खेल विभाग साई की मदद से करवाएगा एनआईएस कोर्स
प्रदेश में प्रशिक्षकों की कमी से जूङा रहे सभी खेलों के लिए एक बड़ी खबर यह है कि अब उनके खेलों को प्रशिक्षकों की कमी से मुक्ति मिल जाएगी। खेल विभाग ने भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई को इस बात के लिए राजी कर लिया है कि वह छत्तीसगढ़ में ६ सप्ताह के एनआएईएस प्रमाणपत्र कोर्स को संचालित करेगा। इस कोर्स के बाद भी प्रशिक्षकों को जरूरी हुआ तो साई के प्रमुख सेंटर पटियाला भी प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाने का सारा खर्च खेल विभग करेगा।
यह जानकारी देते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक जीपी सिंह ने बताया कि जब प्रदेश में खेलों के विकास के लिए योजना बनाने का काम प्रारंभ किया गया है तो यह बात सामने आई है कि ज्यादातर खेलों में प्रशिक्षकों की कमी है। अच्छे प्रशिक्षक न होने के कारण ही प्रदेश के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदकों से वंचित रह जाते हैं। प्रदेश को ज्यादा से ज्यादा खेलों में पदक दिलाने के लिए क्या किया जाए इस पर खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी की पहल पर खेल संघों की एक बैठक भी हो चुकी है। इसी बैठक में यह बात भी सामने आई थी कि प्रशिक्षक न होने के कारण परेशानी हो रही है। ऐसे में विभाग ने ही यह तय किया कि ज्यादा से ज्यादा खेलों के प्रशिक्षक तैयार करने का काम खेल विभाग करेगा। इसके लिए एनआईएस कोर्स करवाने वाली देश की एक मात्र संस्था साई से बात की गई कि क्या किया जा सकता है। श्री सिंह ने बताया कि साई के सामने छत्तीसगढ़ में ही ६ सप्तह का प्रमाणपत्र कोर्स संचालित करने की बात की गई ताकि ज्यादा खेलों के प्रशिक्षकों को यह कोर्स करवाया जा सके।
उन्होंने बताया कि इस कोर्स को छत्तीसगढ़ में संचालित करने का एक प्रस्ताव खेल मंत्री लता उसेंडी ने केन्द्रीय खेल मंत्री एमएल गिल के सामने भी रखा था। उनके सामने प्रस्ताव के बाद ही साई से चर्चा की गई। श्री सिंह ने बताया कि भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरके नायडू जो चर्चा की गई है, उसमें वे छत्तीसगढ़ में इस कोर्स को संचालित करने के लिए राजी हो गए हैं। यहां पर जिन भी खेलों के लिए प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देकर एनआईएस कोर्स करवाने के चुना जाएगा, उसके बाद साई का एक दल यहां आएगा और उनको प्रशिक्षण देगा। श्री सिंह ने बताया कि साई के अधिकारियों को इस बात के लिए भी सहमत कर लिया गया है कि अगर प्रमाणपत्र कोर्स के बाद ऐसा लगता है कि प्रशिक्षकों को और ज्यादा प्रशिक्षण की जरूरत है तो उनको पटियाला भी प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि प्रशिक्षकों को कोर्स करवाने का सारा खर्च खेल विभाग करेगा।
खेल विभाग में संविदा नियुक्ति भी होगी
खेल संचालक श्री सिंह ने बताया कि खेल विभाग में भी प्रशिक्षकों की भारी कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए विभाग ने अब एक रणनीति बनाई है जिसके तहत विभाग में प्रशिक्षकों की संविदा नियुक्ति होगी। यह नियुक्ति स्थाई नहीं होगी और जो अच्छे प्रशिक्षक होंगे उन्हीं को एक तरह से अनुबंध के आधार पर रखा जाएगा। यह अनुबंध चार माह का भी हो सकता है, छह माह या फिर साल भर का भी हो सकता है। विभाग को अगर लगेगा कि जिन प्रशिक्षकों को रखा गया है, उनसे कोई ज्यादा अच्छा प्रशिक्षक है तो उसको हटाने से विभाग परहेज नहीं करेगा। विभाग की सोच खेलों के लिए ज्यादा अच्छे प्रशिक्षक उपलब्ध कराना है ताकि खेलमंत्री की मंशा के अनुरूप राष्ट्र्रीय स्तर पर ज्यादा खेलों में पदक मिल सकें।
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