मंगलवार, 30 मार्च 2010

मैदान बनाने की सीख रहे हैं कला

पायका योजना के क्रीड़ाश्री को यहां दिए जा रहे प्रशिक्षण में जहां उनको मैदान बनाने की कला सिखाई जा रही है, वहीं खेलों में भी हाथ आजमाने का मौका मिल रहा है।
खेल विभाग द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण के दूसरे चरण में १०० क्रीड़ाश्री ही आ पाए हैं। इस बार परीक्षाओं के कारण इस चरण में कम क्रीड़ाश्री आ पाए हैं। इनको स्पोट्र्स काम्पलेक्स के मैदान में सुबह के सत्र में जहां मास्टर ट्रेनर निंगराज रेड्डी से व्यायाम की कला से अवगत करवाया, वहीं इनको बताया कि कैसे खुद को और खिलाडिय़ों को फिट रखना है। इसको पुल डाऊन, खेलते हुए थकाने पर कैसे आराम करना है, आधे खेल के बाद कैसे अपने को तरोताजा करना ही इसकी कला सिखाई गई। इसी के साथ इनको मैदान बनाने के बारे में भी जानकारी दी गई है। क्रीड़ाश्री को मैदान बनाने के साथ खेलों में हाथ आजमाने का भी मौका दिया गया। रग्बी फुटबॉल के साथ कबड्डी, फुटबॉल के मैच बी करवाए गए।
फुटबॉल के बारे में जानकारी देने का काम एनआईएस कोच सरिता कुजूर ने किया। इसको बोर्ड पर जहां पहले मैदान बनाने की जानकारी दी गई, वहीं शाम के सत्र में मैदान में क्रीड़ाश्री से मैदान बनवाए गए। कबड्डी के बारे में पूरी जनाकारी देने का काम प्रदेश कबड्डी संघ के महासचिव रामबिसाल साहू ने किया। उन्होंने कबड्डी के बारे में क्रीड़ाश्री को बताया कि इस खेल के लिए कैसे खिलाड़ी तैयार करने हैं। क्रीड़ाश्रीको पंजी तैयार करने की जानकारी खेल विभाग के रामजी देवांगन ने दी।

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