शुक्रवार, 26 मार्च 2010

कई खेलों के गुर सीखे

स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में एक तरफ कबड्डी का खेल चल रहा है तो दूसरी तरफ खिलाड़ी फुटबॉल खेलने में लगे हैं। एक तरफ वालीबॉल का खेल हो रहा है। हर तरफ बस खेल का माहौल है। खिलाड़ी बड़ी गंभीरता से खेल रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि कोई बड़े खेल मेले का आयोजन हो रहा है। लेकिन वास्तव में यह खेल मेला नहीं बल्कि क्रीड़ाश्री प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन खेल दिवस पर खेलों का आयोजन है। एक सप्ताह के प्रशिक्षण शिविर के छठे दिन सभी को मैदान बनाने के साथ कई खेलों में हाथ आजमाने का भी मौका दिया गया।

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने पायका योजना से जुड़े प्रदेश के ९८२ गांवों के क्रीड़ाश्री को यहां पर प्रशिक्षण देने का काम प्रारंभ किया है। पहले चरण मे २५० क्रीड़ाश्री को निखारने में खेल के जानकार पिछले छह दिनों से लगे हुए हैं। इन छह दिनों में इन क्रीड़ाश्री को इतना तराश दिया गया है कि वे अब अपने-अपने गांव जाकर खिलाडिय़ों की नई पौध तैयार करने के काम में आसानी से जुट सकते हैं। क्रीड़ाश्री को पांच दिनों में जो भी बताया गया उसको आजमाने के लिए जहां आज एक क्वीज स्पर्धा का भी आयोजन किया गया, वहीं इनसे शाम के समय में स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में कबड्डी, वालीबॉल, फुटबॉल के मैदान बनवाए गए। हर मैदान में एक ९०अंश का कोण बनता है जो महत्वपूर्ण होता है। मैदान बनाने के बाद क्रीड़ाश्री को समूहों में बांटकर इनके बीच कबड्डी, फुटबॉल और वालीबॉल के मैच भी करवाए गए यह जानने के लिए कि इन्होंने इन खेलों के बारे में क्या सीखा है।

शाम के समय में तो स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के मैदान में एक अलग तरह का ही माहौल था। यहां सभी तरफ खिलाड़ी खेलते नजर आ रहे थे, दरअसल ये खिलाड़ी न होकर क्रीड़ाश्री थे जिनको खेलों में हाथ आजमाने का मौका दिया गया था। खेलों से जुड़कर क्रीड़ाश्री खुश हैं कि चलो उनको भी अब खिलाड़ी तैयार करने के गुर मालूम हो गए हैं। सभी अब अपने-अपने गांव पहुंच कर खिलाडिय़ों को वो सब बताने के लिए बेकरार हैं जो इन्होंने यहां सीखा है।

खेल विभाग के उपसंचालक ओपी शर्मा ने बताया कि कल समापन से पहले आज क्रीड़ाश्री की एक तरह से परीक्षा ली गई कि उन्होंने पांच दिनों में क्या सीखा है। इसी के साथ विदाई की बेला की पूर्व संध्या पर इनके लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। अब पहले चरण के २५० क्रीड़ाश्री कल यहां से विदा हो जाएंगे और अपने-अपने गांव में जाकर खिलाडिय़ों को तराशने का काम करेंगे। प्रशिक्षण शिविर का दूसरा चरण २७ मार्च से पंजीयन से प्रांरभ होगा। २८ मार्च से क्रीड़ाश्री को फिर से निखारने का काम किया जाएगा। इस चरण में भी करीब २५० क्रीड़ाश्री शामिल होंगे।

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