छत्तीसगढ़ करेगा अब २०१४ के राष्ट्रीय खेलों का दावा
छत्तीसगढ़ में अब बहुत जल्द राष्ट्रीय खेलों का महाकुंभ होने वाला है। इसके लिए खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी की मांग पर विधानसभा में मेजबानी लेने के लिए लगने वाला ५० लाख का बजट खेल विभाग को देने की सहमति दे दी गई है। अब विभाग को यह बजट मिलते ही विभाग मेजबानी का दावा भारतीय ओलंपिक संघ के सामने करेगा। यह दावा अक्टूबर में किया जाएगा, इसके पहले खेल विभाग दावेदारी के लिए पूरी तैयारी करेगा। मेजबानी लेने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पहले ही सहमति जता चुके हैं।
राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने की पहल करने वाली खेल मंत्री लता उसेंडी की मांग पर अब उनके विभाग को प्रदेश सरकार ने ५० लाख का बजट देने का फैसला कर लिया है। इस बारे में खेल मंत्री ने बताया कि अनपूरक बजट में मेजबानी के लिए मांग गए ५० लाख को मंजूरी मिल गई है। अब यह बजट जल्द ही खेल विभाग को दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेकर प्रदेश में खेलों का विकास करने के प्रयास में है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेलों का विकास ही हमारी पहली प्राथमिकता है। यही वजह है कि खेल विभाग लगातार इस प्रयास में है कि किस तरह से प्रदेश के खेलों को आगे बढ़ाने का काम किया जाए। उन्होंने कहा कि यह बात तय है कि राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलने से जहां छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय नक्शे पर आएगा वहीं खेलों के लिए मैदानों की कमी पूरी हो जाएगी। वैसे हमारी सरकार लगातार खेल मैदानों पर ध्यान दे रही है और ज्यादा से ज्यादा मैदान बनाने का काम प्रदेश में किया जा रहा है।
उन्होंने पूछने पर कहा कि अब खेल विभाग २०१४ के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने की तैयारी में जुट गया है। जल्द ही इसका प्रस्ताव बनाकर भारतीय ओलंपिक संघ के पास भेजा जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ में लगातार कई खेलों की राष्ट्रीय चैंपियनशिप हुई है और यहां पर जिस तरह की सुविधाएं हैं उसको देखते हुए छत्तीसगढ़ को मेजबानी मिल ही जाएगी। उन्होंने बताया कि उन्होंने खेल विभाग को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने के लिए एक योजना बनाने के निर्देश दिए थे जिसके बाद इसकी योजना बनाई गई।
यह यह बताना लाजिमी होगा कि खेल मंत्री ने निर्देश के बाद ही प्रदेश के खेल विभाग ने छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के साथ बात करके राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने की दिशा में काम किया और इसके लिए सारी जानकारी एकत्रित करके मुख्यमंत्री डॉ . रमन सिंह के सामने विभाग ने अपनी विभागीय मंत्री सुश्री लता उसेंडी के माध्यम से पूरी योजना रखी थी और उनसे इसके लिए मंजूरी मांगी। खेलों में विशेष रूचि लेने वाले मुख्यमंत्री ने योजना की जानकारी होने पर मेजबानी लेने के लिए मंजूरी दे दी थी। तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि खेलों के लिए विकास के लिए कुछ भी करें कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि मेजबानी जरूर लें। यहां पर यह बताना लाजिमी है कि बिना प्रदेश सरकार की सहमति के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी नहीं मिलती है। भारतीय ओलंपिक संघ के पास जो प्रस्ताव भेजा जाता है, वह प्रस्ताव प्रदेश सरकार के साथ प्रदेश ओलंपिक संघ का संयुक्त प्रस्ताव रहता है। प्रदेश सरकार की अनुमति इसलिए जरूरी होती है क्योंकि प्रस्ताव के साथ ५० लाख रुपए की राशि भी भेजनी पड़ती है और यह राशि प्रदेश सरकार देती है। मेजबानी मिलने के बाद एक करोड़ ५० लाख रुपए और देने पड़ते हैं। पहले चरण में मेजबानी के लिए दिए जाने वाले ५० लाख की राशि मिलने के बाद अब मेजबानी मिलने का भरोसा हो गया है।
अक्टूबर में भेजा जाएगा प्रस्ताव: सिंह
खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि विभाग तो मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद ही २०१४ के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने की दिशा में गंभीरता से जुट गया और प्रस्ताव भेजने की दिशा में काम प्रारंभ हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव अक्टूबर में भारतीय ओलंपकि संघ के सामने रखा जाएगा। विभाग को प्रदेश ओलंपिक संघ ने बताया है कि अक्टूबर में ही ओलंपिक संघ की बैठक में मेजबानी तय होगी। उन्होंने बताया कि वे लगातार ऐसे राज्यों से संपर्क कर रहे हैं जहां पर राष्ट्रीय खेल होने हैं। उन्होंने बताया कि एक पूरी योजना बनाकर प्रस्ताव भेजा जाएगा। हम चाहते हैं कि हमें किसी भी हालत में मेजबानी मिल जाए। मेजबानी मिलने से प्रदेश में खेलों के मैदानों का अंबार हो जाएगा जो जीवन भर काम आएगा।
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