मंगलवार, 22 जून 2010

ग्रामीण खिलाडिय़ों को भी तराश रहे

बैडमिंटन जैसे महंगे खेल में भी हमारा संघ सरगुजा और कोरिया जैसे आदिवासी जिलों के ग्रामीण खिलाडिय़ों को तराशने का काम कर रहा है। जूनियर के साथ सीनियर वर्ग में भी इन जिलों के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा दिखाने का काम कर रहे हैं। यहां की प्रतिभाओं को निखारने के लिए ही संघ ने अगले साल एक राष्ट्रीय रैंकिंग स्पर्धा की मेजबानी लेने का फैसला किया है। इसके लिए अभी से प्रयास करेंगे। वैसे राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए चार कोर्ट वाले मैदान की जरूरत होती है जो अपने छत्तीसगढ़ में नहीं है। राजधानी के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के इंडोर स्टेडियम में जरूर ६ से ८ कोर्ट बन सकते हैं। इसके बनने के बाद यहां पर राष्ट्रीय स्पर्धा करवाने के साथ अकादमी खोलने में भी मदद मिलेगी।
ये बातें यहां पर खेल पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश बैडमिंटन संघ के एक बार फिर से अध्यक्ष चुने गए गुरुप्रीत सिंह भाटिया ने कहीं। उन्होंने संघ के सचिव संजय मिश्रा के साथ कोषाध्यक्ष श्रीधर मुदलियार के साथ बताया कि संघ ने छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद राज्य में बैडमिंटन के लिए काफी कुछ किया है और आदिवासी और पिछड़े जिलों के खिलाडिय़ों को भी राज्य की टीम में स्थान देकर उनको राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। इन्होंने बताया कि इस समय राज्य के जूनियर खिलाडिय़ों में सरगुजा के देवांश और Ÿोयांश जायसवाल के साथ कोरिया की अंकिता गुप्ता और दीपाली गुप्ता प्रदेश की टीम से खेल रही हंै। इसी के साथ सीनियर वर्ग में सरगुजा के वेंकट गौरव और हिमांशु वर्मा का नाम है। इन जिलों के साथ रायपुर, भिलाई और राजनांदगांव के खिलाड़ी भी लगातार प्रदेश की टीम से खेल रहे हैं। श्री भाटिया ने बताया कि खिलाडिय़ों को तराशने के लिए हमारा संघ हर जिले में अपने खर्च पर एक माह का प्रशिक्षण शिविर लगाता है और इन शिविरों से प्रतिभाशाली खिलाड़ी चुने जाते हैं।
राष्ट्रीय रैंकिंग की लेंगे मेजबानी
एक सवाल के जवाब में श्री भाटिया ने बताया कि संघ ने अगले साल एख राष्ट्रीय रैंकिंग की मेजबानी लेने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक चार कोर्ट वाले मैदान की जरूरत होती है जो छत्तीसगढ़ में नहीं है। संजय मिश्रा ने बताया कि राजधानी के स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स में बन रहे इंडोर स्टेडियम में ६ से ८ कोर्ट बनाए जा सकते हैं। इसके लिए नगर निगम से बात की जाएगी। निगम के सहमत होने पर जहां राष्ट्रीय रैंकिंग की मेजबानी मिलने में आसानी होगी वहीं राजधानी में एक अकादमी खोलने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद यहां पर चार राष्ट्रीय स्पर्धाओं का आयोजन संघ ने करवाया है। एक राष्ट्रीय स्पर्धा के आयोजन में २० लाख का खर्च लग जाता है।
खिलाडिय़ों का संघ है
संघ के अध्यक्ष श्री भाटिया के साथ संघ के सचिव अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संजय मिश्रा ने बताया कि उनका संघ एक ऐसा संघ है जिसमें संघ के ज्यादातर पदाधिकारी खिलाड़ी हैं। श्री भाटिया और मिश्रा की जोड़ी २००७ में एडीलेड में मास्टर्स चैंपियनशिप में खेली है और इस जोड़ी ने युगल स्पर्धा में रजत और मिश्रित युगल में कांस्य जीता था। प्रदेश में बैडमिंटन संघ ही एक मात्र ऐसा संघ है जिस संघ के अध्यक्ष और सचिव ने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में खेलकर पदक जीता है।
संघ नहीं लेता शासन से आर्थिक मदद
बैडमिंटन संघ में एक खास बात यह भी है कि यह संघ अपने अध्यक्ष गुरुप्रीत सिंह भाटिया के साथ कार्यकारी अध्यक्ष विजय अग्रवाल की मदद ेसे ही पिछले एक दशक से चल रहा है। इस संघ का सारा खर्च यही दोनों उठाते हैं। संघ को खेल विभाग से मान्यता तो है, पर संघ के अध्यक्ष और सचिव कहते हैं कि खेल विभाग की खानापूर्ति इतनी ज्यादा है कि अनुदान लेने का कोई मतलब नहीं है। इनका कहना है कि खेल विभाग को नियमों बदलाव करना चाहिए।
हमारे खिलाडिय़ों को भी मिले पुरस्कार
संघ के अध्यक्ष और सचिव का कहना है कि खेल विभाग को खेलों के हिसाब से खेल पुरस्कार के नियम बनाने चाहिए। विभाग के जो नियम हंै यदि वही रहे तो बैडमिंटन जैसे महंगे और कठिन खेल में किसी खिलाड़ी को कभी पुरस्कार नहीं मिल पाएगा। इनका कहना है कि राष्ट्रीय स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचना ही कठिन होता है। ऐसे में बैडमिंटन जैसे खेल के लिए खेल विभाग को राष्ट्रीय स्तर पर क्वार्टर फाइनल में खेलने वाले खिलाडिय़ों को पुरस्कार का पात्र माना जाना चाहिए।
तीसरी बार बने भाटिया अध्यक्ष
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी गुरुप्रीत भाटिया का बैडमिंटन के प्रति समर्पण देखते हुए एक बार फिर से उनको संघ की कमान दी गई है। इसी के साथ संजय मिश्रा फिर से सचिव बने हैं। अन्य पदाधिकारियों में सरंक्षक आरएस विश्वकर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष विजय अग्रवाल, कोषाध्यक्ष श्रीधर मुदलियार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिल धगट, विवेक छिब्बा, उपाध्यक्ष अशोक शर्मा, पीके तरफदार, अकरम खान, केशव पोद्दार, सहसचिव कविता दीक्षित एमएल चन्द्राकर, सतीश त्रिपाठी, अनुराग दीक्षित, सलाहकार इंदरचंद धाड़ीवाल पीआरओ परमजीत सिंह दत्ता के साथ कार्यकारिणी में नौ सदस्य रखे गए हैं। आज पत्रकार वार्ता के बाद बेंगलुरु खेलने जाने वाली टीम के खिलाडिय़ों के ट्रेक शूट के साथ २० हजार की राशि अध्यक्ष ने दी।

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