प्रदेश भर से आए क्रीड़ाश्री स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के मैदान में लाइन से खड़े हैं और सामने खड़े फिटनेस के मास्टरों द्वारा बताए जा रहे गुर के हिसाब से अभ्यास में जुटे हैं। यह मशक्कत हर क्रीड़ाश्री को फिटनेस मास्टर बनाने के लिए की जा रही है ताकि ये सभी अपने गांव जाकर वहां की प्रतिभाओं को तलाश कर निखारने का काम कर सकें। इन सबको प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन प्रदेश सरकार की प्रतिभा खोज के साथ अयोजन कैसे करवाए जाए इसके बारे में जानकारी देने के अलावा कबड्डी के बारे में भी पूरी जानकारी दी गई।
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने पायका योजना से जुड़े प्रदेश के 982 क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम यहां पर आयोजित किया है। इस कार्यक्रम का पहला चरण यहां पर चल रहा है। इस पहले चरण में राज्य के 18 जिलों के 250 क्रीड़ाश्री शामिल हैं। इन सभी को आज सुबह के सत्र में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में फिटनेस के गुर सिखाने का काम किया गया। यहां पर फिटनेस के गुर सिखाने का काम निंगराज रेड्डी, सरिता कुजूर, वरूण पांडे, संजय पाल, मुकेश गंभीर और अखिलेश आदित्य कर रहे हैं। जब इनको प्रशिक्षण दिया जा रहा था तो ऐसा लग रहा था कि कहीं पर मार्शल आर्ट में कराते की क्लास चल रही है। सभी क्रीड़ाश्री जिस तरह से हर स्टेप को आसानी से कर रहे थे उससे कहीं से नहीं लग रहा था कि इनके लिए यह काम नया है। वैसे भी ज्यादातर क्रीड़ाश्री खेलों से जुड़े हुए हैं।
क्रीड़ाश्री को इसलिए फिटनेस में मास्टर बनाने की तैयारी है क्योेंकि इनको ही आगे अपने-अपने गांव में जाकर प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को निखारने का काम करना है। अगर इसको ही यह मालूम नहीं होगा कि खिलाड़ियों को प्रारंभिक तौर पर कैसे तैयार करना है तो खिलाड़ी कैसे तैयार होंगे। सुबह के सत्र में जहां फिटनेस के गुर बताए गए, वहीं इसके बाद के सत्र में सबसे पहले प्रदेश सरकार की प्रतिभा खोज योजना से क्रीड़ाश्री को अवगत करवाने का काम उपसंचालक ओपी शर्मा ने किया। इन्होंने बताया कि प्रदेश के खेल विभाग ने राज्य के ग्रामीण अंचल के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को एक ंमंच देने के लिए यह योजना बनाई है। इस योजना में पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक खिलाड़ियों का विभिन्न तरीकों से चयन किया जाएगा। राज्य स्तर पर चुने जाने के बाद खिलाड़ियों को सरकार गोद लेकर उनको तैयार करने का काम करेगी।
राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने क्रीड़ाश्री को बताया कि उनको आयोजन करने के लिए क्या-क्या तैयारी करनी है। सभी क्रीड़ाश्री को अपने-अपने गांवों के साथ विकासखंड स्तर पर भी पांच खेलों के आयोजन करने है। आयोजन को सफल बनाने के गुर इनको बताए गए।
प्रदेश कबड्डी संघ के रामबिसाल साहू ने क्रीड़ाश्री को कबड्डी के नियमों से लेकर मैदान और आयोजन के बारे में काफी विस्तार से समझाया। शाम के सत्र में निंगराज रेड्डी ने क्रीड़ाश्री को बताया कि कैसे गांव के एक छोटे से मैदान में कई खेलों के मैदान बनाकर आयोजन किया जा सकता है। फुटबॉल की एनआईएस कोच सरिचा कुजूर ने सभी को फुटबॉल के बारे में विस्तार से जानकारी दी कि कैसे इस खेल का आयोजन करना है।
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