रविवार, 21 मार्च 2010

देश के दिग्गज शतरंज खिलाड़ी राजधानी में

प्रदेश की राजधानी रायपुर में २१ से २६ मार्च तक होने वाली राष्ट्रीय ओपन शतरंज स्पर्धा में देश के दिग्गज खिलाड़ी शिरकत करेंगे। इस स्पर्धा में प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी भाग लेंगे। स्पर्धा में पांच लाख का नकद इनाम दिया जाएगा। विजेता को एक लाख की इनामी राशि मिलेगी।
प्रदेश की राजधानी रायपुर में होने वाली राष्ट्रीय ओपन शतरंज स्पर्धा में खेलने के लिए देश के कई राज्यों के खिलाड़ी यहां पहुंच चुके हैं। स्पर्धा का उद्घाटन निरंजन धर्मशाला में २१ मार्च को शाम ६ बजे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे। विशेष अतिथि खेल मंत्री लती उसेंडी, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रवीन्द्र चौबे होंगे। काफी समय बाद छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से राष्ट्रीय शतरंज स्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के सहयोग से पहले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आमंत्रण शतरंज स्पर्धा का आयोजन किया चुका है। इस बार आयोजित स्पर्धा में पांच लाख की नकद राशि दी जाएगी। विजेता को एक लाख, उपविजेता को ५० हजार और तीसरे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ी को ३५ हजार की राशि दी जाएगी। कुल ३० वर्गों में ६५ पुरस्कार दिए जाएंगे। स्पर्धा में सौ अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग वाले खिलाडिय़ों सहित कुल ३०० खिलाड़ी भाग लेंगे। स्पर्धा अंतरराष्ट्रीय स्विस पद्धति से खेली जाएगाी। स्पर्धा में मुकाबले १० चक्रों तक होंगे।
चेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने शतरंज को एक बार फिर से आम आदमी से जोडऩे के लिए एक अलग तरह से योजना बनाई है। इसी योजना के तहत पहले दिल्ली में १५ लाख की एक इनामी ओपन राष्ट्रीय स्पर्धा का आयोजन किया गया। इस स्पर्धा में छत्तीसगढ़ और मप्र के ८० खिलाड़ी खेले और ५ लाख से ज्यादा की इनामी राशि पर कब्जा जमाया। इस स्पर्धा के बाद अब रायपुर में पांच लाख की इनामी स्पर्धा का आयोजन २१ से २६ मार्च तक किया जा रहा है। इस स्पर्धा में खेलने के लिए प्रदेश के ही नहीं बल्कि पूरे देश के खिलाड़ी बेताब हैं। स्पर्धा में अब तक प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा खिलाडिय़ों ने प्रवेश ले लिया है। चेस फेडरेशन ने यहां की ओपन स्पर्धा में ग्रैंड मास्टर (जीएम) और अंतरराष्ट्रीय मास्टर (आईएम) को प्रवेश नहीं दिया है। यह स्पर्धा नए उभरते खिलाडिय़ों के साथ उन पुराने खिलाडिय़ों के लिए हैं जो जीएम और आईएम के रहने के कारण इनामों तक नहीं पहुंच पाते हैं। यही वजह है फेडरेशन ने एक अलग तरह की योजना बनाकर ऐसी ओपन स्पर्धाओं का पूरे देश में आयोजन करने का फैसला किया है।

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