शुक्रवार, 18 जून 2010

पायका के लिए मिले एक करोड़ ७१ लाख

पंचायत एवं युवा क्रीड़ा अभियान यानी पायका के लिए केन्द्र सरकार ने एक करोड़ ७१ लाख ६५ हजार की राशि छत्तीसगढ़ के लिए मंजूर की है। इस राशि का ७५ प्रतिशत हिस्सा बहुत जल्द मिल जाएगा। बाकी हिस्सा उपयोगिता प्रमाणपत्र देने के बाद मिलेगा। पिछले साल स्पर्धा के लिए तो पैसे मिले थे, लेकिन इनामी राशि के लिए पैसे नहीं मिले थे, लेकिन इस बार दोनों के लिए पैसे मिले हैं।
पायका के तहत छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ाने की दिशा में खेल विभाग गंभीरता से लगा हुआ है। इस योजना में छत्तीसगढ़ में जितना काम हुआ है और कहीं नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ ने पिछले साल यहां पर पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर पर जिन भी स्पर्धाओं का आयोजन किया उन स्पर्धाओं के बारे में पूरी जानकारी बनाकर केन्द्र सरकार को भेजी गई थी। पिछले साल केन्द्र सरकार से स्पर्धाओं के लिए ८७ लाख ७५ हजार की राशि मिली थी। पिछले साल इनामी राशि का पैसा केन्द्र सरकार ने नहीं दिया था। स्पर्धा के लिए जो राशि केन्द्र से मिली थी, उस राशि का पूरा हिसाब देते हुए उपयोगिता प्रमाणपत्र के साथ खेल विभाग ने केन्द्र सरकार के खेल मंत्रालय को जानकारी भेजी थी। इस जानकारी के बाद अब केन्द सरकार ने नए साल के लिए छत्तीसगढ़ को जहां स्पर्धाओं के लिए फिर से ८७ लाख ७५ हजार की राशि मंजूर की है, वहीं इस बार इनामी राशि के लिए ८३ लाख ९० हजार की राशि मंजूर की है। कुल एक करोड़ ७१ लाख ६५ हजार की राशि स्वीकृत की गई है। इस स्वीकृत राशि का ७५ प्रतिशत पैसा जल्द मिले जाएगा। इसके बाद राशि के उपयोग का उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजने पर बाकी राशि जारी हो जाएगी।
खेल विभाग के पायका से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इनामी राशि के लिए जो पैसे मिले हैं, वह राशि पंचायत स्तर और ब्लाक स्तर में विद्याओं यानी खेलों के हिसाब से नहीं बल्कि अंकों के हिसाब से बांटी जाएगी। यानी कोई पंचायत अगर किसी खेल में विजेता बनता है तो वह इनामी राशि का हकदार नहीं होगा। पंचायतों को जिन खेलों में खेलना है, उन सभी खेलों में उनके प्रदर्शन के आधार पर मिलने वाले अंकों को जोडऩे के बाद विजेता पंचायत और विजेता ब्लाक का फैसला होगा। अंकों में जो नंबर वन होगा इनामी राशि का वही हकदार होगा।
१६ साल के खिलाडिय़ों को मिलेगा मौका
इस बार पायका में जिन स्पर्धाओं का आयोजन होगा उनमें अब १६ साल के खिलाडिय़ों को भी खेलने का मौका मिलेगा। पिछले साल ये जूनियर खिलाड़ी खेलने से वंचित हो गए थे क्योंकि केन्द्र सरकार ने खिलाडिय़ों की आयु १८ साल तय की थी, लेकिन इस बार आयु सीमा में बदलाव करते हुए १६ साल के खिलाडिय़ों को भी पात्र माना गया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में