैंपियनशिप की मेजबानी
एक तरफ जहां भिलाई ओपन राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी मांग रहा है, वहीं दूसरी तरफ रविशंकर विश्व विद्यालय को महिला वालीबॉल की उत्तर-पूर्वी चैंपियनशिप के साथ अखिल भारतीय चैंपियनशिप की भी मेजबानी मिल गई है। यह पहला मौका है जब रविवि को महिला वालीबॉल की मेजबानी मिली है। इसके पहले बिलासपुर में जरूर यह चैंपियनशिप हो चुकी है। रविवि को एक बार छत्तीसगढ़ बनने के बाद पुरुष वर्ग राष्ट्रीय वालीबॉल चैंपियनशिप की मेजबानी मिल चुकी है। इस बार महिला वालीबॉल का आयोजन करने का जिम्मा दिया गया है। इस चैंपियनशिप में पहले उत्तर-पूर्वी चैंपियनशिप का आयोजन होगा इसके बाद अखिल भारतीय चैंपियनशिप होगी। यह चैंपियनशिप जनवरी २०१० में होगी। यही एक चैंपियनशिप है जो इस बार रविवि के हिस्से में आई है।
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