अमेरिका में आयोजित 11 वीं युवा विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर स्वदेश लौटने पर दीपिका कुमारी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। दीपिका टाटा आर्चरी एकेडमी में प्रशिक्षण रत्त है।
जमशेदपुर की 15 वर्षीय दीपिका शिवनारायण महतो की पुत्री है, महतो आटो रिक्शा चालक है और दीपिका की माता सरकारी अस्पताल में नर्स है। ग्यारहवीं की छात्रा ने शुरूआती दौर में कुछ अरसे तक सरायकेला खरसवां आर्चरी एसोसिएशन के मार्गदर्शन में तीरदांजी का प्रशिक्षण प्राप्त किया और वे मई 2007 में सरायकेला खरसवां आर्चरी एकेडमी दुगनी से जुड़ गयी। 9 मई 2008 को उसने टाटा आर्चरी एकेडमी में दाखिला लिया था, जहां अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सबको आकर्षित किया। उसी साल में सब जूनियर चैंपियनशिप और सीनियर नेशनल चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया। इसी क्रम में सीनियर तीरदांज डोला बनर्जी को भी पराजित किया। दीपिका को पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोहरत तब हासिल हुई जब उन्होने 2008 में टर्की में आयोजित कैडेट जूनियर वल्र्ड आर्चरी चैंपिंयनशिप में भारतका प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद इन्होने बैंकाक में आयोजित एशियन आर्चरी ग्रां प्री में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और रजत पदक हासिल की। दीपिका अकेले ऐसे भारतीय है जिन्होने ओग्डेन (यूटा), यूएस में 16 जुलाई को विश्व तीरदांजी के कैडेट रिकर्व वीमेन्स इवेंट के अंतिम चक्र में प्रवेश किया था। जब तक उन्होने 28 अंक हासिल किए तब तक 6 अंकों की बढ़त (86-80) मिल चुकी थी। अंतिम दौर में 9,10,10 अंक लेकर स्वर्ण पदक हासिल कर ली। एकेडमी के ही एक अन्य बेहद प्रतिभाशाली प्रशिक्षु अतनु दास को जूनियर केटेगरी के क्वार्टर फाइनल में पराजय मिली। उन्हे कोरियाई तीरदांज किम वूजिन ने 28-24,57-52,85-80 व 114-109 से पराजित किया।
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