राष्ट्रीय सब जूनियर चैंपियनशिप में पहली बार छत्तीसगढ़ को स्वर्ण पदक दिलाने वाले भाटापारा के खिलाड़ी भीष्म वर्मा के साथ टीम के सदस्यों का यहां रायपुर के स्टेशन में जोशीला स्वागत खेल विभाग के अधिकारियों के साथ रायपुर जूडो संघ के सदस्यों ने किया।
इंदौर में खेली गई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रदेश के लिए एक मात्र स्वर्ण पदक जीतने वाले भीष्म वर्मा के साथ प्रदेश की टीम शुक्रवार को इंदौर से लौटी। खिलाडिय़ों के स्टेशन पर पहुंचते ही उनका स्वागत बाजे-गाजे के साथ किया गया। खेल अधिकारियों के साथ जूडो संघ के सदस्यों ने स्वर्ण विजेता भीष्म को फुल मालाओं से लाद दिया। इसी के साथ जिन खिलाडिय़ों ने चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन किया उनका भी स्वागत किया गया।
खिलाडिय़ों का स्वागत करने के लिए खेल विभाग के उपसंचाक ओपी शर्मा के साथ वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे, के साथ खेल संघ के अनीस मेमन, श्वेता यादव, विनय तिवारी, कमलेश देवांगन, राजकुमार जायसवाल, एके मिश्रा, हेमंत कुमार, अनिल कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
इंदौर में खेली गई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रदेश के लिए एक मात्र स्वर्ण पदक जीतने वाले भीष्म वर्मा के साथ प्रदेश की टीम शुक्रवार को इंदौर से लौटी। खिलाडिय़ों के स्टेशन पर पहुंचते ही उनका स्वागत बाजे-गाजे के साथ किया गया। खेल अधिकारियों के साथ जूडो संघ के सदस्यों ने स्वर्ण विजेता भीष्म को फुल मालाओं से लाद दिया। इसी के साथ जिन खिलाडिय़ों ने चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन किया उनका भी स्वागत किया गया।
खिलाडिय़ों का स्वागत करने के लिए खेल विभाग के उपसंचाक ओपी शर्मा के साथ वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे, के साथ खेल संघ के अनीस मेमन, श्वेता यादव, विनय तिवारी, कमलेश देवांगन, राजकुमार जायसवाल, एके मिश्रा, हेमंत कुमार, अनिल कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
मेहनत का फल मिला: भीष्म
स्वर्ण विजेता भीष्म स्वागत से बहुत ज्यादा खुश नजर आए। उनसे जब पूछा गया कि कैसा लग रहा है तो इस छोटे से खिलाड़ी ने कहा कि उनको उम्मीद नहीं थी कि उनका ऐसा स्वागत होगा। उन्होंने बताया कि उनका रायपुर से पहले डोंगरगढ़, राजनांदगांव और दुर्ग में भी जोरदार स्वागत किया। इसी के साथ भाटापारा में उनको लेकर एक रैली निकाली गई और स्वर्ण विजेता को नगर भ्रमण करवाया गया। भीष्म ने बताया कि वे भाटापारा में सुरेश राव से प्रशिक्षण लेते हैं। इसी के साथ उनको समय-समय पर एनआईएस कोच नरेन्द्र कम्बोज के साथ राष्ट्रीय खिलाड़ी रीना साहू से भी मार्गदर्शन मिलता है। भीष्म ने बताया कि उन्होंने जो लगातार मेहनत की है उनकी नजीता है कि उनको स्वर्ण पदक मिला है। उन्होंने बताया कि इसके पहले वे हरिद्वारा में भी पदक के करीब पहुंचे थे, पर एक अंक से चूक गए थे। उन्होंने बताया कि इस बार उनको पदक की उम्मीद तो थी, पर स्वर्ण पदक मिल जाएगा, ऐेसा नहीं सोचा था। उन्होंने बताया कि भाटापारा में अभ्यास करने के लिए तो गद्दे भी नहीं है, लेकिन इसके बाद भी भीष्म ने मेहनत करके प्रदेश को स्वर्ण पदक दिलाने का काम किया है। उनकी सफलता से प्रदेश की जूडो बिरादरी भी बहुत ज्यादा खुशी है।
2 टिप्पणियां:
बधाई!
बहुत बधाई!!
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