बुधवार, 17 मार्च 2010

नौकरी कब मिलेगी?

प्रदेश के ७० खिलाडिय़ों को नौकरी का पात्र मानते हुए सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ी तो घोषित कर दिए हंै, पर किसी भी खिलाड़ी को अब तक नौकरी नहीं दी गई है। हर खिलाड़ी बस एक ही सवाल कर रहा है कि आखिर उनको नौकरी कब मिलेगी। उत्कृष्ट खिलाडिय़ों का मामला अब विधानसभा में भी गूंजने वाला है।
प्रदेश के खिलाडिय़ों को लंबे इंतजार के बाद अंतत: पिछले साल १६ नवंबर को उत्कृष्ट खिलाडिय़ों का प्रमाणपत्र दे कर उनको नौकरी का पात्र घोषित कर दिया गया है। खिलाडिय़ों को खेल विभाग ने एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के हाथों प्रमाणपत्र दिलवाए थे। प्रमाणपत्र पाकर खिलाडिय़ों के चेहरे खिल उठे थे कि चलो अब उनकी बेरोजगारी के दिन दूर हो गए हैं। लेकिन उनका भ्रम बहुत जल्दी ही टूट गया। आज करीब चार माह बाद भी किसी खिलाड़ी को नौकरी नहीं मिल पाई है। खिलाडिय़ों का एक स्वर में कहना है कि आखिर हमें कब नौकरी दी जाएगी। इनका कहना है कि उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करने के बाद सरकार को तत्काल नौकरी देने की दिशा में काम करना था।
इधर जानकार कहते हैं कि खेल विभाग तो इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन नौकरी देने का काम सामान्य प्रशासन विभाग के हाथों में है ऐसे में खेल विभाग की दाल नहीं गल रही है। खेल विभाग में भी रोज उत्कृष्ट खिलाड़ी फोन करके वहां के अधिकारियों से सवाल करते हैं कि सर हमें नौकरी कब मिलेगी? कब होंगे हमारे बेरोजगारी के दिन दूर। खेल विभाग के अधिकारी भी इस बात से परेशान हैं कि आखिर वे करें तो क्या करें। उनके हाथ में बस इतना है कि वे खिलाडिय़ों की व्यथा को सामान्य प्रशासन विभाग तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
खेल विभाग के अधिकारी कहते हैं कि उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को नौकरी देने के नियमों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। इसके पूर्ण होने पर ही बात आगे बढ़ेगी। खिलाडिय़ों को कब तक नौकरी मिलेगी, इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

विधानसभा में भी लगा है सवाल

उत्कृष्ट खिलाडिय़ों ने अपने व्यथा से अपने-अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी अवगत करवाया है। ऐसे में विधानसभा में भी उत्कृष्ट खिलाडिय़ों की नौकरी का मामला गूंजने वाला है। एक प्रश्न वहां लगाया गया है जिसका जवाब तैयार करने का काम खेल विभाग में किया जा रहा है।

नए आवदेन भी मंगवाए गए हैं

एक तरफ जहां प्रदेश के जिन ७० खिलाडिय़ों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया गया है, वे नौकरी की राह देख रहे हैं तो दूसरी तरफ खेल विभाग ने २००९-१० के लिए खिलाडिय़ों से आवेदन मंगवाएं हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि को अब ३१ मार्च तक बढ़ा भी दिया गया है। यहां पर खेलों से जुड़े लोग सवाल कर रहे हैं कि जब पहले चरण के खिलाडिय़ों को ही नौकरी नहीं दी गई है तो फिर दूसरे चरण के लिए आवेदन मंगाने का क्या मतलब है।

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में