सीनियर टीम के संभावितों में शामिल होने से उत्साहित मृणाल ने बताया कि अंतत: उनका वह सपना साकार होता नजर आ रहा है जो उन्होंने देखा है। मृणाल ने बताया कि उनको काफी समय से इसी दिन का इंतजार था कि कब उनको भारत की सीनियर टीम से बुलावा आए। उन्होंने बताया कि जूनियर विश्व कप के कारण ही जूनियर खिलाडिय़ों को सीनियर टीम में नहीं रखा जा रहा था। लेकिन अब जैसे ही यह विश्व कप समाप्त हुआ है तो उनके साथ कुछ और खिलाडिय़ों को सीनियर टीम के संभावित खिलाडिय़ों में शामिल किया गया है। उन्होंने पूछने पर बताया कि उनको यह तो नहीं मालूम है कि कितने जूनियर खिलाडिय़ों को रखा गया है, पर कुछ खिलाडिय़ों को रखे जाने की जानकारी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल उनको पूणे के शिविर में पहुंचने के लिए कहा गया है, अभी यह तय नहीं है कि भारतीय टीम कहां खेलने जाएगी।
मृणाल ने कहा कि अब उनका मकसद संभावित खिलाडिय़ों की सूची से निकल कर अंतिम एकादश में शामिल होने का रहेगा। इसके लिए जितनी भी मेहनत करनी पड़ेगी मैं करूंगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि जूनियर विश्व कप के साथ और जो भी अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप खेली है उसका फायदा मिलेगा। छत्तीसगढ़ से विश्व कप में खेलने वाले इस पहले खिलाड़ी मृणाल चौबे ने पूछने पर बताया कि वे अब तक आठ अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में खेल चुके हैं जिसमें इस विश्व कप को छोड़कर बाकी सभी में टीम ने पदक जीते हैं। उन्होंने बताया कि सिंगापुर में तीन,मलेशिया में दो, आस्ट्रेलिया में एक और भारत में एक एशियन चैंपियनशिप में पदक जीते हैं। उन्होंने बताया कि भारत में पिछले साल हुई एशियन चैंपियनशिप में भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने बताया कि इस चैंपियनशिप में उनके नाम एक रिकॉर्ड यह बना कि वे गोलकीपर के साथ फारवर्ड के रूप में भी फाइनल मैच में खेले।
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