बुधवार, 1 जुलाई 2009

खेलों के विकास के लिए केन्द्र से भी मदद लेंगे

प्रदेश में खेलों के विकास के लिए केन्द्र सरकार से भी मदद लेने की योजना खेल विभाग ने बनाई है। इस योजना के तहत ही प्रदेश की खेल मंत्री नई दिल्ली में केन्द्रीय खेल मंत्री एमएल गिल से मिलने के लिए बुधवार को दिल्ली जा रही हैं। केन्द्रीय खेल मंत्रालय के सामने कई मांगे रखी जाएंगी। साथ ही केन्द्रीय खेलमंत्री से साई सेंटर की आधारशिला रखने के लिए राजनांदगांव आने का आग्रह किया जाएगा।

प्रदेश का खेल विभाग इस समय खेलों के विकास के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहा है। खेलमंत्री लता उसेंडी ने खेलों में प्रदेश को नंबर वन बनाने की दिशा में खेल विभाग को काम करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में जबकि खेल विभाग भारतीय खेल प्राधिकरण की मदद से प्रदेश में साई के एक नहीं कई सेंटर खोलने की तैयारी में है और साई के पास इसके प्रस्ताव भी भेज दिए गए हैं तो इन प्रस्तावों पर अमल के लिए अब खेलमंत्री लता उसेंडी ने केन्द्रीय खेलमंत्री एमएस गिल के साथ एक बैठक रखने का फैसला किया है और इसके लिए श्री गिल से समय भी मिल गया है। उनसे मिलने के लिए सुश्री उसेंडी खेल संचालक जीपी सिंह के साथ बुधवार को दिल्ली रवाना होंगी। उनकी वहां पर श्री गिल से शुक्रवार को मुलाकात होगी।


सुश्री उसेंडी ने बताया कि उनका विभाग केन्द्रीय खेलमंत्री के सामने साई के राजनांदगांव के सेंटर का काम जल्द प्रारंभ करने की मांग के साथ उनको इस सेंटर की आधारशिला रखने का न्यौता भी देगा। इसी के साथ साई की जितनी भी योजनाएँ छत्तीसगढ़ में प्रारंभ की जानी है, उनके बारे में चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि साई के क्षेत्रीय कार्यालय की एक शाखा राजनांदगांव में खोलने के बारे में भी बात की जाएगाी, वैसे इसका प्रस्ताव पहले ही बनाकर खेल विभाग भेज चुका है। केन्द्र सरकार की पाइका योजना पर भी चर्चा की जाएगी। इस योजना के लिए प्रदेश सरकार ने तो अपना बजट दे दिया है, पर केन्द्र का बजट अभी नहीं आया है। प्रदेश सरकार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का भी प्रस्ताव भारतीय ओलंपिक संघ के पास भेजने वाली है, ऐसे में राष्ट्रीय खेलों के लिए केन्द्र से क्या-क्या मदद मिल सकती है इस पर भी चर्चा की जाएगी।

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