गुरुवार, 24 जून 2010

गाज गिराने का जिम्मा खेलमंत्री को

राजधानी में होने वाली बैटन रिले में धावकों की सूची पर जिलाधीश की अध्यक्षता में हुई बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका और यह फैसला २८ जून तक टाल दिया गया। २८ जून को खेलमंत्री लता उसेंडी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में ही धावकों की सूची पर कैची चलाने का काम किया जाएगा। सूची को छोड़ बाकी जिम्मेदारियों का बटवारा कर दिया गया है।
कामनवेल्थ की बैटन रिले का आयोजन राजधानी रायपुर में १२ अगस्त को किया गया है। इस रिले के लिए जिले के खेल विभाग ने २०० से ज्यादा दावेदारों की सूची तैयार की है जो बैटन लेकर दौड़ेंगे। लेकिन इस सूची में बहुत ज्यादा कटौती करनी पड़ रही है क्योंकि दिल्ली ने राजधानी के लिए सिर्फ ५० धावकों का कोटा मिला है। आज की बैठक में इस सूची पर कैची चलने की संभावना थी, लेकिन बैठक में सूची पर कोई कैची चलाने का काम नहीं किया गया। बैठक में खेल संचालक जीपी सिंह ने कह दिया कि धावकों की सूची को अंतिम रूप देने का काम खेलमंत्री लता उसेंडी की अध्यक्षता में २८ जून को होने वाली बैठक में किया जाएगा। वैसे इस सूची को लेकर खेल संघों के पदाधिकारियों से भी सुझाव मांगे गए थे, लेकिन खेल संचालक द्वारा सूची पर आज की बैठक में कोई फैसला न करने की बात के बाद इस पर ज्यादा चर्चा नहीं की गई। इसके बाद भी एक खेल संघ के एक पदाधिकारी ने यह सुङााव दिया कि धावकों की सूची तय करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि जिन खेलों के खिलाडिय़ों को सूची में शामिल किया जा रहा है वे ऐसे खेल हों जो कामनवेल्थ में शामिल हों।
कुछ खेलों के खिलाड़ी हो सकते हैं बाहर
आज की बैठक में आए एक सुझाव पर अगर खेल विभाग अमल करता है तो यह बात तय है कि कुछ खेलों जिनमें म्यूथाई, थांगता, कैरम, साफ्ट टेनिस शामिल हैं इन खेलों के खिलाडिय़ों को बाहर का रास्ता देखना पड़ सकता है। ये खेल कामनवेल्थ में शामिल नहीं हैं।
हर खेल से एक ही खिलाड़ी
बैठक में एक बात यह भी सामने आई कि एक खेल से एक ही खिलाड़ी को शामिल किया जाए। वैसे भी एक खेल से एक से ज्यादा खिलाडिय़ों के शामिल होने की संभावना नहीं है। इधर खेल संचालक जीपी सिंह का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर की तरह यहां भी खिलाडिय़ों के लिए प्रतिशत तय करने की योजना पर काम किया जाएगा। बकौल श्री सिंह खिलाडिय़ों के खाते में करीब ५० प्रतिशत कोटा आएगा बाकी कोटे को अन्य वर्गों के साथ वीआईपी में बांटा जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक करीब २५ खिलाड़ी, १० अन्य वर्ग के लोग और १५ वीआईपी को बैटन लेकर दौडऩे का मौका मिलेगा। यह सब २८ जून की बैठक में तय होगा। इतना तय है कि रायपुर की २०० की मैराथन सूची में भारी कटौती होगी और खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ जूनियर खिलाडिय़ों के हाथ बैटन लेकर दौडऩे का मौका लगने वाला नहीं है।
जिम्मेदारियां तय
११ अगस्त को बैटन का आगमन होने पर माना विमानतल में स्वागत का जिम्मा जिस समिति को दिया गया है उसकी कमान जिला प्रशासन के साथ खेल संचालक के हाथों में होगी। इसके बाद विश्राम गृह में भी बैटन दल का स्वागत किया जाएगा। १२ अगस्त को सबसे पहले स्मृति वन में वृक्षारोपण का कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम का जिम्मा वन विभाग को दिया गया है। यह कार्यक्रम सुबह ९ बजे होगा। इसके बाद दोपहर को बैटन दल का प्रेस से मिलिए कार्यक्रम होगी। १२.३० बजे बैटन दल की मुलाकात महापौर के साथ पार्षदों से होगी। ३ बजे बैटन रिले का आयोजन होगा। बैटन के मार्ग का निरीक्षण करने का जिम्मा खेल विभाग के साथ निगम आयुक्त को दिया गया है। रात को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम का जिम्मा संस्कृति विभाग को दिया गया है। बैठक में जिलाधीश संजय गर्ग के साथ खेल संचालक जीपी सिंह, निगम आयुक्त ओपी चौधरी, पुलिस अधीक्षक दीपांशु काबरा, एडीएम डोमन सिंह, जिला पंचायत के सीईओ रजत कुमार, उपसंचालक खेल ओपी शर्मा, वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे, वन विभाग के एएच कापसी, संस्कृति विभाग के राकेश तिवारी खेल संघों से प्रदेश ओलंपिक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष गुरूचरण सिंह होरा, वालीबॉल संघ के मो. अकरम खान, ट्रायथलान संघ के विष्णु श्रीवास्तव, नेटबॉल संघ के संजय शर्मा, कराते संघ के विजय अग्रवाल, अजय साहू, तीरंदाजी संघ के कैलाश मुरारका, म्यूथाई संघ के अनीस मेमन, कैरम संघ के विजय कुमार उपस्थित थे।

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