प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा खेल सामानों की खरीदी में पारदर्शिता लाने के साथ सही गुणवत्ता के सामान खरीदने के लिए विशेषज्ञों से सामानों की जांच कराने के बाद ही खरीदने का फैसला किया गया है। तीन खेलों भारोत्तोतलन, तलवारबाजी और कैनोइंग-कयाकिंग के साथ जिम और ट्रेक शूट की खरीदी के लिए बुलाए गए टेंडर के सोमवार को खुलने के समय साई के विशेषज्ञों को विशेष रूप से भोपाल से बुलाया गया था। खेल संचालक जीपी सिंह का साफ तौर पर कहना है कि खिलाडिय़ों को अच्छे सामान उपलब्ध कराना ही विभाग का लक्ष्य है।
खेल विभाग के साइंस कॉलेज के खेल भवन में भारी गहमागहमी थी। खेल सामान बेचने वाली फर्मों के कई लोग यहां एकत्रित थे और अपने टेंडर जमा कर रहे थे। टेंडरों को जमा करने के बाद शाम को टेंडर खोले भी गए। अभी टेंडर में किस कंपनी को सफलता मिली है, इसका खुलासा तो खेल विभाग ने नहीं किया है, पर खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि पहली बार खेल विभाग में खेल मंत्री लता उसेंडी के निर्देश पर खिलाडिय़ों को उच्च गुणवत्ता वाले सामान दिलाने के मकसद से राष्ट्रीय स्तर पर टेंडर बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग को भारोत्तोलन के जहां पांच सेट लेने हैं, वहीं इसके लिए पांच वूडन प्लेटफार्म भी खरीदने हैं। इसी के साथ १२ स्टेशन वाले १० जिम, तलवारबाजी के लिए अलग-अलग तरह के करीब दो दर्जन उपकरण, कैनोइंग-कयाकिंग के लिए ९ तरह से उपकरण के साथ दो हजार ट्रेक शूट लेने हैं।
श्री सिंह ने बताया कि उनके पहले विभाग में किस तरह से खरीदी होती थी, उस पर मैं नहीं जाना चाहता, पर इस बार जहां राष्ट्रीय स्तर का टेंडर बुलाया गया है, वहीं विभाग ने भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई को एक पत्र लिखकर जिन खेलों के सामान लिए जाने हैं, उनके विशेषज्ञों को भेजने का आग्रह किया था। उन्होंने बताया कि भोपाल साई सेंटर के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु ने उनके आग्रह पर यहां पर कयाकिंग की एनआईएस कोच विश्ेसवरी देवी के साथ भारोत्तोलन के विशेषज्ञ अरविंद कुशवाहा हो भेजा है। इसी के साथ यहां पर भारोत्तोलन के वरिष्ठ कोच गजेन्द्र पांडे भी हैं। उन्होंने बताया कि विभाग ने तो जिन खेलों के सामान लेने हैं, उनके फेडरेशन को भी पत्र लिखकर विशेषज्ञ भेजने के लिए कहा था।
दो दर्जन से ज्यादा फर्मों ने भरे टेंडर
खेल विभाग में पहली बार ऐसा हुआ है कि राष्ट्रीय स्तर पर बुलाए गए टेंडर में दो दर्जन से ज्यादा स्थानीय और राष्ट्रीय कंपनियों ने टेंडर भरे हैं। कुल ६ तरह के सामानों के लिए ९८ टेंडर जमा हुए हैं। इनमें तलवारबाजी के सामानों के लिए १० फर्मों, कयाकिंग के लिए १२ फर्मों, भारोत्तोलन के वूडन प्लेटफार्म के लिए भी १२ फर्मों , भारोत्तोलन के सेट के लिए १३ फर्मों, ट्रेक शूट के लिए २१ फर्मों और जिम के लिए रिकॉर्ड २४ फर्मों ने टेंडर जमा किए हैं। खेल संचालक श्री सिंह ने पूछने पर बताया कि टेंडर के बाद रेट के हिसाब से जिनको भी आर्डर दिया जाएगा, उस आर्डर से पहले विशेषज्ञ सामानों की गुणवत्ता को परखेगे। उन्होंने बताया कि इस बात का भी विशेष ध्यान रखा गया है कि सामानों की सप्लाई करने वाली फर्में कैसी हैं। विभाग को जिस कंपनी के सामान चाहिए, उसका फर्मों को प्रजेंटेशन भी देना होगा। बकौल श्री सिंह पूर्व में ऐसा होता रहा है कि खेल सामानों से जिनका दूर-दूर तक नाता नहीं है, ऐसे लोग भी टेंडर भर देते थे।
कमीशनखोरों में हड़कंप
खेल विभाग ने जिस तरह से इस बार राष्ट्रीय स्तर का टेंडर बुलाया है, उसके बाद से जहां विभाग में कमीशन का खेल खेलने वालों में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं कमीशन देकर अपने सामान सप्लाई करवाने वाले भी परेशानी में है। खासकर स्थानीय फर्मों के लोग ज्यादा परेशान हैं। एक तो राष्ट्रीय स्तर का टेंडर होने के कारण सीधे कई कंपनियों ने टेंडर भरे हैं, ऊपर से यह कि अब उनकी सेटिंग कहीं होने वाली नहीं है, क्योंकि खरीदी में सीधे तौर पर संचालक का दखल हो गया है। इसके बाद भी खेल भवन में कई फर्मों के संचालक इस जुगत में लगे नजर आए कि किसी भी तरह से कोई सेटिंग हो जाए और किसी एक सामान का ही सप्लाई करने का आर्डर उनके हाथ लग जाए। टेंडर भरने वाली फर्मों में रायपुर, भिलाई, धमतरी, बिलासपुर, के साथ मेरठ, ग्वालियर, पटियाला, जालंधर, हरियाणा, महाराष्ट्र, जयपुर, की फर्मे शामिल हैं। अब इनमें किसको क्या आर्डर मिल सका है इस बात का खुलासा बाद में होगा। कई फर्मों के लोग यह भी चर्चा करते रहे कि टेंडर के बाद सामान सप्लाई करने का आर्डर मिलेगा या नहीं।
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