शुक्रवार, 31 जुलाई 2009

रोप स्किपिंग के गुर सिखाए

सरस्वती स्कूल में आए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी-रेफरी
छत्तीसगढ़ में होने वाली रोप स्किपिंग की राष्ट्रीय स्कूली चैंपियनशिप से खिलाडिय़ों को इस नए खेल की जानकारी देने के लिए विद्या भारती के साथ प्रदेश संघ की पहल पर यहां आए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और अंतरराष्ट्रीय रेफरी दिल्ली के निर्देश शर्मा ने सरस्वती स्कूल रोहिणीपुरम में खिलाडिय़ों को इस खेल के बारे में जानकारी दी। इसी के साथ वहां पर उपस्थित स्कूल के खेल शिक्षकों को भी इस खेल की बारीकियां बताईं ताकि वे खिलाडिय़ों को तैयार कर सकें। दूसरी तरफ स्कूली शिक्षा विभाग में जानकारी देने के बाद भी विभाग ने किसी भी खेल शिक्षक को इस प्रशिक्षण शिविर में भेजना जरूरी नहीं समझा।
स्कूली खेलों में शामिल रोप स्किपिंग की मेजबानी इस बार छत्तीसगढ़ को मिली है। ऐसे में इस खेल से जुड़े अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और रेफरी दिल्ली के निर्देश शर्मा को यहां पर बुलाने का काम विद्या भारती संस्था के साथ प्रदेश संघ के अध्यक्ष वीजी भिसे की पहल पर किया गया। यहां आने के बाद श्री शर्मा ने जहां बिलासपुर में दो दिनों तक विद्या भारती से जुड़े छत्तीसगढ़ के ३५ शिक्षकों को इस खेल के बारे में जानकारी दी, वहीं इस प्रशिक्षण शिविर में महाकौशल के साथ मध्य भारत के भी खेल शिक्षक शामिल हुए। बिलासपुर के आयोजन के बाद एक दिन के लिए श्री शर्मा को रायपुर बुलाकर सरस्वती स्कूल में उनसे रायपुर के खेल शिक्षकों के साथ खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिलाने का काम किया गया। इस कार्यक्रम में सरस्वती स्कूल के खिलाडिय़ों के साथ खेल शिक्षकों को श्री शर्मा ने गंभीरता से इस खेल के हर पहलू के बारे में जानकारी दी। उन्होंने खेल के सारे एवेंट के साथ खेल में किसी तरह की रस्सी का प्रयोग होता है उसके बारे में भी बताया।

एशिया में भारत पांचवें स्थान पर

निर्देश शर्मा ने प्रशिक्षण शिविर के बाद चर्चा करते हुए बताया कि रोप स्किपिंग भारत में पिछले ९ सालों से खेला जा रहा है और एशिया में इस समय भारत का स्थान पांचवां है। उन्होंने बताया कि वे २००४ में मलेशिया में एशियन चैंपियनशिप में खेले थे, इसी के साथ २००६ में वे नेपाल में एक अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी खेले हैं। रस्सी कूद के इस खेल के बारे में वे बताते हैं इस खेल में भारत बहुत आगे जा सकता है। दिल्ली में हुई एक एशियन चैंपियनशिप में भारत ने दो दर्जन से ज्यादा स्वर्ण पदक जीते थे। उन्होंने कहा कि इस खेल की राष्ट्रीय स्कूली चैंपियनशिप का आयोजन छत्तीसगढ़ जैसे नए राज्य में करना अच्छी बात है। उन्होंने बताया कि वे यहां पर खेल शिक्षकों को जानकारी देकर जा रहे हैं, अब उनका काम है कि वे राष्ट्रीय चैंपियनशिप से पहले खिलाडिय़ों को तैयार करे।

शिक्षा विभाग ने नहीं भेजा खेल शिक्षकों को

राष्ट्रीय स्कूली रोप स्किपिंग की मेजबानी छत्तीसगढ़ के स्कूली शिक्षा विभाग ने ले तो ली है, पर इस खेल के प्रति विभाग के अधिकारी गंभीर ही नहीं है। उनको इस बात की चिंता ही नहीं है कि इस नए खेल में आखिर प्रदेश के खिलाड़ी कैसे खेलेंगे। ऐसे समय में जबकि खेल की जानकारी देने के लिए प्रदेश संघ ने एक अंतरराष्ट्रीय रेफरी को बुलाया था, और राजधानी में एक आयोजन भी किया तो जानकारी भेजने के बाद शिक्षा विभाग ने किसी भी खेल शिक्षकों को आयोजन में नहीं भेजा। प्रदेश संघ के अध्यक्ष वीजी भिसे ने बताया कि उन्होंने बकायदा लिखित में इसकी सूचना सहायक संचालक खेल एसआर कर्ष को दी थी। इस बारे में संपर्क करने पर श्री कर्ष ने यह तो माना कि उनको सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि उन्हों जिले के स्कूली खेल अधिकारी सीएल बघेल को वहां खेल शिक्षकों को भेजने के लिए कहा था। इस संबंध में श्री बघेल ने बताया कि उनको फोन से सूचना दो दिन पहले दी गई थी, पर बैकुंठ में संभाग की फुटबॉल चैंपियनशिप होने के कारण किसी भी खेल शिक्षक को भेजना संभव नहीं था। कुल मिलाकर शिक्षा विभाग को इस बात की चिंता ही नहीं है उनकी मेजबानी में होने वाले इस नए खेल में कैसे खिलाड़ी शामिल होंगे जबकि उनको इस खेल के बारे में जानकारी ही नहीं रहेगी।

1 टिप्पणी:

ACHARYA RAMESH SACHDEVA ने कहा…

बहुत अच्छा लगा
आपका ऍम और पर्यास.
हमें भी गाइड करना.
हम अपने स्कूल में एस खेल का शुभारम्भ करेंगे
RAMESH SACHDEVA
hpsdabwali07@gmail.com

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