शनिवार, 12 जून 2010

खिलाडिय़ों की मदद के लिए खिलाडिय़ों का संघ

अपने से छोटे और आर्थिक रूप से कमजोर खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिये लोहांडीगुड़ा में खिलाडिय़ों मां काली खेल संघ का गठन किया। टीएसआरडीएस की पहल के बाद गठित इस संघ से खेल के क्षेत्र मे एक नई क्रांति का आगाज हुआ।
लोहांडीगुड़ा में टाटा स्टील प्लांट के प्रस्तावित संयंत्र से पूर्व वहां टीएसआरडीएस ने लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास में अपने दायित्वों का निर्वहन शुरू कर दिया जिसके तहत खेल प्रतिभाओं को आगे लाने और उन्हें तराशने का काम शंकर पटेल को सौंपा गया। इसी के चलते लोहांडीगुड़ा ब्लाक के खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी पहचान बनाई। एथलेटिक्स,खो-खो,फुटबाल और कबड्डी में राष्ट्रीय और रा य स्तर पर प्रतिनिधित्व करने वाले ५०-६० खिलाडिय़ों ने मां काली खेल संघ का गठन किया। इस संघ के माध्यम से ये खिलाड़ी अपनी आर्थिक परिस्थिति के अनुसार रूपये एकत्र करते हैं और ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी की मदद करते हैं जो आर्थिक अभाव के चलते आगे अपना खेल जारी रख पाने में समर्थ नहीं हैं। इस संघ के के माध्यम से ये खिलाड़ी केवल रूपयों से ही खिलाडंी की मदद नहीं करते बल्कि खेल के लिये आवश्यक सामग्री भी वे उसे मुहैय्या करते हैं। केवल खिलाडिय़ों की मदद के लिये ही मां काली संघ से जुड़े खिलाडिय़ों हाथ आगे नहीं बढ़े हैं बल्कि संघ ने इंटर स्कूल खेल आयोजन के दायित्व का निर्वहन भी इसी प्रकार से कर खेल के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की।

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