मंगलवार, 8 जून 2010

पायका में खेलेंगे अब १६ साल के खिलाड़ी

पंचायत एवं युवा क्रीड़ा अभियान योजना यानी पायका में अब १८ साल के स्थान पर १६ साल के खिलाडिय़ों को पात्रता होगी। इसी के साथ इस योजना में और भी कुछ बदलाव किए गए जिसकी जानकारी खेल संचालनालय में हुई बैठक में प्रदेश के सभी जिलों के खेल अधिकारियों को दी गई।
केन्द्र सरकार की पायका योजना प्रदेश में चल रही है। इस योजना के पहले चरण में ९८२ गांवों को चुना गया है। यहां पर जहां खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं, वहीं इन गांवों के खिलाडिय़ों को निखारने का काम किया जा रहा है। इन गांवों में स्पर्धाओं का भी आयोजन किया जा रहा है। स्पर्धाओं के लिए पूर्व में खिलाडिय़ों की उम्र १८ साल रखी गई थी। लेकिन अब केन्द्र सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए खिलाडिय़ों की उम्र १६ साल कर दी है। इसकी जानकारी आज यहां पर संचालनालय में हुई बैठक में सभी जिलों के खेल अधिकारियों को दी गई। इसी के साथ बैठक में बताया गया कि पायका में खिलाडिय़ों का पंजीयन उन खेलों में पंचायत स्तर पर होगा जिनका आयोजन पंचायत स्तर पर होना संभव है। जिन खेलों का आयोजन ब्लाक स्तर पर होगा उन खेलों में पंजीयन ब्लाक और जिन खेलों का आयोजन जिला स्तर पर होगा उन खेलों में पंजीयन जिला स्तर पर होगा। जिला स्तर ही खिलाडिय़ों के पंजीयन का अंतिम स्तर होगा। जिले के बाद किसी भी हाल में खिलाडिय़ों का पंजीयन सीधे राज्य स्तर पर नहीं होगा।
बैठक में बताया गया कि अब खिलाडिय़ों को पंजीयन करवाने के लिए पंचायतों के स्थान पर स्कूलों के प्रमाणपत्र देने होंगे। ऐसा करने के पीछे मंशा यह है कि पायका योजना ग्रामीण खिलाडिय़ों के लिए हैं, ऐसे में इस योजना में शहरी खिलाड़ी शामिल न हो सके। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि हमेशा से यह शिकायत रहती है कि ग्रामीण खेलों में शहरी खिलाड़ी पंचायतों से प्रमाणपत्र लेकर फर्जी तरीके से खेल लेते हैं। अब नए निर्देशों से शहरी खिलाड़ी ग्रामीण खेलों नहीं खेल पाएंगे।
बैठक में जिला खेल अधिकारियों से ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविरों के बारे में जानकारी मांगी गई कि उनके जिले में कितने खेलों के शिविर लगाए गए और इन खेलों से कितने खिलाडिय़ों को लाभ हुआ।
खेल विभाग की प्रतिभा खोज योजना में भी कुछ बदलाव करने के लिए जिला खेल अधिकारियों से सुङााव मांगे गए हैं। इस योजना को अब नए साल में नए सिरे से प्रारंभ किया जाएगा। यह योजना अब तक सही तरीके से लागू नहीं हो पाई है। इस योजना के लिए जिला खेल अधिकारियों को अपने जिले के जिला शिक्षा अधिकारी के साथ जिलाधीश से भी बात करके सुङााव देने के लिए कहा गया कि इस योजना की कमियों को कैसे ठीक किया जा सकता है। इस योजना में कई तरह की कमियों की जानकारी ्आने पर ऐसा किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में