सोमवार, 13 जुलाई 2009

फुटबॉल खेलने मची होड़

राजधानी रायपुर में होने वाली अंतर स्कूल फुटबॉल चैंपियनशिप में खेलने के लिए स्कूली टीमों में होड़ मची हुई है। अब तक २० स्कूलों की ६० टीमों ने पंजीयन करवा लिया है। स्कूली टीमों का उत्साह देखते हुए आयोजक शेरा क्रीड़ा समिति ने चैंपियनशिप की तिथि २० से बढ़ाकर २८ जुलाई कर दी है। आयोजकों का ऐसा मानना है कि ज्यादा टीमें होने की वजह से तैयारी भी वैसी करनी होगी। चैंपियनशिप में करीब ४० स्कूलों की १२० से ज्यादा टीमों के शामिल होने की संभावना है।

यह जानकारी देते हुए शेरा क्लब के मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि क्लब ने प्रयोग के तौर पर सेवन-ए-साइड फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन किया था। इस चैंपियनशिप पहले साल ही मिली सफलता के बाद इसको नियमित कर दिया गया है। अब इस चैंपियनशिप को चौथे साल में और ज्यादा भव्य बनाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि चैंपियनशि में ४० से ज्यादा स्कूलों की १२० से ज्यादा टीमें खेलेंगी। हर स्कूल से कम से कम तीन टीमें खेलेंगी ही। उन्होंने बताया कि चैंपियनशिप अंडर १४ साल, १७ साल और १९ साल के वर्ग समहू में होगी। उन्होंने बताया कि पहली बार महिला टीमों के लिए भी चैंपियनशिप करवाई जा रही है। चैंपियनशिप पहले लाकआउट होगी, इसके बाद हर वर्ग की ६-६ टीमों के बीच लीग मुकाबलों के बाद सेमीफाइनल और फाइनल मैच खेले जाएंगे। पिछले साल १४ साल वर्ग में विवेकानंद विद्या पीठ विजेता और राजकुमार कॉलेज की टीम उपविजेता बनी थी। इसी तरह से १७ साल वर्ग में वामनराव लाखे स्कूल विजेता और विवेकानंद विद्या पीठ की टीम उपविजेता बनी थी। सीनियर वर्ग में बैरनबाजार होलीक्रास स्कूल की ही टीमें विजेता और उपविजेता बनी थी।
श्री प्रधान ने बताया कि अब तक चैंपियनशिप के लिए २० स्कूलों की ६० टीमों ने पंजीयन करवा लिया है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर स्कूली की टीमों तीन वर्गों में प्रवेश ले रही हैं। नए स्कूलों की टीमों में ज्यादा उत्साह है। उन्होंने बताया कि टीमों के उत्साह को देखते हुए ही अब चैंपियनशिप को २० जुलाई के स्थान पर २८ जुलाई से प्रारंभ करवा जाएगा। उन्होंने बताया कि एक तो ज्यादा टीमों के हिसाब से तैयारी करनी पड़ेगी फिर बजट भी बढ़ जाएगा, ऐसे में उसकी भी व्यवस्था करनी पड़ेग।

उन्होंने पूछने पर मिक्स फुटबॉल चैंपियनशिप सबसे अंत में करवाई जाएगी। इसके लिए अंडर १४ साल के लड़कों की चैंपियनशिप में सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीमों को रखा जाएगा। लड़कियों की टीमें चूंकि कम हैं ऐसे में इसके लिए तय की गई चार टीमों में अंडर १४ और इससे ज्यादा उम्र की लड़कियों को भी खेलने की इजजात रहेगी।

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