शुक्रवार, 4 जून 2010

छोटे बच्चे भी बास्केटबॉल के दीवाने

बास्केटबॉल की दीवानगी छोटे-छोटे बच्चों के भी सिर चढ़कर बोल रही है। पुलिस मैदान में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में दूसरी क्लास से लेकर १०वीं क्लास तक की छात्राएं प्रशिक्षण ले रही हैं। ये छात्राएं महज समर कैम्प के लिए नहीं आईं हैं बल्कि बास्केटबॉल नियमित खेलना चाहती हैं।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में चलाए जा रहे २२ खेलों के प्रशिक्षण शिविरों में से बास्केटबॉल का प्रशिक्षण शिविर पुलिस मैदान में चलाया जा रहा है। इसी के साथ एक शिविर बालाजी स्कूल में भी चल रहा है। पुलिस लाइन के शिविर में ६० से ज्यादा लड़कियों प्रशिक्षण लेने आ रही हैं। दोनों शिविरों को मिलाकर १५० खिलाड़ी प्रशिक्षण ले हे हैं। प्रशिक्षण लेने वाली खिलाड़ी हर उम्र की हैं। इन खिलाडिय़ों में दूसरी क्लास की भी छात्राएं हैं। अलपिया परवीन जहां दूसरी क्लास में पढ़ती हैं, वहीं कुमकुम भारती और अपूर्वा ठाकुर भी दूसरी की छात्राएं हैं। इसी तरह से अन्य छोटी खिलाडिय़ों में रूचि कुमार, रिंकी बॉग, रीना नायर, सुमन नायक, जया शुक्ला, दिव्या यादव, बरखा भारती, संजना गवली, दीक्षा यादव, मुस्कान यादव, मुक्ता सिक्का, सोनाली बॉग, चन्द्रलेखा बॉग के नाम प्रमुख हैं। इन छोटी खिलाडिय़ों के साथ जूनियर वर्ग की खिलाडिय़ोंं में कविता वर्मा, ङारना ठाकुर, ज्योति, माही ठाकुर, राधिका, सीखा, अनमोल, अर्पणा पांडे , सीनू शुक्ला, एकता भोई, यशवी भागवनानी, पद्मनी, विजया लक्ष्मी ठाकुर एवं काजोल शामिल हैं। इन छोटी-छोटी खिलाडिय़ों के साथ कई बड़ी खिलाड़ी भी प्रशिक्षण ले रही हैं। ज्यादातर खिलाडिय़ों ने एक स्वर में कहा कि उनको समर कैम्प के बाद भी नियमित खेलना है।
खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने वाली सीनियर खिलाड़ी निकिता आडिल के के साथ फरहत अंजुम बताती हैं यह बास्केटबॉल के लिए काफी अच्छी बात है कि कम उम्र की खिलाड़ी खेलने आ रही हैं, लेकिन इनको प्रशिक्षण देना आसान नहीं है। बास्केटबॉल लंबे खिलाडिय़ों का खेल माना जाता है, ऐसे में कम उम्र की खिलाडिय़ों के लिए बास्केट करना कठिन है, इसके बाद भी इनको प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। इन्होंने पूछने पर बताया कि खिलाडिय़ों को बास्केटबॉल के बैस के बारे में बताया जा रहा है। खिलाडिय़ों को ड्रिब्लिंग, पासिंग और शूटिंग सिखाई जा रही है। खिलाडिय़ों की टीमें बनाकर उनके बीच मैच भी करवाए जा रहे हैं। खिलाडिय़ों के फिटनेस के लिए जहां मैदान के बाहर एक चक्कर लगाने कहा जाता है, वहीं मैदान के पांच चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन्होंने बताया कि शिविर के लिए सारा सामान खेल विभाग ने दिया है। पुलिस मैदान का प्रशिक्षण शिविर सुबह और शाम के समय दिया जा रहा है। सुबह को शाम को ६ से ८ बजे से और शाम को ५ से रात को ९ बजे तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शाम के समय खिलाडिय़ों को अलग-अलग प्रशिक्षण दिया जाता है। मिनी वर्ग के खिलाडिय़ों को ५ से ६.३० बजे, जूनियर वर्ग के खिलाडिय़ों को ६.३० से ७.३० और सीनियर वर्ग के खिलाडिय़ों को ७.३० से ९ बजे तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सीनियर खिलाडिय़ों को उमेश सिंह ठाकुर प्रशिक्षण देते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में