शनिवार, 19 जून 2010

बैटन पकडऩे मचेगी होड़

कामनवेल्थ की बैटन रिले के लिए तय किए गए कोटे के बाद अब यह बात तय हो गई है कि बैटन पकडऩे के लिए राजधानी में जोरदार होड़ मचने वाली है। राजधानी में होने वाली रिले के लिए २०० से ज्यादा धावकों की सूची तैयार की गई है। इस सूची में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों से लेकर वीआईपी और खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ खिलाडिय़ों के नाम शामिल हंै। लेकिन अब इस सूची को बहुत छोटा करना पड़ेगा। इस बात को लेकर खेल विभाग के अधिकारी भारी परेशानी में हैं कि आखिर वे किसका नाम कांटे। वैसे अंतिम सूची तय करने का काम राज्य समिति का है। राजधानी रायपुर के साथ राजनांदगांव के लिए महज २० धावकों का और दुर्ग-भिलाई के लिए ६० धावकों का कोटा मिला है।
दिल्ली में इस साल होने वाले कामनवेल्थ की मशाल यानी बैटन का पूरे देश में भ्रमण हो रहा है। इस भ्रमण की कड़ी में छत्तीसगढ़ में बैटन के कदम ११ अगस्त को राजधानी रायपुर में पड़ेंगे। पूर्व में बैटन को सड़क मार्ग से आना था, लेकिन बाद में स्थितियों को देखते हुए इस विमान से लाया जा रहा है। ११ अगस्त को यहां आने के बाद रात को यहां बैटन लाने वाला दल आराम करेगा। दूसरे दिन १२ अगस्त को बैटन रिले का आयोजन रायपुर में किया जाएगा। तीसरे दिन बैटन रिले का आयोजन दुर्ग-भिलाई के साथ राजनांदगांव में होगा। १३ अगस्त को बैटन रिले दल भिलाई में रूकेगा और फिर १४ अगस्त को दल बैटन को लेकर विमान से सुबह रवाना होगा।
बैटन रिले की तैयारी छत्तीसगढ़ में खेल विभाग जोरदार तरीके से कर रहा है। इस तैयारी का जायजा लेने के लिए बैटन रिले आयोजन समिति से जुड़े दो सदस्य योगेन्दर दोहान और शिवांष छत्तीसगढ़ का दौरा पिछले माह ही करके गए हैं। यहां आने के बाद इन्होंने खेल विभाग के अधिकारियों से बात करने के बाद दुर्ग-भिलाई और राजनांदगांव की तैयारियों को देखने के बाद तैयारियों में कुछ संशोधन के सुङााव भी दिए थे। दिल्ली से आए अधिकारियों ने पूर्व में छत्तीसगढ़ में होने वाली रिले में यहां के १५० धावकों को मौका मिलने की बात की थी। उस समय रायपुर के साथ भिलाई-दुर्ग के लिए ६०-६० धावकों के साथ राजनांदगांव के लिए ३० धावकों की संख्या बैटन रिले की समिति ने तय की थी। लेकिन इधर अचानक छत्तीसगढ़ में बैटन का कार्यक्रम बदले जाने के कारण धावकों की संख्या में कटौती हो गई है। खेल संचालक जीपी सिंह ने कामनवेल्थ आयोजन समिति के सदस्यों से जो बात की है, उसके बाद मालूम हुआ है कि समिति ने यह तय किया है कि जिस राज्य मेें बैटन जितने दिन रहेगी उसके हिसाब से वहां के धावकों की संख्या तय होगी। पूर्व में छत्तीसगढ़ में बैटन को तीन दिनों तक रूकना था, ऐसे में यहां के लिए १५० धावक तय किए गए थे। लेकिन अब यहां पर बैटन को दो दिन ही रूकना है। वैसे तो छत्तीसगढ़ में बैटन का आगमन ११ अगस्त की रात को हो जाएगा, लेकिन इसको समिति एक दिन नहीं मान रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के खाते में १०० धावक ही आते, लेकिन पूर्व में १५० धावकों के कोटे को देखते हुए समिति ने छत्तीसगढ़ के १३० धावकों का कोटा तय किया है। इस कोटे में राजधानी के लिए ५० धावक , राजनांदगांव के लिए २० धावक और दुर्ग और भिलाई के लिए ३०-३० धावकों का कोटा तय है।
रायपुर के लिए २०० धावकों की सूची
धावकों का कोटा कम होने से सबसे ज्यादा परेशानी में राजधानी है। राजधानी में होने वाली रिले के लिए करीब २०० धावकों की लंबी सूची तैयार की गई है। इस सूची में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, सभी मंत्रियों के साथ महापौर सहित कई वीआईपी शामिल हैं। इन वीआईपी के बाद राज्य के खेल संघों के पदाधिकारी और खिलाड़ी शामिल हैं। खिलाडिय़ों में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, राज्य के पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी भी शामिल हैं। सूची में सीनियरों के साथ जूनियर खिलाडिय़ों को भी शामिल किया गया था। अब जबकि दिल्ली से कोटा तय हो गया है तो खेल विभाग के अधिकारी इस बात को लेकर परेशानी हैं कि अगर उनके पास सूची कम करने के निर्देश आते हैं तो वे किनका नाम कांटेंगे। जिनका नाम कांटेगे उनकी नाराजगी उठानी पड़ेगी। ऐसा माना जा रहा है कि ५० धावकों के कोटे में तो आधे से ज्यादा कोटा वीआईपी के लिए निकल जाएगा, ऐसे में बहुत कम धावकों को बैटन पकडऩे का मौका मिलेेगा। एक जानकारी के मुताबिक यह बात तय है कि कोटा कम होने से सबसे पहले खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ जूनियर खिलाडिय़ों के नामों पर गाज गिरेगी और इनके नाम कांटे दिए जाएंगे। इसी के साथ खेल विभूति सम्मान वाले पुराने खिलाडिय़ों को भी मौका मिलने की संभावना समाप्त हो गई है।
धावकों के लिए ड्रेस जरूरी
धावकों की सूची को छोटा करना इसलिए मजबूरी है कि बैटन को लेकर दौडऩे वाले धावकों के लिए कामनवेल्थ की तय ड्रेस जरूरी है। इस ड्रेस के बिना धावक बैटन लेकर नहीं दौड़ सकते हैं। दिल्ली से सिर्फ ५० ड्रेस आने के कारण धावकों की संख्या ५० ही रखनी पड़ेगी। कामनवेल्थ आयोजन समिति के सामने छत्तीसगढ़ में वैसी ही ड्रेस बनवाने की बात रखी गई थी, पर समिति ने इसको मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में अब सूची में कटौती करने के अलावा कोई चारा नहीं है। दिल्ली से वैसे अधिकारियों के लिए १०० और वालेंटियर के लिए १०० ड्रेस आएगी। ऐसे में खेल विभाग के अधिकारी यह सोच रहे हैं कि नाराज होने वालों को यह ड्रेस दी जाएगी। लेकिन सवाल ड्रेस पहनने का नहीं बल्कि बैटन को लेकर दौडऩे का है। ऐसे में जबकि संख्या कम है तो यह माना जा रहा है कि अब ज्यादा से ज्यादा वीआईपी भी इसमें शामिल होने की कोशिश करेंगे। बैटन लेकर दौडऩे की रुचि कई आईएएस और आईपीएस भी दिखा रहे हैं। कुल मिलाकर खेल विभाग के लिए बैटन रिले का आयोजन बहुत परेशानी वाला होने वाला है यह बात तय है।

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में