शुक्रवार, 24 जुलाई 2009

छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी भी बनेंगे अंतररराष्ट्रीय अंपायर!


छत्तीसगढ़ के अंपायरों को भी अब अंतरराष्ट्रीय अंपायर बनाने की राह दिखाते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने यहां पर लेबल वन अंपायरों की परीक्षा के साथ सेमिनार आयोजित किया है। इस चार दिनों के सेमिनार के पहले दिन प्रदेश के अंपयारों को नियमों की जानकारी देने के बाद अंतिम दिन उनकी परीक्षा ली जाएगी। परीक्षा में पास होने वालों को लेबल दो में जाने का मौका मिलेगा। सेमिनार का उद्घाटन प्रदेश संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने किया।


भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से मान्यता मिलने के बाद प्रदेश संघ ने राज्य क्रिकेट के विकास के लिए काम करना प्रारंभ किया है। इस परिपेक्ष में यहां पर लेबल वन अंपायर परीक्षा सेमिनार का आयोजन किया गया है। बीसीसीआई के निर्देशों पर चार दिवसीय लेवल वन अंपायरिंग परीक्षा सेमिनार का उद्घाटन स्टेट क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को अपने कैलेन्डर में शामिल किया है उससे यहां के खिलाडिय़ों को अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। इसी के साथ लेवल वन अंपायरिंग परीक्षा सेमिनार का आयोजन किया गया उससे आने वाले समय में अंपायरिंग के क्षेत्र में भी लोगों के लिये आगे बढऩे की अच्छी संभावनाएं हैं।


संघ के सचिव राजेश दवे ने बताया कि चार दिनों तक चलने वाले इस सेमिनार के अंतिम दिन २६ जुलाई को परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा लेने के लिए बीसीसीआई के स्पेनिंल सांडल आएंगे। इस सेमिनार में रायपुर के साथ बिलासपुर, महासमुन्द, कोरबा, भिलाई सहित प्रदेश भर के ३० वरिष्ठ खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। श्री दवे ने बताया कि सेमिनार के पहले दिन बीसीसी से आये नरेन्द्र मेमन और राजीव रिसोड़कर ने क्रिकेट पिच, क्रीज,प्लेइंग एरिया,लाईनिंग के संबंध में जानकारी दी। इसके अलावा अंपारिंग के लॉ ५,६,८ के तहत बाल बैट और विकेट के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा १,४,४०,४१ अंपायरिंग लॉ के तहत स्कोरर, प्लेयर, विकेट कीपर, क्षेत्ररक्षक के बारे में जानकारी दी।


उन्होंने बताया कि लेबल वन परीक्षा अंतरराष्ट्रीय अंपायर बनने की पहली सीढ़ी है। इस परीक्षा को पास करने वालों का तीन साल के अनुभव के बाद लेबल दो की परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इस परीक्षा के बाद अंपायरों को दिलीप और रणजी ट्राफी जैसी चैंपियनशिप में अंपारिंग करने का मौका मिलेगा। यहां के बाद जब अंपायर लेबल तीन की पराक्षी पाश करेंगे तो वे अंतरराष्ट्रीय अंपायर बन जाएंगे।

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